Hindi Lesson Plan (हिंदी पाठ योजना)
Hindi Lesson Plan ( हिन्दी के लेसन प्लान ) for School teachers, B.Ed, DELED, BTC, BSTC, NIOS, CBSE, NCERT, MEd, and for all teacher training courses.
दोस्तों , अगर आप हिंदी लेसन प्लान ( Lesson Plan in Hindi) ढूंढ रहे है| तो आप बिलकुल ठीक जगह पर है| यहां आपको Hindi Subject के सभी Skills जैसे की MicroTeaching, Mega Teaching, Discussion, Real School Teaching and practice और Observation Skill आदि के बहुत सारे Lesson Plan मिलेंगे | जिसकी सहायता से आप अपने हिंदी के लेसन प्लान बड़ी ही आसानी से बना पाएंगे| और साथ ही साथ अन्य विषयो पर भी Lesson Plan तैयार करने में आपको बहोत मदद मिलेगी | Hindi Lesson Plan के सभी लिंक निचे दिए गए है|
- [100 +] Hindi Lesson Plan For B.Ed
- Collection of Hindi Lesson Plans for School Teachers
- Lesson Plans in Hindi for DELED, BTC, NIOS, M.Ed, and Other Teacher Training Courses
- पाठ योजना का अर्थ और परिभाषा
- लेसन प्लान की आवश्यकता और उद्देश्य
- पाठ योजना बनाने के चरण और रूपरेखा
- लेसन प्लान बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- लेसन प्लान की विशेषताएं
- Check Hindi Lesson Plan Book Online
- Buy Lesson Plans Series Online At Lowest Price
नोट: निचे हमने कुछ टॉपिक्स के Lesson Plan एक से ज्यादा दिए है | आप सभी को एक बार देख ले| और जो आपको अच्छा लगे उससे अपनी हिंदी की पाठ योजना (Hindi Ke Lesson Plan) तैयार कर ले| या फिर सभी को मिलकर भी आप अपना एक नया Lesson Plan तैयार कर सकते है| और ध्यान रहे की निचे दिए गए लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिनमे नाम , कक्षा, कोर्स , दिनांक , अवधि इत्यादि में थोड़ा बहुत बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार इन्हे काम में ला सकते है|
LIST OF ALL LESSON PLANS IN HINDI
Lesson Plans in Hindi for B.Ed
Hindi Lesson Plan for DELED and School Teachers
S.No. |
Hindi Lesson Plans Topics / प्रकरण |
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हिंदी कविता ( लेहरो से डरकर नौका पर नहीं होती - सूर्यकांतत्रिपाठी निराला) |
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पाठ योजना (Path Yojna Kaise Banaye?)
पाठ योजना क्या है?
(Meaning of Lesson Plan in Hindi | Path Yojna Kya Hoti Hai?)
शिक्षक एक पाठ या अध्याय (लेसन) पढ़ाने के लिए उसे छोटी-छोटी इकाइयों(यूनिट्स) में बांट लेता है| जिसे हम प्रकरण (टॉपिक) कहते हैं| एक इकाई की विषय-वस्तु को एक Period में पढ़ाया जाता है| इस विषय वस्तु को पढ़ाने के लिए शिक्षक द्वारा एक विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाती है| जिसे हम पाठ योजना (लेसन प्लान) कहते हैं|
पाठ योजना की परिभाषा
( Defintion of Lesson Plan in Hindi | Path Yojana Ki Paribhasha)
सिम्पसन के अनुसार - "पाठ योजना में शिक्षक अपनी विशेष सामग्री और छात्रों के बारे में जो कुछ भी जानता है| उन बातों का प्रयोग सुव्यवस्थित ढंग से करता है|"
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा शब्दकोश के अनुसार - "पाठ योजना किसी पाठ के आवश्यक बिंदुओं की रूपरेखा है| जिन्हें उस क्रम में व्यवस्थित किया जाता है| जिस क्रम में अध्यापक द्वारा विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाना होता है|"
पाठ योजना की आवश्यकता
( Need or Necessity of Lesson Plan in Hindi | Path Yojna Ki Avashyakta)
एक शिक्षक के लिए पाठ योजना (लेसन प्लान) का निर्माण उतना ही आवश्यक है| जितनी की एक इंजीनियर को भवन निर्माण के लिए मानचित्र या ब्लूप्रिंट की आवश्यक होती है| शिक्षण(Teaching) की प्रक्रिया में पाठ योजना (Lesson Planning) की आवश्यकता के निम्नलिखित कारण हैं|
- लेसन प्लान में [विशिष्ट उद्देश्य लेखन] शिक्षण (टीचिंग ) को दिशा प्रदान करता है|
- लेसन प्लानिंग कक्षा नियंत्रण एवं व्यक्तिगत विभिन्नता के आधार पर शिक्षण प्रक्रिया के नियोजन में सहायता प्रदान करती है|
- पाठ योजना के माध्यम से शिक्षक शैक्षिक लक्ष्य तथा प्रक्रियाओं का नियमन संपूर्ण लक्ष्य तथा क्रियाओं के रूप में तैयार करता है|
- किसी पाठ्यवस्तु के दैनिक शिक्षकों सफलता एवं प्रभावी रूप से प्रदान करने हेतु पाठ योजना अत्यंत सहायक है|
- यह चिंतन में क्रम व्यवस्था एवं विकास के लिए आवश्यक है|
- यह अध्यापक के लिए पथ प्रदर्शन का कार्य करती है|
- पाठ योजना के माध्यम से शिक्षा में शिक्षण की क्रियाओं और सहायक सामग्री (टीचिंग एड्स) की पूर्ण जानकारी हो जाती है|
पाठ योजना के उद्देश्य
( Aims and Objectives of making Lesson Plan in Hindi | Paath Yojna Banane Ke Udeshya)
लेसन प्लान बनाने के उद्देश्य निम्नलिखित हैं|
- कक्षा में शिक्षण की क्रियाओं और सहायक सामग्री (टीचिंग एड्स) की पूर्ण जानकारी कराना पाठ योजना का पहला उद्देश्य है |
- प्रस्तुतीकरण के क्रम तथा पाठ के रूप में निश्चितता की जानकारी कराना भी लेसन प्लानिंग का उद्देश्य है |
- इससे कक्षा शिक्षण के समय शिक्षक की विस्मृति (ForgetFullness ) की संभावना कम होती है|
- निर्धारित पाठ्यवस्तु के सभी तत्वों का विवेचन करना |
- शिक्षण अधिगम सहायक सामग्री (Teaching Aids) के प्रयोग के स्थल शिक्षण विधि तथा प्रविधियों का निर्धारण करना|
पाठ योजना की रूपरेखा
( Structure And Outline of Lesson Plan in Hindi | Path Yojna Ki RoopRekha)
Lesson Plan की रूपरेखा बनाना अति आवश्यक है| क्योंकि इससे पाठ योजना निर्माण हेतु शिक्षक के समक्ष निश्चित लक्ष्य रहता है| तथा इसी आधार पर शिक्षक कक्षा मे पाठ (Lesson) को प्रस्तुत (Present) करता है|
पाठ योजना बनाने के चरण
Steps of Making Lesson Plan | Path Yojna Banae Ki Charan
पाठ योजनाबनाने के चरण निम्नलिखित है |
- सामान्य सूचना
- सामान्य उद्देश्य
- विशिष्ट उद्देश्य
- शिक्षण सहायक सामग्री
- पूर्व ज्ञान
- प्रस्तावना
- उद्देश्य कथन
- शिक्षण विधि
- प्रस्तुतीकरण
- बोधात्मक प्रश्न
- श्यामपट कार्य
- निरीक्षण कार्य
- मूल्यांकन
- गृह कार्य
1. सामान्य सूचना ( General Information ) :
सामान्य सूचना में जिस विद्यालय (School) में शिक्षण (Teaching )किया जाता है| उसका नाम सबसे पहले लिखा जाता है| तथा दूसरी लाइन में छात्र अध्यापकों / अध्यापिकाओं का नाम , तत्पश्चात एक तालिका बनाकर सबसे पहले दिनांक, कक्षा, वर्ग ,विषय, कालांश , समयावधि इत्यादि सामान्य सूचनाएं लिखकर पढ़ाए जाने वाले पाठ का शीर्षक (Title) अर्थात प्रकरण लिखा जाता है|
2. सामान्य उद्देश्य (General Objectives) :
लेखन प्रथम बिंदु के आधार पर सामान्य उद्देश्यको निर्धारित किया जाता है| हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, आदि विषयों के सामान्य उद्देश्य भिन्न-भिन्न होते हैं|अर्थात सामान्य उद्देश्य पढ़ाए जा रहे विषय का होता है| जिससे छात्रों के अंदर उन विषय कौशलों का विकास किया जा सके|
3. विशिष्ट उद्देश्य (Specific Aims and Objectives):
पाठ को पढ़ाने में जिस उद्देश्य की प्राप्ति होती है| वह लिखना चाहिए| विशिष्ट उद्देश्य सामान्य उद्देश्य पर आधारित होते हैं| परंतु विशिष्ट उद्देश्य प्रकरण (टॉपिक) से संबंधित होता है| जिस प्रकरण को आप कक्षा-कक्ष (Classroom) में पढ़ा रहे हैं| उस प्रकरण से संबंधित निश्चित योग्यताएं जो फलीभूत होंगी वहीं विशिष्ट उद्देश्य हैं|
4. शिक्षण सहायक सामग्री (Teaching aids) :
पाठ पढ़ाने में किस प्रकार की अधिगम सामग्री (Learning Material) की आवश्यकता पड़ती है| उसका उल्लेख करना चाहिए | जैसे
- मॉडल (Model),
- प्रतिमान,
- श्यामपट्ट (BlackBoard),
- चॉक(Chalk),
- डस्टर(Duster),
- चार्ट(Chart), इत्यादि|
5. पूर्व ज्ञान (Previous Knowledge Testing) :
पूर्व ज्ञान के आधार पर पाठ को प्रस्तावित किया जाता है| अर्थात पूर्व ज्ञान के आधार पर पाठ का प्रारंभ होता है| पूर्व ज्ञान में छात्रों से उस विषय पर कुछ सवाल पूछे जाते है| जिससे पता चल सके के उन्हें उस विषय के बारे में पहले से कितनी knowledge है|
6. प्रस्तावना :
पूर्व ज्ञान के आधार पर शिक्षक प्रश्न या चार्ट के द्वारा पाठ को प्रस्तावित करता है| प्रस्तावना का अंतिम प्रश्न समस्यात्मक होता है|
7. उद्देश्य कथन :
पाठ को पढ़ने के बाद कौन कौन से उद्देश्य पुरे होंगे | उसके बारे में यह लिखा जाता है|
8. शिक्षण विधि (Teaching Method) :
लेसन पढ़ते समय अध्यापक / अध्यापिका कोन-सी शिक्षण विधि का इस्तेमाल करेंगे| उसे यहाँ लिखा जाता है
9. प्रस्तुतीकरण (Presentation) :
Lesson Plan के इस भाग में छात्रों के सम्मुख पाठ्यवस्तु का शिक्षण बिंदु (Teaching Point) प्रस्तुत किया जाता है|
- कक्षा 1 से कक्षा 5 तक की कक्षाओं के लिए शिक्षण बिंदु प्रश्नोत्तर विधि पर आधारित होता है|
- कक्षा 6 से प्रस्तुतीकरण में लेसन प्लान बनाते समय प्रस्तुतीकरण के अंतर्गत कम से कम 3 शिक्षण बिंदुओं पर प्रस्तुतीकरण बनाना चाहिए | और साथ ही साथ यहां पर विकासात्मक प्रश्न से शिक्षण बिंदु की शुरुआत करनी चाहिए|
- विकासात्मक प्रश्न पूछते हुए जब समस्यात्मक उत्तर छात्रों द्वारा आ जाता है| तब उस शिक्षण बिंदु का स्पष्टीकरण छात्र अध्यापक / छात्र अध्यापिका द्वारा करना चाहिए|
- स्पष्टीकरण के बाद बोधात्मक प्रश्न पूछने चाहिए|
- उच्च प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाते वक्त कम से कम 3 शिक्षण बिंदु पर प्रस्तुतीकरण करना चाहिए|
10. बोध या बोधात्मक प्रश्न :
शिक्षक पढ़ाये गए पाठ में से प्रश्न पूछता है, जो बोध प्रश्न कहलाते हैं|
11. श्यामपट कार्य ( Chalkboard Work ) :
शिक्षक द्वारा समय-समय पर कुछ निश्चित श्यामपट्ट कार्य अवश्य करना चाहिए|
12. निरीक्षण कार्य :
शिक्षक द्वारा जो श्यामपट्ट कार्य किए गए हैं| उन्हें छात्र लिख रहे हैं या नहीं उसको कक्षा में घूम घूम कर निरीक्षण अवश्य करना चाहिए|
13. मूल्यांकन प्रश्न (Evaluation) :
मूल्यांकन प्रश्न संपूर्ण शिक्षण बिंदु पर आधारित होता है| परंतु ध्यान रखने वाली बात यह होती है कि वह बोधात्मक प्रश्न से मिलते जुलते मूल्यांकन प्रश्न नहीं होने चाहिए|
14. गृह कार्य ( HomeWork) :
पाठ के अंत में छात्रों को पाठ से सम्बंधित कुछ कार्य घर के लिए देना चाहिए| और उसकी जांच अगले दिन की जानी चाहिए| जिससे छात्र अर्जित ज्ञान का प्रयोग करना सीख सकें|
पाठ योजना बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें
(Things which should be kept in Mind While Making Hindi Lesson Plan | Path Yojana Banate Samay Dhyan Rakhne Yogya Baate)
कक्षा शिक्षण (ClassRoom Teaching ) की सफलता एवं असफलता बहुत कुछ लेसन प्लान के निर्माण पर निर्भर करती है| इसीलिए हमें पाठ योजना बनाते समय निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए|
- छात्रों की शारीरिक और मानसिक योग्यता एवं क्षमता को जान लेना चाहिए|
- लेसन प्लान बनाने से पहले विषय का अध्यापक को विस्तृत ज्ञान होना अति आवश्यक है|
- अच्छी पाठ योजना बनाने के लिए शिक्षक को अपने विषय की गहन जानकारी के साथ-साथ अन्य सभी विषयों का सामान्य ज्ञान जरूर होना चाहिए|
- प्रकरण को एक या अधिक शिक्षण बिंदुओं में विभाजित करना चाहिए परंतु यह ध्यान रखना चाहिए कि उसी समय अवधि अर्थात कक्षा अवधि में शिक्षण बिंदु समाप्त हो जाए|
- शिक्षण विधि या निति का चयन करना चाहिए|
- पाठ योजना का निर्माण करते समय, समय का पूरा ध्यान रखना चाहिए|
- पाठ के लिए आवश्यक सामग्री का निर्धारण तथा उसके प्रयोग को सुनिश्चित कर लेना चाहिए|
- अध्यापक को शिक्षण सिद्धांत ,शिक्षण सूत्र, तथा शिक्षण विधियों का पूरा ज्ञान होना चाहिए|
- शिक्षक को विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान की जानकारी होनी चाहिए|
प्रभावी पाठ योजना बनाने की विशेषताएं
( Features of Making Effective Lesson Plan | Prabhavi Path Yojna Kaise Banaye?)
- प्रभावी पाठ योजना एक कक्षा में प्रयोग में आने वाली क्रिया की प्रस्तावित रूपरेखा है|
- कक्षा में पाठ योजना विधिवत लिखित रूप में होनी चाहिए|
- पाठ योजना में प्रयुक्त होने वाली शिक्षण सहायक सामग्री का उल्लेख अध्यापक को अवश्य करना चाहिए| जैसे कि चार्ट, मॉडल ,मानचित्र ,फिल्म, स्लाइड्स ,आदि |
- पाठ योजना किसी न किसी उद्देश्य पर आधारित होनी चाहिए |
- आदर्श पाठ योजना विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान पर आधारित होनी चाहिए|
- पाठ योजना आधुनिक विषय वस्तु होती है, जो शिक्षण बिंदुओं के रूप में लिखी जाती है|
- पाठ को उचित सोपान में विभाजित कर देना चाहिए|
- विषय वस्तु का यथासंभव दूसरे विषय से समनव्य होना चाहिए|
- लेसन प्लान की भाषा सरल होनी चाहिए|
- व्यक्तिगत विभिन्ताओ के आधार पर शिक्षण देने की व्यवस्था की जानी चाहिए|
- जितना ज्यादा हो सके उदाहरणों का प्रयोग करना चाहिए|
- विकासात्मक प्रश्नों का प्रयोग करना चाहिए|
- गृह कार्य की व्यवस्था होनी चाहिए|
- पाठ पढ़ते समय श्यामपट्ट का प्रयोग करते रहना चाहिए|
- पाठ की अवधि, कक्षा का स्तर, विषय वास्तु, प्रकरण, अदि सूचनाओं का उल्लेख किया जाना चाहिए|
Check Also:
- All Subject Lesson Plans for Teachers
- B.Ed Lesson Plans for Other Subjects
- B.Ed Practical Files and Assignments
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- B.Ed Model/Sample & Previous Year Papers
- B.Ed Notes and Books Download PDF Free
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All the students of B.Ed and other teacher training courses and also newly appointed teachers of Hindi subject will be able to know how to make the Hindi lesson plan and how to teach Hindi very easily with the help of these Lesson plans in Hindi.
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How To Make A Hindi Lesson Plan
As You Know, Lesson Plans Are Detailed Descriptions Of The Course Of Instructions Or "Learning Trajectories" For Teachers. Lesson Plans Are Developed On A Daily Basis By The Hindi Teachers To Guide Class Learning.
Experienced Teachers May Make It Briefly As An Outline Of The Teacher’s Activities. A Semi-Detailed Lesson Plan Is Made By The New Teachers And It Includes All Activities And Teachers’ Questions.
A Trainee Teacher Should Make A Detailed Lesson Plan, In Which All The Activities, Teacher’s Questions, And Student’s Expected Answers Are Written Down.
Components Of The Hindi Lesson Plan
Hindi Lesson Plans Consist Of The Following Components:
1. General Objectives:
It is The Overall Knowledge Obtained By The Child. It Is Useful In Real-Life Teaching.
2. Specific Objectives:
It Includes:
- Knowledge Objectives: Students Will Be Able To Get Knowledge About The Specific Topic Of Hindi.
- Understanding Objective: Students Will Be Able To Understand The Concept Of The Specific Topic Of Hindi.
- Application Objectives: Students Will Be Able To Apply The Attained Knowledge In Day-To-Day Life.
3. Learning Activities:
1. Preparatory Activities:
These Are
- Drill: Activity Enabling Students To Automate Response To Pre-Requisite Skills Of The New Lesson.
- Review: Activity That Will Refresh Or Renew Previously Taught Material.
- Introduction: An Activity That Will Set The Purpose Of The Day’s Lesson.
- Motivation: All Activities That Arouse The Interest Of The Learners (Both Intrinsic And Extrinsic)
2. Developmental Activities
These Includes:
- Presentation Of The Hindi Lesson: The Teacher Uses Different Activities As A Vehicle To Translate The Knowledge, Values, And Skills Into Learning That Could Be Applied In Their Lives Outside The School.
- Discussion/ Analysis: The Teacher Asks A Series Of Effective Or Cognitive Questions About The Lesson Presented.
- Abstraction/ Generalization: The Complete Summarization Of The Information Takes Place Before The Actual Presentation.
- Closer /Application: This Relates The Lesson To Other Situations In Forms Of
- Dramatization,
- Simulation And Play,
- Storytelling,
- Oral Reading,
- Construction/ Drawing,
- Written Composition,
- Singing Or Reciting A Poem,
- A Test,
- Or Solving Problems.
Evaluation:
It Is A Method Or Way Of Checking Or Evaluating The Objectives Met By The Previous Lessons. Questioning, Summarizing, Comparing, Presenting The Previous Learning, Assigning Work, Administering A Short Quiz, Etc. Come Under This.
Assignment:
- Teachers Prepare This Activity Outside The School Or At Home. Students Bring The Material Needed In The Classroom.
- These Activities Should Help Attain The Lesson’s Objective.
- It Should Be Interesting And Differentiated (With Provision For Remedial, Reinforcement, And Enrichment Activities.)
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आर्दश दैनिक पाठ योजना प्रारूप कैसे बनाये?
दोस्तों जब हम B.ed, D.el.ed., BSTC, BTC आदि अन्य नामों से जाना जाने वाला शिक्षण प्रशिक्षण कोर्स(Teacher Training Course) कर रहे होते है तो इस दौरान कई प्रकार की पाठ योजनाये(Lesson Plans) बनानी होती है | इसी समय आपके मन में तरह-तरह के सवाल आते है जैसे कि:-
- पाठ योजना क्या होती है?
- पाठ योजना प्रारूप क्या होता है?
- एक अच्छी और आदर्श पाठ योजना कैसे बनाई जा सकती है?
इत्यादि कई प्रकार के प्रश्न आते है, लेकिन कम जानकारी के अभाव में हम एक अच्छी और आदर्श पाठ योजना नहीं बना पाते है |
आपकी इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए हमने आज 5 प्रकार की दैनिक पाठ योजना(Daily Lesson Plan) के प्रारूप हमने आपके साथं शेयर किये है |
पाठ योजना क्या होती है?
दोस्तों पाठ योजना प्रारूप(Lesson Plan Format) को जानने से पहले ये जान लेते है कि आखिर ये पाठ योजना होती क्या है?
पाठ योजना का सम्बन्ध शिक्षण की पूर्व अवस्था से है अथार्त पाठ योजना का निर्माण शिक्षण कार्य करने से पहले किया जाता है | साधारण शब्दों में समझे तो..... जिस प्रकार किसी भी कार्य को करने से पूर्व उसकी रुपरेखा बनाई जाती है एवं उसका नियोजन किया जाता है, ठीक उसी प्रकार शिक्षक को भी कक्षा कक्ष में विद्यार्थियों को पढ़ाने से पूर्व पाठ की रुपरेखा बनानी होती है और उसका नियोजन करना होता है, इसी को हम पाठ योजना कहते है |
पाठ योजना क्यों बनाई जाती है?
हर सफल कार्य के पीछे एक अच्छी योजना होती है | यहाँ अध्यापक के लिए यह बात उतनी ही आवश्यक है क्योंकि जो अध्यापक जो कक्षा कक्ष में जाने से पूर्व ही अपनी एक पाठ योजना तैयार कर लेता है, वह अध्यापक निश्चित रूप से अपने उद्देश्यों को बहुत सहज तरीके से प्राप्त कर लेता है | अत: हम यहाँ यह कह सकते है कि पाठ योजना शिक्षक को उद्देश्य प्राप्त करने में सहायता प्रदान करती है |
पाठ योजना प्रारूप क्या है?
पाठ योजना प्रारूप पहले से निर्धारित एक प्रारूप है जो कही सिद्धांतों पर आधारित है | कई शिक्षाविदों ने पाठ योजना के अलग-अलग प्रारूप दिए है, लेकिन आज के समय में वो ही पाठ योजना प्रारूप प्रयोग में लाये जाते है जो कि बाल केन्द्रित एवं मनोवैज्ञानिक होते है | गद्य, पद्य, कहानी, नाटक, आदि के लिए अलग-अलग पाठ योजना प्रारूप होते है और पाठ योजना को प्रारूप के अनुसार ही बनाना होता है |
एक अच्छी और आदर्श पाठ योजना कैसे बनाई जा सकती है?
पहले से निर्धारित पद्धतियों और उपागमों पर आधारित पाठ योजना प्रारूप के आधार पर एक अच्छी एवं आदर्श पाठ योजना बनाई जा सकती है |
- पाठ योजना ऐसी होनी चाहिए जो सभी उद्देश्यों को प्राप्त करें |
- पाठ को नीरस न बनाये |
- पाठ को सरल तरीके से प्रस्तुत कर सके |
- पाठ को आसानी से समझाया जा सके |
गद्य शिक्षण की पाठ योजना का प्रारूप
अगर अब तक आप यह सोचकर परेशान थे कि गद्य शिक्षण की पाठ योजना(Gadya Shikshan Lesson Plan) कैसे बनाये? गद्य शिक्षण का पाठ योजना प्रारूप कैसा होता है? तो अब आपकी परेशानी ख़त्म हो चुकी है, आप निचे दिए गए प्रारूप को ध्यान में रखते हुए गद्य शिक्षण की एक अच्छी एवं आदर्श दैनिक पाठ योजना बना सकते है |
- औपचारिक पूर्ति/अनिवार्य पूर्ति/प्राथमिक पूर्ति , जैसे:- दिनांक, कक्षा, विषय, कालांश, अवधि आदि |
- उद्देश्य, जैसे:- सामान्य उद्देश्य, विशिष्ट उद्देश्य, अपेक्षित व्यवहारगत परिवर्तन|
- सहायक सामग्री/उद्योतन सामग्री, जैसे:- चार्ट, मॉडल, श्यामपट्ट, पाठ्यपुस्तक आदि|
- पूर्व ज्ञान
- प्रस्तावना प्रश्न ( 4-5 प्रश्न)
- उद्देश्य कथन
- प्रस्तुतीकरण
- पाठ का विकास
- आदर्श वाचन
- अनुकरण वाचन
- उच्चारण संशोधन
- काठिन्य निवारण/आत्मीकरण
- भाव बोध प्रश्न(3-4 प्रश्न)
- मौन वाचन
- विचार विश्लेषण प्रश्न(3-4 प्रश्न)
- मूल्याङ्कन प्रश्न(5-6 प्रश्न)
- गृहकार्य( 1 प्रश्न निबंधात्मक)
- पद्य शिक्षण की पाठ योजना का प्रारूप
अगर अब तक आप यह सोचकर परेशान थे कि पद्य शिक्षण की पाठ योजना(Padya Shikshan Lesson Plan) कैसे बनाये? पद्य शिक्षण का पाठ योजना प्रारूप कैसा होता है? तो अब आपकी परेशानी ख़त्म हो चुकी है, आप निचे दिए गए प्रारूप को ध्यान में रखते हुए पद्य शिक्षण की एक अच्छी एवं आदर्श दैनिक पाठ योजना बना सकते है |
- औपचारिक पूर्ति/अनिवार्य पूर्ति/प्राथमिक पूर्ति , जैसे:- दिनांक, कक्षा, विषय, कालांश, अवधि आदि |
- उद्देश्य, जैसे:- सामान्य उद्देश्य, विशिष्ट उद्देश्य, अपेक्षित व्यवहारगत परिवर्तन|
- सहायक सामग्री/उद्योतन सामग्री, जैसे:- चार्ट, मॉडल, श्यामपट्ट, पाठ्यपुस्तक आदि|
- पूर्व ज्ञान
- प्रस्तावना प्रश्न ( 4-5 प्रश्न)
- उद्देश्य कथन
- प्रस्तुतीकरण
- पाठ का विकास
- आदर्श वाचन
- अनुकरण वाचन
- काठिन्य निवारण
- सस्वर वाचन
- केन्द्रीय भाव बोध प्रश्न
- पुनः सस्वर वाचन
- रसानुभूति/सौन्दर्यानुभूति/भावानुभूति प्रश्न(3-4 प्रश्न)
- समभावी पद
- तुलनात्मक प्रश्न(3-4 प्रश्न)
- समवेत वाचन /सामूहिक वाचन
- गृहकार्य( 1 प्रश्न निबंधात्मक)
कहानी शिक्षण की पाठ योजना का प्रारूप
अगर अब तक आप यह सोचकर परेशान थे कि कहानी शिक्षण की पाठ योजना(Kahani Shikshan Lesson Plan) कैसे बनाये? कहानी शिक्षण का पाठ योजना प्रारूप कैसा होता है? तो अब आपकी परेशानी ख़त्म हो चुकी है, आप निचे दिए गए प्रारूप को ध्यान में रखते हुए कहानी शिक्षण की एक अच्छी एवं आदर्श दैनिक पाठ योजना बना सकते है |
- औपचारिक पूर्ति/अनिवार्य पूर्ति/प्राथमिक पूर्ति, जैसे:- दिनांक, कक्षा, विषय, कालांश, अवधि आदि |
- उद्देश्य, जैसे:- सामान्य उद्देश्य, विशिष्ट उद्देश्य, अपेक्षित व्यवहारगत परिवर्तन|
- सहायक सामग्री/उद्योतन सामग्री, जैसे:- चार्ट, मॉडल, श्यामपट्ट, पाठ्यपुस्तक आदि|
- पूर्व ज्ञान
- प्रस्तावना प्रश्न ( 4-5 प्रश्न)
- उद्देश्य कथन
- प्रस्तुतीकरण
- पाठ का विकास
- आदर्श वाचन
- अनुकरण वाचन
- उच्चारण संशोधन
- काठिन्य निवारण/आत्मीकरण
- भाव बोध प्रश्न(3-4 प्रश्न)
- मौन वाचन
- भाव विश्लेषण प्रश्न(3-4 प्रश्न)
- कहानी का मूल भाव
- मूल्याङ्कन प्रश्न(5-6 प्रश्न)
- गृहकार्य( 1 प्रश्न निबंधात्मक)
नाटक शिक्षण की पाठ योजना का प्रारूप
अगर अब तक आप यह सोचकर परेशान थे कि नाटक शिक्षण की पाठ योजना(Natak Shikshan Lesson Plan) कैसे बनाये? नाटक शिक्षण का पाठ योजना प्रारूप कैसा होता है? तो अब आपकी परेशानी ख़त्म हो चुकी है, आप निचे दिए गए प्रारूप को ध्यान में रखते हुए नाटक शिक्षण की एक अच्छी एवं आदर्श दैनिक पाठ योजना बना सकते है |
- औपचारिक पूर्ति/अनिवार्य पूर्ति/प्राथमिक पूर्ति, जैसे:- दिनांक, कक्षा, विषय, कालांश, अवधि आदि |
- उद्देश्य, जैसे:- सामान्य उद्देश्य, विशिष्ट उद्देश्य, अपेक्षित व्यवहारगत परिवर्तन|
- सहायक सामग्री/उद्योतन सामग्री, जैसे:- चार्ट, मॉडल, श्यामपट्ट, पाठ्यपुस्तक आदि|
- पूर्व ज्ञान
- प्रस्तावना प्रश्न ( 4-5 प्रश्न)
- उद्देश्य कथन
- प्रस्तुतीकरण
- पाठ का विकास
- आदर्श वाचन
- अनुकरण वाचन
- उच्चारण संशोधन
- काठिन्य निवारण/आत्मीकरण
- सार कथन
- सार बोध प्रश्न(3-4 प्रश्न)
- अध्यापक कथन(चरित्र चित्रण)
- सार विश्लेषण प्रश्न(3-4 प्रश्न)
- कक्षा अभिनय/ नाट्य अभिनय
- अभ्यास प्रश्न(3-4 प्रश्न परन्तु अनिवार्य नहीं)
- मूल्याङ्कन प्रश्न(5-6 प्रश्न)
- गृहकार्य( 1 प्रश्न निबंधात्मक)
व्याकरण शिक्षण की पाठ योजना का प्रारूप
अगर अब तक आप यह सोचकर परेशान थे कि व्याकरण शिक्षण की पाठ योजना(Vyakaran Shikshan Lesson Plan) कैसे बनाये? व्याकरण शिक्षण का पाठ योजना प्रारूप कैसा होता है? तो अब आपकी परेशानी ख़त्म हो चुकी है, आप निचे दिए गए प्रारूप को ध्यान में रखते हुए व्याकरण शिक्षण की एक अच्छी एवं आदर्श दैनिक पाठ योजना बना सकते है |
- औपचारिक पूर्ति/अनिवार्य पूर्ति/प्राथमिक पूर्ति, जैसे:- दिनांक, कक्षा, विषय, कालांश, अवधि आदि |
- उद्देश्य, जैसे:- सामान्य उद्देश्य, विशिष्ट उद्देश्य, अपेक्षित व्यवहारगत परिवर्तन|
- सहायक सामग्री/उद्योतन सामग्री, जैसे:- चार्ट, मॉडल, श्यामपट्ट, पाठ्यपुस्तक आदि|
- पूर्व ज्ञान
- प्रस्तावना प्रश्न ( 4-5 प्रश्न)
- उद्देश्य कथन
- प्रस्तुतीकरण
- पाठ का विकास
- विश्लेषण-संश्लेषण/नियमीकरण
- उदाहरण वाक्य
- विकासात्मक प्रश्न(3-4 प्रश्न)
- लघु नियम
- उदाहरण वाक्य
- विकासात्मक प्रश्न(3-4 प्रश्न)
- लघु नियम
- उदाहरण वाक्य
- विकासात्मक प्रश्न(3-4 प्रश्न)
- सिद्धांत निरूपण
- अभ्यास प्रश्न(3-4 प्रश्न परन्तु आवश्यक नहीं)
- मूल्याङ्कन प्रश्न(5-6 प्रश्न)
- गृहकार्य( 1 प्रश्न निबंधात्मक)
- कक्षा:4
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: हमारे त्यौहार
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
- कक्षा: 9
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: पंडित जवाहरलाल नेहरू
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 5
- विषय: हिंदी कहानी
- टॉपिक: मित्रता
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 6
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: रहीम के दोहे
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 7
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: पदबंध और उसके प्रकार
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा: 6th to 8th
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: वाच्य एवं उसके भेद
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Vachya LESSON PLAN IN HINDI For CLASS 6 to 10 in Hindi For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - वाच्य पाठ योजना हिंदी व्याकरण
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher's Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
पाठोपरांत:
- विद्यार्थी हिंदी भाषा के महत्व की सामान्य जानकारी प्राप्त कर पाएंगे|
- विद्यार्थी किसी बात के प्रस्तुत करने के ढंग के विषय में सामान्य जानकारी प्राप्त कर पाएंगे|
- विद्यार्थी हिंदी भाषा में बात करने के ढंग को समझ पाएंगे|
- विद्यार्थी वाच्य का भावार्थ मूल्यांकन कर पाएंगे|
सहायक सामग्री:
- सामान्य:चौक, बोर्ड, झाड़न, संकेतिका, पुस्तक
- विशिष्ट:चार्ट, मॉडल, रेडियो-स्लाइड
- वाच्य चार्ट
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
छात्र-अध्यापिका बच्चों से पूछते हुए- क्रिया किसे कहते हैं? | किसी कार्य को की जाने वाली प्रक्रिया| |
पढ़ना, लिखना, बोलना आदि क्या है? | क्रिया |
क्रिया के कितने भेद हैं? | दो |
हम बात करते हैं, बात करने के लिए किसका प्रयोग करते हैं? | भाषा |
बोलने के ढंग को क्या कहते हैं? | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्देश्य कथन: आओ बच्चों आज हम वाच्य के विषय में जानेंगे|
प्रस्तुतीकरण:
क्रम संख्या: | शिक्षण बिंदु: | शिक्षण विधि: | छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
1. | वाच्य | प्रदर्शन व व्याख्या विधि | “किसी बात को प्रस्तुत करने के ढंग को वाच्य कहा जाता है|” | |
2. | प्रश्न वाच्य के प्रकार | प्रदर्शन व व्याख्या विधि | वाच्य किसे कहते हैं? वाच्य के तीन प्रकार हैं:
| किसी बात को प्रस्तुत करने के ढंग को वाच्य कहा जाता है| |
3. | प्रश्न | वाच्य के कितने प्रकार हैं? | वाच्य के मुख्यतः तीन प्रकार है:
| |
4. | कृत वाच्य उदाहरण उदाहरण | व्याख्या विधि प्रश्न उत्तर विधि राम पुस्तक पढ़ता है| छात्र-अध्यापिका छात्रों से प्रश्न पूछेंगी: उपरोक्त वाक्य में राम क्रिया को करने वाला है, तो यह कर्ता कहा जा सकता है या नहीं? श्याम गाना गाता है? इस वाक्य में कर्ता बताओ| | इसमें कर्ता की प्रधानता होती है, और कर्ता के वचन, लिंग के अनुसार ही क्रिया होती है| | |
5. | कर्मवाच्य उदहारण | व्याख्या विधि: | इसमें कर्म की प्रधानता होती है, इसमें क्रिया, कर्म के लिंग, वचन व पुरुष के अनुसार ही होती है| सीता के द्वारा पत्र लिखा गया| | |
6. | संबंधित प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि | वाक्य में जहां कर्म की प्रधानता हो उसे क्या कहते हैं| | उत्तर:जहां कर्म की प्रधानता हो, वहां कर्मवाच्य होता है| |
7. | भाववाच्य उदहारण | प्रदर्शन व व्याख्या विधि | जब वाक्य में कर्ता व कर्म की प्रधानता न होकर भाव की प्रधानता होती है, तो वाक्य भाववाच्य कहलाता है| इसमें क्रिया प्रधान पुरुष एकवचन व पुल्लिंग में होती है| मुझसे जाया नहीं गया| |
मूल्यांकन:
- वाच्य किसे कहते हैं?
- कर्मवाच्य से आप क्या समझते हैं?
- सीता के द्वारा पाठ पढ़ा गया में कौन सा वाच्य है?
गृहकार्य:
सभी विद्यार्थी वाच्य और उसके भेदों को याद करेंगे और लिख कर लाएंगे?
- कर्म वाच्य की परिभाषा लिखिए?
- कृत वाच्य के पांच उदाहरण लिखिए?
- राम और श्याम से यह पाठ नहीं पढ़ा गया, किस वाच्य में आता है?
- कक्षा: 6
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: वचन एवं उसके प्रकार
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 6
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: ऋतुएँ
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 7
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: समास
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 4
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: ताजमहल
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 7
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: मधपान ( मदिरापान ) की समस्या
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
Micro Teaching Skills In Hindi / सूक्ष्म शिक्षण हिंदी पाठ योजना
- कक्षा (Class) – 5, 6, 7, 8, 9 , 10
- विषय(Subject) - हिंदी व्याकरण (Hindi Vyakran/Grammar)
- प्रकरण (Topic) – समास (हिंदी व्याकरण)
- माइक्रो टीचिंग स्किल- प्रस्तावना कौशल
- समय - 6 मिनट
अध्यापक /अध्यापिका क्रियाएं- | छात्र क्रियाएं- |
अध्यापक / अध्यापिका श्यामपट्ट पर लिखे हुए शब्दों की ओर संकेत करते हुए कहेंगे | माता + पिता = माता-पिता विश्राम + ग्रह = विश्राम गृह घोड़ा + सवार= घुड़सवार यह सभी शब्द कैसे बने हैं? (पूर्व ज्ञान सूक्ष्म कौशल (माइक्रो टीचिंग स्किल ) का प्रयोग) | यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बने हैं। |
माता पिता में पूर्व पद कौन सा है? (पूर्व ज्ञान एवं तारतम्यता सूक्ष्म कौशल का प्रयोग) | माता पिता में पूर्व पद माता है। |
माता पिता में उत्तर पद कौन सा है? (शाब्दिक तथा शाब्दिक व्यवहार की सार्थकता एवं उचित साधनों का प्रयोग) | माता पिता शब्द में उत्तर पद पिता है। |
समास की परिभाषा बताएं? (तारतम्यता सूक्षम शिक्षण कौशल का प्रयोग) | समस्यात्मक प्रश्न |
अध्यापक अध्यापिका कथन- दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से बने सार्थक शब्द समास कहलाते हैं। |
निरीक्षण अनुसूची एवं रेटिंग स्केल (Observation Schedule)
व्यवहार घटक (components or elements used) | रेटिंग स्केल (Rating scale) |
पूर्व ज्ञान का प्रयोग | 0, 1 , 2 , 3 , 4, 5 , 6 |
तारतम्यता का प्रयोग | 0, 1 , 2 , 3 , 4, 5 , 6 |
शाब्दिक एवं अशाब्दिक व्यवहार की सार्थकता | 0, 1 , 2 , 3 , 4, 5 , 6 |
उचित साधनों का प्रयोग | 0, 1 , 2 , 3 , 4, 5 , 6 |
सूक्ष्म शिक्षण (माइक्रो टीचिंग) हिंदी में कैसे बनाते हैं ? तथा इसे बनाने के विभिन्न चरण कौन-कौन से होते हैं और इसका प्रयोग हम कहां कहां और कैसे कर सकते हैं?
अगर आप बीएड(B.Ed) , बीटीसी, (BTC), D.El.Ed के 1st, 2nd , 3rd , 4th ya kisi bhi semester or year ka विद्यार्थी हैं| या फिर किसी स्कूल में हिंदी के अध्यापक/ अध्यापिका है तो आपको माइक्रो टीचिंग स्किल्स की जरूरत पड़ती होगी। दोस्तों इस पोस्ट के माध्यम से आप हिंदी का माइक्रोटीचिंग लेसन प्लान (हिंदी की सूक्ष्म पाठ योजना) बड़ी आसानी से बना सकते हैं|
माइक्रो टीचिंग हिंदी लेसन प्लान में हमने समास विषय को लिया है जो की हिंदी व्याकरण के अंदर आता है और कक्षा 6, 7 ,8, 9, 10 के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी होगा। न केवल कक्षा पांचवी छठी सातवीं आठवीं के लिए, अपितु कक्षा 1, 2, 3, 4, और 11, 12 के हिंदी के अध्यापक, अध्यापिका भी सूक्ष्म माइक्रो हिंदी लेसन प्लान की मदद से सूक्ष्म पाठ योजना तैयार कर सकते है इस माइक्रो टीचिंग स्किल में हमने प्रस्तावना कौशल का प्रयोग किया है जिसमें एक तरफ अध्यापक अध्यापिका क्रियाएं दी गई हैं यह वह क्रियाएं हैं जो अध्यापक/ अध्यापिका कक्षा में पढ़ाते समय करेंगे वहीं दूसरी तरफ छात्र क्रियाएं दी गई हैं जिसमें अध्यापक द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर छात्र-छात्राएं देंगे।
यह सूक्ष्म माइक्रो टीचिंग स्किल्स ज्यादा समय के नहीं होते हैं 5 से 8 मिनट तक के होते हैं जिसमें अध्यापक सभी सक्षम टीचिंग स्किल्स को इस्तेमाल करके एक दमदार तरीके से पाठ की शुरुआत करते हैं
इस हिंदी की माइक्रो टीचिंग लेसन प्लान में जो स्किल इस्तेमाल किए गए हैं वह है पूर्व ज्ञान का प्रयोग जिसमें अध्यापक/ अध्यापिका कक्षा में विद्यार्थियों से कुछ सवाल पूछते हैं और उनके पूर्व ज्ञान का परीक्षण करते हैं साथ ही साथ तारतम्यता और शाब्दिक अशाब्दिक व्यवहार का भी प्रयोग करते हैं।
- कक्षा: 8
- विषय: हिंदी व्याकरण
- टॉपिक: अलंकार
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 7
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: अभिमानी दिया ( कविता )
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 5
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: शिष्टाचार
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 7
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: आदर्श विद्यार्थी
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 6
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: एक बूँद ( कविता ) -कवि ( हरिऔध )
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा:8
- विषय: हिंदी ( कविता )
- टॉपिक: बहुत दिनों के बाद - कवि ( नागार्जुन )
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 7
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: प्राणी वही प्राणी है ( कविता )
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 8
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: महात्मा गाँधी जीवन परिचय
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 7
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: काल और उसके भेद
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 3
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: लिंग और उसके भेद
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 8
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: भाषा एवं व्याकरण
- पाठ योजना प्रकार: डिस्कशन
- कक्षा: 6
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: मीरा के काव्यगत विशेषताएं
- पाठ योजना प्रकार: मेगा टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 5
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: हमारे राष्ट्रीय प्रतीक ( राष्ट्रीय चिन्ह )
- पाठ योजना प्रकार: मेगा टीचिंग
- कक्षा: 7
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: हार की जीत ( कहानी )
- पाठ योजना प्रकार: मेगा टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
Microteaching Class 4 to 8 Hindi Lesson Plan on Bharat Ka Rashtriyagaan
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- विषय: हिन्दी
- टॉपिक: राष्ट्रगान
- पाठ योजना प्रकार: सूक्षम शिक्षण
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Rashtragan (Bharat ka Rashtriyagaan) Lesson Plan In Hindi For Class 1st,2nd,3rd,4th,5th and 6th [राष्ट्रगान पाठ योजना] For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil-Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
शिक्षण बिंदु: | छात्राध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: | श्यामपट्ट कार्य: |
अनिवार्य बिंदु का समावेश | राष्ट्रीय पर्वो पर एवं सामाजिक कार्यक्रमों में देश के हर भाग में राष्ट्रगान गाया जाता है|बच्चों आज हम यह जानेंगे कि इसे इतना महत्व क्यों दिया जाता है| भारत में बसने वाली जनता भगवान में विश्वास करती है| भगवान हम सबका जनक है, अतः वे ही हम सबका भाग्य विधाता है, इसी कारण कवि ने उन्हें भारत का भाग्य विधाता कहकर उनकी प्रार्थना की है, और जयकार की है| प्रश्न - भगवान के लिए किस शब्द का प्रयोग किया है| भारत एक विशाल देश है, इसमें हर प्रकार की छटा है, विशाल भूखंड के उनके प्रदेशों में भिन्न-भिन्न जाति के लोग बसे हैं, इसी बात को भारत सदा जागृत रखने के लिए इस गीत में कवि ने भारत के सभी प्रदेशों के पहाड़ों का भी उल्लेख किया है| अध्यापिका बच्चों से विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछेंगी| | राष्ट्रीय गान | |
प्रश्न | राष्ट्रगान के रचयिता कौन है? | रवीन्द्रनाथ टैगोर | |
प्रश्न | तिरंगा हमारे मन में कौन सा भाव जगाता है? | स्वतंत्रता का भाव | |
प्रश्न | हमें स्वतंत्रता कब मिली थी? | 15 अगस्त 1947 ईस्वी | |
प्रश्न | राष्ट्रगान में किन-किन का वर्णन है? | देश, नदी, पर्वत और पहाड़ | |
पुनरावृति | राष्ट्रगान को साफ-साफ अपनी कॉपी में लिखिए| | ||
गृहकार्य | राष्ट्रगान को कंठस्थ करे| |
Obersvation Schedule:
Serial No. | Components | Rating Scale |
1. | संचालन | 0 1 2 3 4 5 |
2. | हाव भाव | 0 1 2 3 4 5 |
3. | अन्तः क्रिया शैली परिवर्तन | 0 1 2 3 4 5 |
4. | विद्यार्थियों का क्रियात्मक सहयोग | 0 1 2 3 4 5 |
BEd Microteaching Lesson plan in Hindi for Class 6th to 9th on Dwandh Samas Hindi Vyakran Topic
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- विषय: Hindi
- टॉपिक: द्वन्द समास
- पाठ योजना प्रकार: सूक्षम ( माइक्रो टीचिंग )
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
B.ED MICROTEACHING LESSON PLAN IN HINDI on Dwand Samas For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED [ द्वन्द समास पाठ योजना ] | Dwand Samas Lesson Plan In Hindi
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
शिक्षण बिंदु: | छात्राध्यापक क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: | श्यामपट्ट कार्य: |
समास | जब दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया शब्द का निर्माण करते हैं, तो नयी बनी हुई शब्द को हम व्याकरण में समास कहते हैं| | समास: जब दो या दो से अधिक शब्द मिल कर एक नया शब्द का निर्माण करते है| | |
संबद्धता | अध्यापिका चार्ट पर लिखा हुआ कथन बच्चों के सामने प्रस्तुत करेंगी| | ||
द्वन्द्व समास | रामायण में राजा – प्रजा पिता – पुत्र, गुरु – शिष्य, भाई – भाई, सेवक – स्वामी के संबंधों का आदर्श रूप दिखाया गया है| इस प्रकार के शब्द को द्वन्द्व समास कहते हैं| इस समास में दोनों ही पद प्रधान होते हैं| इसका विग्रह करने पर योजक शब्दों का प्रयोग होता है| जैसे – राजा -रानी, दाल – भात, दही – बड़ा आदि | राजा – रानी दाल – भात दही – बड़ा | |
सरल रोचक | अब अध्यापिका बच्चों से विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछेंगी, तथा सामाजिक पदों एवं बच्चों के उत्तर श्यामपट्ट पर लिखेगी| | बच्चे ध्यानपूर्वक सुन रहे है| | |
प्रश्न | राजा – प्रजा में कौन सा शब्द छिपा हुआ है? | और | |
प्रश्न | पिता-पुत्र में बहुत प्यार है| | पिता और पुत्र | |
प्रश्न | गुरु:शिष्य में से संबंध बनाने के लिए किस शब्द का बोध होता है? | स्वामी और सेवक | रात और दिन स्वामी और सेवक भाई और बहन |
प्रश्न | गंगा यमुना हिमालय पर्वत से निकलती है| | गंगा और यमुना | |
प्रश्न | हमें लाभ हानि की चिंता नहीं करनी चाहिए| | लाभ और हानि | |
प्रश्न | राम रात:दिन पढ़ाई में लगा रहता है| | रात और दिन | |
प्रश्न | भाई:बहन को प्यार से रहना चाहिए| | भाई और बहन |
पुनरावृति
समास किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए|
गृहकार्य
समास के परकारो को उदाहरण सहित लिखिए|
निरीक्षण अनुसूची एवं रेटिंग स्केल
क्रम संख्या: | घटक: | रेटिंग स्केल: |
1.) | उदाहरण के सार्थकता | 1 2 3 4 5 |
2.) | उदाहरण के सरलता | 1 2 3 4 5 |
3.) | उदाहरण के रोचकता | 1 2 3 4 5 |
4.) | माध्यमों के उपयुक्ता | 1 2 3 4 5 |
5.) | उपागम के उपयुक्ता | 1 2 3 4 5 |
Kavi Surdas je ka jeevan parichay , rachnaye, bhashasheli, kavya visheshtao par Microteaching Hindi Path Yojna (Lesson Plan) Class 6th to 10th k Liye
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: महाकवि सूरदास की काव्य वशेषताएँ
- पाठ योजना प्रकार: सूक्षम ( माइक्रो टीचिंग )
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Surdas Lesson Plan in Hindi [ महाकवि सूरदास जी पर हिंदी पाठ योजना] For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - Kavi Surdas Ke Pad Aur Unki KavyaGat Vishestaye Lesson Plan in Hindi
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher's Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
शिक्षण बिंदु: | छात्राध्यापक क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: | श्यामपट्ट कार्य: |
जीवन परिचय | महाकवि सूरदास जी का जन्म सन 1478 ईस्वी को मथुरा-आगरा मार्ग पर स्थित रुनकता नामक गांव में हुआ था, कहा जाता है कि यह जन्म से अंधे थे, परंतु इनके काव्य में वर्णित प्रसंगो तथा प्रकृति के सभी चित्रों को देखकर इस बात पर विश्वास नहीं होता| | बच्चे सूर दास जी के बारे में जानना चाहते है| ध्यान पूर्वक सुन रहे हैं| | |
रचनाएं | सूरदास जी की तीन प्रमुख रचनाएं हैं:1. ‘सूरसागर’, 2. ‘सूर-सारावली’ और 3. ‘साहित्य लहरी’ इनमें सूरसागर ही कवि की अमर कीर्ति का आधार है, सूरदास वात्सल्य और श्रृंगार रस के अन्यतम कवि हैं, इन के काव्य में बालकृष्ण के सौंदर्य और उनकी चपल चेष्टा और क्रीड़ाओं की मनोहर झांकी मिलती है| इनके काव्य में कृष्ण और गोपियों के अनन्य प्रेम का चित्रण है| संयोग श्रृंगार की अपेक्षा इनके काव्य में वियोग श्रृंगार का विस्तृत और मार्मिक चित्रण हुआ है, सूरसागर में भक्ति और विनय संबंधी पद भी प्रचुर मात्रा में मिलते हैं इनके पदों में सूरदास जी की भक्ति भावना का परिचय मिलता है| | ध्यान पूर्वक सुन रहे हैं| | सूरदास जी की प्रमुख रचनाये:सूरसागर सूर सारावली साहिय लहरी |
भाषा शैली | सूरदास जी ब्रजराज श्री कृष्ण के अनन्य भक्त थे, ब्रज की लोकप्रिय प्रचलित भाषा को अपने कार्य में आधार बनाया| इनकी ब्रजभाषा में मधुरता और सरलता का मिश्रण मिलता है, इन्होंने अरबी ,फारसी अवधि तथा पूर्वी हिंदी के शब्दों को अपनाया है मुहावरों और कहावतो का प्रयोग भी इन्होंने किया है| इनके काव्य में उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा आदि अलंकारों का प्रयोग बहुत ही सुंदर ढंग से हुआ है| | अलंकार उपमा रूपक उत्प्रेक्षा | |
काव्यगत विशेषताएं | महाकवि सूरदास जी का श्री कृष्ण के अनन्य भक्त थे इन्होंने अपनी रचनाओं में श्री कृष्ण जी की विविध लीलाओं का वर्णन किया है| वात्सल्य रस के ये सम्राट थे हिंदी में ही नहीं संसार की किसी भी भाषा में बाल-सुलभ चेष्टाओ का अनूठा वर्णन किया है, जो अन्य कवि आज तक नहीं कर सके इनका बाल हठ, माखन चोरी, शिशु सुलभ चपलता, खीझ, स्पर्धा, नटखटपन आदि का वर्णन अत्यंत मनोहारी है अब मै आप सभी से कुछ पुछुगी| | ||
प्रश्न | सूरदास जी की रचनाओं के बारे में बताइए? | सूरसागर सूर सारावली साहित्य लहरी | |
प्रश्न | सूरदास जी ने अपनी रचनाओं में किसका वर्णन किया है? | ||
प्रश्न | सूरदास जी ने किस रस का वर्णन किया है? | ||
प्रश्न | सूरदास जी ने किस काव्य भाषा में रचना की है? |
निरीक्षण अनुसूची एवं रेटिंग स्केल:
क्रम संख्या: | घटक: | रेटिंग: |
1. | व्याकरणीय शुद्धता | 0 1 2 3 4 5 6 |
2. | पर्याप्त भाव मुद्रा का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 6 |
3. | स्वर में आरोह अवरोह का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 6 |
4. | भाव केन्द्रीकरण का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 6 |
Suksham Hindi Path Yojna on Sangya aur uske bhed for Class 6th
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा: 5 to 10
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: संज्ञा और उसके भेद
- पाठ योजना प्रकार: सूक्षम शिक्षण
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
SANGYA LESSON PLAN IN HINDI [संज्ञा पाठ योजना] Hindi Grammar For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED | Sangya Aur Uske Bhed Par Hindi Lesson Plan
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher's Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
सहायक सामग्री: चाक, श्यामपट्ट, झाड़न, संकेतक आदि|
सामान्य उद्देश्य:
- छात्रों की मानसिक शक्ति का विकास करना|
- छात्रों की मौखिक तथा लिखित रूप से भाव व्यक्त करने की क्षमता को उजागर करना|
- बच्चों में श्रवण, लेखन, वाचन, पठन, आदि कौशलों का विकास करना|
विशिष्ट उद्देश्य:
ज्ञानात्मक उद्देश्य: बच्चों के ज्ञान में वृद्धि करना तथा बच्चों को संज्ञा के बारे में परिचित कराना|
प्रयोगात्मक उद्देश्य: बच्चों को संज्ञा की परिभाषा, भेद, और उदाहरण को बताना|
बोधात्मक उद्देश्य: बच्चों को कठिन शब्दों का अर्थ बताना|
कौशलात्मक उद्देश्य: संज्ञा को मौखिक एवं लिखित रूप में समझाना
शिक्षण बिंदु: | छात्राध्यापक क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: | श्यामपट्ट कार्य: |
संज्ञा | किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं| जैसे: राम, दिल्ली, टेबल, बुढ़ापा, बचपना आदि| रमेश कल दिल्ली जाएगा इस वाक्य में स्थान है, दिल्ली तथा व्यक्ति रमेश है, यह दोनों शब्द ही संज्ञा है| | संज्ञा: रमेश, दिल्ली, बुढ़ापा, पर्वत, मनुष्य आदि | |
संज्ञा के भेद: | संज्ञा के प्रायः तीन भेद होते हैं|
| ||
व्यक्तिवाचक संज्ञा | जिस शब्द से किसी एक व्यक्ति, वस्तु अथवा स्थान का बोध होता है. उसे हम व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं| जैसे:राम, मोहन, दिल्ली, गंगा, हिमालय आदि| | ||
जातिवाचक संज्ञा | जिस शब्द से किसी एक ही प्रकार की जाति का बोध हो, उसे हम जातिवाचक संज्ञा कहते हैं| जैसे: मनुष्य, पशु, वृक्ष, नदी, पर्वत, बगीचा, कवि इत्यादि| | ||
भाववाचक संज्ञा | जिस संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति या पदार्थ की दशा, गुण, दोष आदि का बोध होता है उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं| जैसे- सत्य, न्याय, प्रेम, दया, बुढ़ापा, लंबाई, घबराहट, मिठास इत्यादि| उदाहरण: गुण के नाम: भलाई, बुराई, मोटाई इत्यादि दया के नाम: लड़कपन, दरिद्रता, धनी इत्यादि भाव के नाम- दयालु, क्रोधी, मोह, बुढ़ापा इत्यादि | भाववाचक संज्ञा-बुढ़ापा,मित्रता |
पुनरावृति:
संज्ञा किसे कहते हैं? तथा उनके भेदों के नाम बताएं|
संज्ञा के सभी भेदों के दो दो उदाहरण दें|
Observation Schedule:
S. No. | Components | Rating |
1. | व्याकरणीय शुद्धता | 0 1 2 3 4 5 |
2. | विशिष्टता | 0 1 2 3 4 5 |
3. | आवाज | 0 1 2 3 4 5 |
4. | विविध प्रश्न | 0 1 2 3 4 5 |
Micro teaching Hindi Grammar Lesson Plan on Visheshan for Class 4th to 8th
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- विषय: हिन्दी
- टॉपिक: विशेषण
- पाठ योजना प्रकार: सूक्षम शिक्षण
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Visheshan Lesson Plan In HINDI For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - विशेषण पाठ योजना हिंदी व्याकरण
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher's Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
शिक्षण बिंदु: | छात्राध्यापिका अनुक्रिया: | छात्र अनुक्रिया: | श्यामपट्ट कार्य: |
विशेषण | बच्चों इन वाक्यों को ध्यान पूर्वक देखो:
दिए गए वाक्यों में रेखांकित शब्दों को देखें| यह सभी शब्द इन उपयुक्त वाक्यों की रीढ़ है, तथा इनकी विशेषता बतलाती है, इसे ही विशेषण कहते हैं| | छात्र ध्यानपूर्वक देख रहे हैं| छात्र ध्यान पूर्वक सुन रहे हैं| | |
विशेषण की परिभाषा उदाहरण | जो शब्द संज्ञा एवं सर्वनाम की विशेषता बताती है, उन्हें विशेषण कहते हैं| सुंदर, भला-बुरा, खट्टा, छोटा, दो, चार , मीठा इत्यादि| | छात्रों ने अपनी कॉपी में नोट किया| | |
विशेषण के भेद | प्रमुख रूप से विशेषण के चार भेद होते हैं:
| छात्र ध्यान पूर्वक सुन रहे हैं| | |
गुणवाचक विशेषण परिभाषा | इन वाक्यों को ध्यान पूर्वक देखो:
इन वाक्यों में धनी और सफेद ये शब्द विशेषण है, क्योंकि जो शब्द स्थिति, आकार तथा गुण की विशेषता बताते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं| जो शब्द संज्ञा सर्वनाम के गुण, दोष, स्थिति, आकार, रंग आदि की विशेषता का बोध कराएं उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं जैसे: अच्छा, बुरा, काला, मोटा इत्यादि | छात्र ध्यान पूर्वक सुन रहे हैं साथी कॉपी में लिख भी रहे हैं| | |
परिमाणवाचक विशेषण परिभाषा | इन वाक्यों को ध्यान से देखो-
इन वाक्यों में थोड़ी, ज्यादा इस प्रकार के शब्द से परिमाण माप-तौल का पता चलता है, जिसका अनुमान हम वजन के रूप में लगा सके हैं, इसी कारण ऐसे शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं| जो शब्द किस प्रकार की वस्तु की माप तौल संबंधी विशेषता को बतलाते हैं, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं जैसे- थोड़ा, ज्यादा, कम इत्यादि| | छात्र ध्यान पूर्वक सुन रहे हैं| | |
संख्यावाचक विशेषण परिभाषा | अब इन बातों को ध्यान पूर्वक सुने:
जो शब्द किसी व्यक्ति या वस्तु की संख्या का बोध कराते हैं, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते हैं जैसे:एक, पांच, कुछ, बहुत इत्यादि | ||
सार्वनामिक विशेषण | प्यारे बच्चों ! इन वाक्यों को ध्यान से देखो:
इस प्रकार के वाक्य जिसमें यह, वह, इसका उसका अर्थात, वे शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की ओर संकेत करते हैं, उन्हें संकेतवाचक विशेषण कहते हैं| | छात्र कॉपी में लिख रहे हैं| |
पुनरावृति:
- विशेषण किसे कहते हैं
- गीली कमीज धूप में रख दो|
- इस वाक्य में विशेषण छाटिये|
- विशेषण के कितने भेद होते हैं|
- परिमाणवाचक तथा संख्यावाचक में क्या अंतर है बताएं?
Note: निचे दिया गए हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, विषय इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: आठवीं
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: नौवीं
- विषय: हिंदी - पत्र
- टॉपिक: स्वस्थ्य अधिकारी को पत्र
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: चौथी
- विषय: हिंदी - निबंध
- टॉपिक: दिवाली दीपो का त्यौहार
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: सातवीं
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: समानार्थी शब्द
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: छठि
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: समश्रुति भिन्नार्थक शब्द
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
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- कक्षा: दसवीं
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: अलंकार और उसके प्रकार
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
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- विषय: हिंदी
- टॉपिक: चिट्ठियों के अनोखी दुनिया
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: सातवीं
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: रहीम के दोहे
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: आठवीं
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: वर्तनी विकार
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: आठवीं
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: संधि और उसके भेद
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 9
- विषय: हिंदी पत्र
- टॉपिक: शुल्क माफ़ी के लिए प्रार्थना पत्र
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
Lesson Plan for Hindi on Kriya | Kriya Lesson Plan | Hindi Grammar Lesson Plan Class 6 On Kriya Or Kriya Ke Bhed
क्रिया पाठ योजना | Kriya Lesson Plan In Hindi For B.Ed / DELED Class 6
विद्यालय का नाम - |
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
पाठ विश्लेषण :-
- इस पाठ से छात्र क्रिया के भेद से परीक्षित होंगे ।
- इस अध्याय में हिंदी व्याकरण में क्रिया के महत्व के बारे में बताया गया है ।
- दैनिक जीवन में क्रिया का प्रयोग करना ।
सामान्य उद्देश्य :-
- छात्र विषय वस्तु का प्रत्यास्मरण कर सकेंगे ।
- छात्र क्रिया के प्रयोग के बारे में जान सकेंगे ।
- पाठ श्रवण में मनोयोग , पूर्वक सुनने की क्षमताओं का विकास करना ।
- छात्रों में कल्पना शक्ति का विकास करना ।
- छात्रों को क्रिया के प्रयोग के साथ मौखिक अभिव्यक्ति का विकास करना ।
विशिष्ट उद्देश्य :-
- छात्र क्रिया के पदों को समझ सकेंगे ।
- छात्र पुस्तक में आए क्रिया के पदों का चयन कर सकेंगे ।
- छात्र क्रिया के प्रयोग से नए नए शब्द बना सकेंगे ।
- छात्र क्रिया से युक्त रचनात्मक भाषा का प्रयोग कर सकेंगे ।
सामान्य सहायक शिक्षण सामग्री :–
- श्वेत वर्तिका
- लपेट फलक
- चित्र
- चार्ट्स
- संकेतक
- अन्य कक्षा कक्ष शिक्षण में उपयोगी सहायक सामग्री ।
अनुदेशात्मक सामग्री – विषय से संबंधित चार्ट
पूर्व ज्ञान परीक्षण – छात्र अध्यापक विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान हेतु निम्नलिखित प्रश्न पूछेंगी |
छात्राध्यापक क्रिया | छात्र क्रिया |
1. तुम विद्यालय किस कारण आते हो ? | पढ़ने के लिए |
2. तुम पेंसिल से कॉपी में क्या करते हो ? | लिखते है |
3. जिन शब्दों से किसी कार्य का करना या होना व्यक्त हो उन्हें क्या कहते है ? | क्रिया |
4. क्रिया के बारे में आप क्या जानते हैं ? | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्देश्य कथन :–
अच्छा बच्चों ! आज हम क्रिया के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे ।
प्रस्तुतीकरण :–
छात्र अध्यापक व्याख्यान विधि व चार्ट के माध्यम से कक्षा में अपना पाठ प्रस्तुत करेंगी ।
शिक्षण बिंदु | छात्र अध्यापक क्रियाएं | छात्र क्रियाएं | मूल्यांकन |
क्रिया की परिभाषा क्रिया के भेद मूल वाक्य के साथ क्रिया का उपयोग चार्ट । | क्रिया की परिभाषा :- जिन शब्दों से किसी कार्य का करना या होना व्यक्त हो उन्हें क्रिया कहते हैं । क्रिया को चार्ट के माध्यम से समझाया जाएगा । शिक्षक श्यामपट्ट पर क्रिया के भेद के बारे में विस्तार से बताएगा । क्रिया के भेद - कर्म के आधार पर - सूचना के आधार पर - काल के आधार पर - | छात्र ध्यानपूर्वक सुनेंगे व समझेंगे । छात्र क्रिया जोड़कर नए वाक्य बनाएंगे । | प्रश्नों द्वारा आकलन छात्रों की अभिव्यक्ति द्वारा । |
सकर्मक क्रिया अकर्मक क्रिया द्विकर्मक क्रिया | जिस वाक्य में कर्म प्रधान होता है तथा क्रिया का फल कर्ता पर ना पढ़कर कर्म पर पड़ता है उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं । जैसे - राहुल आम खाता है । वाक्य में खाने का फल आम पर पड़ता है । अतः आम कर्म है । जिन क्रियाओं का फल कर्ता पर पड़ता है तथा कर्म पर नहीं उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं । जैसे- मनोज सोता है यहां मनोज ( कर्ता ) द्वारा ही क्रिया पूरी हो रही है । जब वाक्य में दो कर्म हो तो उसकी क्रिया द्विकर्मक कहलाते हैं जैसे राम ने श्याम को पुस्तक दी । इस वाक्य में दो कर्म है । | छात्र प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करेंगे । | |
विकासात्मक प्रश्न- 1. जिन शब्दों से किसी कार्य के करने या होने का पता चले , उन्हें क्या कहते हैं ? 2. क्रिया की पहचान क्या है ? शिक्षक पुनः क्रिया प्रधान मूल शब्दों का वाक्य में प्रयोग करने के लिए कहेगा । | छात्र ध्यानपूर्वक सुनेंगे व अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखेंगे । |
पुनरावृत्ति –
- क्रिया किसे कहते हैं ?
- क्रिया का प्रयोग क्यों जरूरी हैं ?
- "राम ने रावण को मारा ।" इस वाक्य में कर्म पद कौनसा है ?
- क्रिया के कितने भेद बताए गए हैं ?
गृहकार्य –
- क्रिया और उसके भेद लिखिए ?
- जिस क्रिया का कर्म होता है , उसे कौनसी क्रिया कहते हैं ?
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- कक्षा: छठी
- विषय:हिंदी
- टॉपिक: क्रिया
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: सातवीं
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: कारक ( कर्ता और कर्म कारक )
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: 7
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: काल और उसके भेद ( भूत , भविष्य , वर्तमान )
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
- कक्षा: सातवीं
- विषय: हिंदी व्याकरण
- टॉपिक: विशेषण
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: आठवीं
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: अवधपुरी के राम ( राम कथा )
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- कक्षा: पांचवी
- विषय:हिंदी
- टॉपिक: मुहावरे और लोकोक्तियाँ
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Hindi Grammar Topic Sanghya ( Vyaktivachak, Jativachak, Bhavvachak) , Sarvnam aur uske Bhed Lesson Plan in Hindi for Class 4th,5th to 8th teachers
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- विषय: हिंदी
- कक्षा:5th to 8th
- टॉपिक: संज्ञा, सवर्नाम और उसके भेद
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Lesson Plan in Hindi Class 4th,5th to 8th on Hindi Grammar Topic Sangya Aur Sarvnam (संज्ञा, सर्वनाम और उसके भेद पाठ योजना) for B.Ed and DE.L.Ed | Sangya Sarvnam Lesson Plan
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
- छात्र संज्ञा व सर्वनाम शब्द को परिभाषित कर पाएंगे|
- छात्र संज्ञा शब्द से परिचित हो पाएंगे|
- छात्र संज्ञा व सर्वनाम के उदाहरण लिख पाएंगे|
- छात्र संज्ञा व सर्वनाम में अंतर कर पाएंगे|
- संज्ञा व सर्वनाम का दैनिक जीवन में प्रयोग जान पाएंगे|
- छात्र सर्वनाम शब्दों का महत्व जानेंगे|
- छात्र वस्तु के नाम से उसके कार्य को संबंधित करने योग्य हो पाएंगे|
सामान्य सहायक शिक्षण सामग्री:चौक, स्वच्छक, संकेतक, श्यामपट्ट
अनुदेशनात्मक शिक्षण सहायक सामग्री:संज्ञा संबंधित चार्ट, सर्वनाम के भेद का चार्ट
पूर्वज्ञान परीक्षण:
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
क्या आप कभी घूमने कहीं घूमने गए हैं? | हां |
कहां गए थे? | आगरा, दिल्ली आदि| |
वहां आपने क्या-क्या देखा? | ताजमहल - (आगरा) लालकिला - (दिल्ली) |
क्या आपने इन वस्तुओं के विषय में कहीं पढ़ा है? ( एक छात्र को खड़ा करके ) | हां हमारी पुस्तक है| |
इसका नाम क्या है? | राम, श्याम, संभावित उत्तर |
क्या आप जानते हैं स्थान वस्तु या व्यक्ति के नाम को क्या कहते हैं? | समस्यात्मक प्रश्न |
सहायक उद्देश्य कथन:अच्छा बच्चों आज हम संज्ञा सर्वनाम के विषय में पढेंगे|
प्रस्तुतीकरण:
शिक्षण बिंदु: | शिक्षण विधि: | छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
संज्ञा | प्रदर्शन व व्याख्या विधि | बच्चों ! किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा स्थान के नाम को संज्ञा कहते हैं| जैसे – राम, दिल्ली, पुस्तक आदि | |
संज्ञा के भेद | व्याख्या विधि | संज्ञा के तीन भेद होते हैं – व्यक्तिवाचक संज्ञा ,जातिवाचक संज्ञा, भाववाचक संज्ञा | |
व्यक्तिवाचक संज्ञा | व्याख्या विधि | वह संज्ञा शब्द जिससे किसी एक वस्तु, व्यक्ति अथवा स्थान के नाम का बोध हो व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाती है| | |
संबंधित प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि | व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण बताओ? | |
जातिवाचक संज्ञा | व्याख्या विधि | किसी संख्या से किसी जाति के संपूर्ण पदार्थों, स्थलों, प्राणियों आदि का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं| | |
संबंधित प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि | जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण बताओ| | |
भाववाचक संज्ञा | व्याख्या विधि | जिन शब्दों से गुण, दोष, स्वभाव, दशा आदि का बोध होता है, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं| | |
संबंधित प्रश्न | व्याख्या विधि | भाववाचक संज्ञा का उदाहरण बताओ| | |
सर्वनाम | व्याख्या विधि | सर्वनाम : संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं| जैसे – तुम, मै, हम, आप आदि | |
सर्वनाम के भेद | प्रदर्शन विधि | सर्वनाम कितने प्रकार के होते हैं – पुरुषवाचक- तू, मैं, वह निश्चयवाचक- थोड़ा, बहुत अनिश्चयवाचक – कोई, कुछ संबंधवाचक- जैसा, वैसा प्रश्नवाचक- क्या, कौन निजवाचक- आप, स्वयं |
मूल्यांकन:
- संज्ञा किसे कहते हैं, उदाहरण सहित बताओ|
- जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं, उन्हें क्या कहते हैं?
- ‘राम बाजार गया’ में संज्ञा छाटिये?
गृहकार्य:
- संज्ञा, सर्वनाम की परिभाषा बताओ|
- संज्ञा व सर्वनाम के उदाहरण लिखो|
- संज्ञा के कितने भेद होते हैं, नाम बताओ|
- सर्वनाम के कितने भेद होते हैं नाम लिखिए|
This is the Sample Hindi Lesson Plan for Class 7th Teachers of Hindi Subject on Mithai Vala Story
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा: 7 ( CBSE NCERT - VASANT)
- विषय: हिंदी कहानी
- टॉपिक: मिठाई वाला
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Hindi Lesson Plan on MithaiWala Story (मिठाई वाला हिंदी कहानी पाठ योजना) for Class 7 | Mithai Wala Lesson Plan In Hindi
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
- विद्यार्थी ग्रामीण जीवन के बारे में सामान्य जानकारी प्राप्त कर पाएंगे|
- विद्यार्थी अपने परिवार के बारे में सामान्य जानकारी प्राप्त कर पाएंगे|
- विद्यार्थी स्वयं द्वारा खरीदी गई वस्तुओं की सारणी बनाने के योग्य हो पाएंगे|
- छात्र वस्तुओं का उपयोग करने की जानकारी प्राप्त कर पाएंगे|
- विद्यार्थी समाज के हर कार्य को अपने बाल्य जीवन में प्रयोग कर पाएंगे|
- विद्यार्थी समान की खरीद संबंधी गुण व दोष जानने की सामान्य जानकारी कर पाएंगे|
सामान्य सहायक शिक्षण सामग्री:चौक, स्वच्छक, संकेतक, श्यामपट्ट
अनुदेशनात्मक शिक्षण सहायक सामग्री:मिठाईवाले का चित्र
पूर्वज्ञान परीक्षण:
छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी अपना मनपसंद खेल आदि का सामान किससे खरीदते हैं? | दुकान से |
क्या आपके गांव में कोई व्यक्ति कुछ सामान बेचने आता है? | हाँ आते हैं| |
यदि आपके गांव में कोई व्यक्ति कुछ सामान लेकर आए तो आप क्या क्या खरीदेंगे? | संभावित उत्तर |
सहायक उद्देश्य कथन:अच्छा बच्चों आज हम मिठाई वाले के विषय में पढेंगे|
प्रस्तुतीकरण:
शिक्षण बिंदु: | शिक्षण विधि: | छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
बहुत ही मीठे स्वरों के साथ वह गलियों में घूमता हुआ कहता:बच्चों को बहलानेवाला| | आदर्श वाचन व व्याख्या विधि | प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से लेखक ने किसी ऐसे दुखी व्यक्ति की जीवन शैली की विभिन्न घटनाओं का मार्मिक वर्णन किया है, जिसमें वह एक ऐसे व्यक्ति को माध्यम बनाता है जो नितांत के कारण अपने बच्चों से बिछड़ गया है, और अपने बच्चों का सुख पाने के लिए और उनके कोमल अंगों का पूर्ण स्पर्श करने के आनंद का अनुभव करना एक माध्यम है| | |
बच्चें मोल भाव करते है...| | प्रश्न उत्तर विधि व्याख्या विधि | प्रस्तुत पाठ में कैसे व्यक्ति का वर्णन किया गया है? बच्चों को खिलौने बेचने वाले के लिए आकार उनकी कोमल उंगलियों का स्पर्श करना कितना महत्वपूर्ण समझना मिठाई वाले की बच्चों के प्रति प्यार और दुलार का मार्मिक चित्रण किया गया है| | |
संबंधित प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि | मिठाई वाला व्यक्ति गाँव में कितने समय के बाद आता है? | |
सर्दी के दिन थे। रोहिणी स्नान करके मकान की छत पर चढ़कर आजानुलंबित केश-राशि सुखा रही थी। | व्याख्या विधि | लेखक ने फिर आठ माह बाद उसी व्यक्ति को काम बदलकर प्रवेश करते दिखाया गया है|तो गांव की स्त्रियां भी अपना काम छोड़कर उस मिठाई वाले को देखने को उत्सुक हो जाती हैं, एक रोहिणी नाम की स्त्री स्नान करके छत पर पहुंची और अपने घने बाल सुखा रही थी इतने में मिठाई वाले के आने का स्वर मिलता है, और सभी का ध्यान उस पर आकर्षित हो जाता है क्योंकि उसकी आवाज इतनी आकर्षक थी जिसने सबको अपना बना लिया| |
मूल्यांकन:
- मिठाईवाला इसी गांव में क्यों आया करता था?
- मिठाईवाला किसके माध्यम से काम करना चाहता था?
- मिठाईवाला को ही लेखक ने विभिन्न रूपों में गांव में आते दिखाया गया है, क्यों?
गृहकार्य:
- बच्चों आप यह बताओ, चुन्नू मुन्नू कौन थे?
- आप सभी लोग रोहिणी के पति का नाम लिखो?
- मिठाई वाला कौन था?
- चुन्नू मुन्नू की मां का क्या नाम क्या था?
Hindi Grammar Lesson Plan Class 7, 8th, 9th on Viram Chinn ( Puran Viram, Ardh Viram, Prashan viram, Vismyabhav, Yojak, Nirdeshak, Avtaran, Vivran, Kosthak, Hans Pad, Laghav )
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा: 7 8 9
- विषय: हिंदी व्याकरण
- टॉपिक: विराम चिन्ह
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Hindi Grammar Lesson Plan Class 7 to 10 on Viram Chinh in Hindi For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED | विराम चिह्न पाठ योजना | Viram Chinh Lesson Plan
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil-Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
- विद्यार्थी भाषा में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न प्रकार के उतार-चढ़ाव रुकना आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे|
- विद्यार्थी लिखित व मौखिक भाषा के द्वारा अपने विचार व्यक्त कर सकेंगे|
- विद्यार्थी विभिन्न प्रकार की पत्र-पत्रिकाओं एवं समाचार पत्र आदि को पढ़ाने व समझाने की योग्यता प्राप्त कर सकेंगे|
- विद्यार्थी भाषा का दैनिक जीवन में लिखित एवं मौखिक दोनों रूपों में प्रयोग कर सकेंगे|
- विद्यार्थी भाषा की संक्षिप्त रूप को अपने शब्दों में व्याख्या करने के योग्य हो जाएंगे|
सामान्य शिक्षण सहायक सामग्री:चौक, स्वच्छक, संकेतक, श्यामपट्ट
पूर्वज्ञान परीक्षण:
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
रमेश बाजार गया है| इस वाक्य के अंत में कौन सा चिन्ह प्रयुक्त हुआ है| | विराम चिन्ह |
भाषा के लिखित एवं मौखिक रूप में वाक्य के अंत में क्यों रुका जाता है? | समस्यात्मक प्रश्न |
सहायक उद्देश्य कथन:आज हम आपको विराम चिह्नों के बारे में जानकारी देंगे|
प्रस्तुतीकरण:
शिक्षण बिंदु: | शिक्षण विधि: | छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
विराम चिन्ह | प्रदर्शन व व्याख्यान विधि | भाषा के लिखित रूप में वाक्य के बीच में तथा वाक्य के अंत में विराम के लिए कुछ संकेतो अथवा चिन्हों का प्रयोग किया जाता है इन चिन्हों को विराम चिन्ह कहा जाता है| | |
संबंधित प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि | बच्चों ! विराम चिन्ह का अर्थ क्या होता है? | |
विराम चिन्ह के प्रकार | प्रदर्शन विधि | विराम चिन्ह मुख्यता 12 प्रकार के होते हैं: 1.) पूर्ण विराम (| ) 2.) अर्धविराम ( ; ) 3.) अल्पविराम (, ) 4.) प्रश्नवाचक चिह्न (? ) 5.) विस्मयवाचक चिह्न(!) 6.) योजक चिह्न(-) 7.) निर्देशक चिह्न ( _ ) 8.) अवतरण चिह्न ( “ ” ) 9.) विवरण चिह्न (:- ) 10.) कोष्ठक चिह्न() 11.) हंस पद ( ^ ) 12.) लाघव चिह्न(o ) | |
विराम चिन्ह का प्रयोग | व्याख्या विधि | पूर्ण विराम: जब कोई वाक्य पूरा हो जाता है तो उसके अंत में पूर्ण विराम का चिन्ह लगाया जाता है| अर्धविराम:जब किसी वाक्य में रुकने के लिए पूर्ण विराम की अपेक्षा कम समय लगता है, तो अर्ध विराम का प्रयोग होता है| अल्पविराम:अल्पविराम में सबसे कम समय तक रुकना पड़ता है| प्रश्नवाचक चिह्न:प्रश्न पूछने पर प्रश्न के अंत में प्रश्नवाचक चिन्ह लगाया जाता है| | |
विराम चिन्ह का प्रयोग | व्याख्या व प्रदर्शन विधि | विस्मयवाचक चिह्न:इसका प्रयोग हर्ष, दुःख या शोक प्रकट करने के लिए किया जाता है| योजन चिह्न:शब्दों को जोड़ने का काम करते हैं| निर्देशक चिह्न:इसका प्रयोग किसी व्यक्ति विशेष को निर्देश देने के लिए किया जाता है| अवतरण चिह्न:अवतरण चिन्ह दो प्रकार के होते हैं, जिसमें इकहरा और दोहरा अवतरण | वह शब्द जो मूल शब्द के पहले जुड़ते हैं, और उसका अर्थ बदलते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं| |
विराम चिन्ह का प्रयोग | प्रदर्शन विधि | विवरण चिह्न: किसी विषय का विवरण देने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है| कोष्ठक चिह्न:कोष्ठक चिह्न का प्रयोग समान अर्थ वाले वाक्य के लिए किया जाता है| हंसपद चिह्न:त्रुटिपूर्ण चिन्ह का प्रयोग जब वाक्य के बीच में छूट जाता है| लाघव चिह्न:वाक्यांश को संक्षिप्त लिखने के लिए| |
मूल्यांकन:
- विराम चिन्ह किसे कहते हैं?
- पूर्ण विराम का प्रयोग कहां पर होता है?
- लाघव चिन्ह का प्रयोग कहां पर होता है?
- विवरण चिह्न का प्रयोग कहां पर होता है?
गृहकार्य:
बच्चों आप सभी को विराम चिन्ह के संकेतों को याद करके आएंगे एवं परिभाषा तथा उनके प्रयोग को स्पष्ट लिखकर लाएंगे|
Lesson Plan Hindi Class 7,8,9 on Hindi Grammar Topic Shabad Rachna
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा: 5,6,7,8,9
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: शब्द रचना
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Hindi Vyakran Shabd Rachna Lesson Plan in Hindi for Class 5th to 10th for B.Ed and DE.L.Ed | शब्द रचना पाठ योजना हिंदी व्याकरण
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil-Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
- विद्यार्थी हिंदी भाषा के लिखे गए एवं मौखिक रूप से कहे जाने वाले शब्दों को पहचानने के योग्य हो पाएंगे|
- विद्यार्थी शब्दों के माध्यम से वाक्य की रचना कर पाएंगे
- विद्यार्थी हिंदी भाषा के शब्दों से वाक्य बनाने के योग्य हो जाएंगे
- विद्यार्थी विभिन्न प्रकार के शब्दों में भेद कर सकने में योग्य हो जाएंगे
- विद्यार्थी शब्दों को अपने सामान्य जीवन में प्रयोग कर सकेंगे
- विद्यार्थी वाक्यों का निर्माण कर उन्हें उनके अर्थो में अंतर कर पाएंगे
- विद्यार्थी शब्दों के अर्थ का विश्लेषण कर पाएंगे
सामान्य सहायक शिक्षण सामग्री:चौक, स्वच्छक, संकेतक, श्यामपट्ट
अनुदेशनात्मक शिक्षण सहायक सामग्री:शब्दों के प्रकार का लिखा हुआ चार्ट
पूर्वज्ञान परीक्षण:
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
राम बाजार जाता है| 1. इस वाक्य में इसके निर्माण से शब्दों की रचना हुई है? | वर्ण |
2.वर्ण के कितने प्रकार होते हैं? | स्वर व्यंजन |
3.वाक्य रचना के लिए इसकी जरूरत होती है? | शब्द |
4.दो या दो से अधिक वर्णों के मेल से बनने वाले सार्थक शब्द को क्या कहेंगे? | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्देश्य कथन:आज हम आपको शब्द एवं उसकी रचना के बारे में जानकारी देंगे|
प्रस्तुतीकरण:
शिक्षण बिंदु: | शिक्षण विधि: | छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
शब्द रचना | व्याख्या विधि व प्रदर्शन विधि | शब्द निर्माण की दृष्टि से शब्दों को दो श्रेणियों में रखा जाता है| 1. मूल शब्द 2. व्युत्पन्न शब्द | |
मूल शब्द | व्याख्या विधि | मूल शब्द – मूल शब्द को ही रूढ़ि शब्द कहा जाता है| | |
व्युत्पन्न शब्द | प्रदर्शन विधि | व्युत्पन्न शब्द -व्युत्पन्न शब्द उपसर्ग और प्रत्यय के योग से बनते हैं| उपसर्ग और प्रत्यय शब्द नहीं वरन शब्दार्थ हैं| | |
उपसर्ग उदाहरण | व्याख्या विधि | वह शब्द जो मूल शब्द के पहले जुड़ते हैं और उसका अर्थ बदलते हैं उपसर्ग कहलाते हैं| अभाव में ‘अ’ उपसर्ग है| कुसंगति में ‘कु’ उपसर्ग है| अत्यधिक में ‘अति’ उपसर्ग है| अनजान में ‘अन’ उपसर्ग है| | |
प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि | उपसर्ग किसे कहते हैं? | वह शब्द जो मूल शब्द के पहले जुड़ते हैं, और उसका अर्थ बदलते हैं उपसर्ग कहलाते हैं| |
संबंधित प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि | बच्चों ! उपसर्ग के उदाहरण दीजिए? | |
प्रत्यय | व्याख्या विधि उदाहरण | वह शब्द जो मूल शब्द के अंत में जुड़कर शब्द का अर्थ परिवर्तित कर देते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं| दैनिक – इक प्रत्यय सातवा – वा प्रत्यय | |
संबंधित प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि | बच्चों ! प्रत्यय के उदाहरण दीजिए? | |
प्रत्यय के प्रकार | व्याख्या विधि व प्रदर्शन विधि | मुख्य रूप से प्रत्यय के दो प्रकार हैं: 1.कृत्य प्रत्यय 2.तद्धित प्रत्यय कृत्य प्रत्यय:पठन, मनन, पीड़ा तद्धित प्रत्यय:मानव, चचेरा |
मूल्यांकन:
- शब्द के कितने प्रकार होते हैं?
- मूल व व्युत्पन्न शब्द के उदाहरण दीजिए?
- उपसर्ग किसी शब्द के पूर्व में प्रयुक्त होकर अर्थ परिवर्तन करते हैं, अथवा अंत में?
- प्रत्यय कितने प्रकार के होते हैं नाम लिखो|
गृहकार्य:
बच्चों आप सभी उपसर्ग व प्रत्यय के 20 – 20 उदाहरण लिखिए?
Discussion Skill Lesson Plan of Hindi Grammar on Varn Vyavastha ( Swar aur Vyanjan) for Class 4th to 8th
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा: 4th to 8th
- विषय: हिंदी शिक्षण
- टॉपिक: वर्ण व्यवस्था ( स्वर और व्यंजन )
- Lesson Plan Type :
- पाठ योजना प्रकार: डिस्कशन
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
DISCUSSION LESSON PLAN IN HINDI on Varn Vyavastha For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - Swar Vyanjan Lesson Plan | Varn Vyavastha Lesson Plan In Hindi
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil-Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
पाठोपरांत विद्यार्थी:
- विद्यार्थी वर्ण एवं भाषा में प्रयोग होने वाले सभी प्रकार की उच्चारित मौखिक भाषा को जान पाएंगे|
- भाषा में लिखित शब्दों के उच्चारण में उतार-चढ़ाव से परिचित होंगे|
- विद्यार्थी लिखित व मौखिक रूप से प्रयुक्त होने वाली भाषा में मात्राओं का ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे|
- विद्यार्थी शब्द निर्माण की प्रक्रिया जान सकेंगे|
- विद्यार्थी दैनिक जीवन में प्रयुक्त होने वाली भाषा को आसानी से लिख व पढ़ पाएंगे|
- विद्यार्थी वर्ण व्यवस्था का संश्लेषण कर पाएंगे|
सहायक सामग्री:
- सामान्य : चौक, बोर्ड, झाड़न, संकेतिका, पुस्तक
- विशिष्ट : चार्ट, मॉडल, रेडियो-स्लाइड
- वर्णों का चार्ट
पूर्वज्ञान परीक्षण:
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
भाषा में प्रयुक्त होने वाले ध्वनियों को क्या कहा जाता है? | वर्ण |
क्या वर्ण और अक्षर में अंतर होता है? | हाँ |
अक्षर किसे कहते हैं? | शब्दों के समुदाय को |
भाषा में वर्ण और अक्षर दोनों का प्रयोग होता है? | हाँ |
वर्णों के समुदाय को क्या कहते हैं? | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्देश्य कथन:बच्चों! आज हम भाषा में प्रयुक्त वर्ण व्यवस्था के बारे में चर्चा करेंगे तथा वर्ण के विभिन्न समुदाय व वर्गीकरण के बारे में पढ़ेंगे|
प्रस्तुतीकरण:
क्रम संख्या: | शिक्षण बिंदु: | शिक्षण विधि: | छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं |
1. | वर्ण | प्रदर्शन व व्याख्या विधि | भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण है| इन वर्णों के संयोग से शब्दों का निर्माण होता है| वर्ण का प्रयोग ध्वनि और ध्वनि चिन्ह दोनों के लिए किया जाता है, क्योंकि ध्वनियों के उच्चारण और लिखित दोनों रूपों के प्रतीक हैं| इन वर्णों को वर्णमाला कहते हैं| | |
2. | वर्णों के प्रकार | प्रदर्शन विधि | उच्चारण की दृष्टि से हिंदी वर्णमाला को दो भागों में बांटा जाता है: स्वर व्यंजन | |
3. | स्वर | प्रदर्शन विधि | स्वर उन वर्णों को कहते हैं, जिन का उच्चारण स्वतंत्रता से हो सकता है, ये व्यंजनों के उच्चारण में भी सहायक है| इनके उच्चारण में स्वास वायु बिना किसी रूकावट के मुख से निकलती है| स्वरों की विशेषता है, कि जब यह व्यंजनों से मिलते हैं तो मात्रा बन जाते हैं, स्वर संख्या में 11 हैं| स्वर इस प्रकार हैं : अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ | |
4. | स्वर के भेद | प्रदर्शन व व्याख्या विधि | उच्चारण के आधार पर स्वरों के दो प्रकार हैं : हस्व स्वर दीर्घ स्वर | |
5. | हस्व स्वर हस्व ऋ का प्रयोग | व्याख्या विधि प्रदर्शन विधि | जिन स्वरों को सबसे कम समय में उच्चारित किया जाता है, उन्हें हस्व स्वर कहते हैं| हस्व स्वर है : अ, इ, उ, ऋ इनके उच्चारण में जो समय लगता है, उसे एक मात्रा कहते है| ऋ का प्रयोग केवल संस्कृत ( तत्सम ) शब्दों में किया जाता है इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं| | |
6. | दीर्घ स्वर | प्रदर्शन व व्याख्या विधि | जिन स्वरों में उच्चारण करते समय हस्व स्वर से अधिक ( दो मात्रा ) का समय लगता है, उन्हें ‘दीर्घ स्वर’ कहते हैं| आ, ई, ऊ, ऐ, ए, ओ, औ| | |
7. | अनुनासिक व अनुस्वार स्वर | व्याख्या विधि | अनुस्वार व अनुनासिक स्वर में स्वास केवल नाक से निकलती है जबकि अनुनासिक में मुंह और नाक दोनों से| अनुस्वार तीव्र व अनुनासिक धीमी ध्वनि है| इनके उच्चारण में पूर्वर्ती स्वर की आवश्यकता होती है| |
मूल्यांकन:
- भाषा की सबसे छोटी इकाई क्या है?
- वर्णों के संयोग से किसका निर्माण होता है?
- वर्णों के समूहो को क्या कहते हैं?
- स्वरों के प्रकार लिखो? गौण व्यंजन कौन-कौन से हैं?
गृहकार्य:
- क वर्ग, च वर्ग, ट वर्ग, त वर्ग व प वर्ग के सभी व्यंजनों को लिखो?
- वर्णों के समूह के बारे में लिखो?
- कक्षा: आठवीं
- विषय: हिंदी व्याकरण
- टॉपिक: वाच्य
- पाठ योजना प्रकार: मेगा टीचिंग
Note: निचे दिया गया हिंदी लेसन प्लान केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
B.Ed First and Second Year and Semester Lesson Plan Hindi for class 6th to 12th on Famous Poem of Suryakant Tripathi Nirala - Lahro Se darka noka par nahi hoti, kaushish karne valo ki kabhi haar nahi Hoti
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा: 6 to 12th
- विषय: हिंदी कविता
- टॉपिक: लेहरो से डरकर नौका पर नहीं होती - सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
- पाठ योजना प्रकार: मेगा टीचिंग
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
B.ED LESSON PLAN HINDI on Lehron Se Darkar Nauka Paar Nahi Hoti Hindi Kavita By Suryakant Tripathi Nirala for Class 6 to 12 For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती पाठ योजना सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
सहायक सामग्री:
- सामान्य : चौक, बोर्ड, झाड़न, संकेतिका, पुस्तक
- विशिष्ट : चार्ट, मॉडल, रेडियो-स्लाइड
- कविता लिखा हुआ चार्ट
पूर्वज्ञान परीक्षण:
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
मेहनत करने से क्या लाभ होता है? | जीवन में सफलता प्राप्त होती है| |
यदि कभी असफलता देखने को मिले तो क्या-क्या करना चाहिए? | असफलता से डरना नहीं चाहिए| |
इस जीवन में किसको कभी भी हार का मुंह नहीं देखना पड़ता? | जो मेहनत करते हैं| |
क्या आपको इससे संबंधित कोई कविता आती है? | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्देश्य कथन:बच्चों! आज हम व्यक्ति को मेहनती होना सफलता का मूल मंत्र है, इस संबंध में एक व्यक्ति की कविता के भावार्थ का विस्तार पूर्वक अध्ययन करेंगे|
प्रस्तुतीकरण:
क्रम संख्या: | शिक्षण बिंदु: | शिक्षण विधि: | छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
1. | लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती| | आदर्श वाचन व व्याख्या विधि | कवि सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ उद्यमशीलता की व्याख्या अपनी कविता शीर्षक – ‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ के माध्यम से सफलता प्राप्त करने का आदर्श प्रस्तुत करते हुए कहते हैं, कि लहरों से घबराकर कभी नाव से समुंद्र को पार नहीं किया जा सकता है| | प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर |
2. | प्रश्न-उत्तर विधि | संबंधित प्रश्न | प्रस्तुत कविता के कवि कौन है? | सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ |
3. | डुबकियां.... कोशिश करने वालों की | व्याख्या विधि | आगे कवि कहता है, कि जिस प्रकार गोताखोर बार-बार समुद्र में डुबकी लगाते हैं, और कई बार हाथ खाली आते हैं, बिना कुछ लिए वापस आ जाते हैं, सहज ही मोती मिलना संभव नहीं है| असफलता से हारने वाला मनुष्य पशु समान है| | |
4. | प्रश्न-उत्तर विधि | संबंधित प्रश्न | पशु के समान कौन होता है| | असफलता से हारने वाला मनुष्य |
5. | असफलता एक चुनौती है…….. कोशिश करने वालों की हार नहीं होती| | आदर्श वाचन व व्याख्या विधि व्याख्या विधि | कवि निराला कहते हैं, कि जीवन में असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करना चाहिए| अपनी कमियों पर ध्यान देना चाहिए, और सुधार किया जाए तो सफलता मिल सकती है| कवि का कथन है, कि इस प्रकार संघर्षमय जीवन का मैदान केवल असफलता देखकर नहीं छोड़ना चाहिए| इस जीवन रूपी मैदान में बिना संघर्ष का खेल जीते, जय-जयकार नहीं होती| | प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर |
6. | संबंधित प्रश्न | प्रश्न विधि | जो कोशिश करते हैं, उनकी कभी पराजय नहीं होती| | |
7. | प्रश्न | बच्चों किसकी हार कभी नहीं होती| |
मूल्यांकन :
- चींटी कैसे मेहनत करती है|
- सफलता न मिलने पर क्या करना चाहिए?
- मन का विश्वास रगों में साहस किस प्रकार भरेगा?
- गोताखोर गहरे पानी में क्यों उतरते हैं?
गृहकार्य:
- कविता का भावार्थ लिखो|
- विश्वास, चढ़ना, गहरा, सफलता शब्दों का विलोम लिखो|
Hindi Grammar Lesson Plan on Samas ( Samas ka arth, paribhasha, Bhed- Tatpurush samas, Karmdharya samas, dwigu samas, bahuvrihi samas, davdav samas, avyayi samas) for Class 6th to 10th.
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा: 6th to 9th
- विषय: हिंदी व्याकरण
- टॉपिक: समास
- पाठ योजना प्रकार: मेगा टीचिंग
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
HINDI GRAMMAR LESSON PLAN ON SAMAS For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - समास पाठ योजना हिंदी व्याकरण |Samas Lesson Plan In Hindi
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher's Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
पाठोपरांत:
- छात्र आपस में संबंध रखने वाले शब्दों के विषय में ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे|
- दो या दो से अधिक पदों के मेल को समझने का ज्ञान प्राप्त करेंगे|
- विद्यार्थी परस्पर संबंध रखने वाले शब्दों की जानकारी रख पाएंगे|
- छात्र पदों को संक्षिप्त करना या छोटा करना सीख पाएंगे|
- विद्यार्थी दो या दो से अधिक पदों के आपसी संबंध को समझ पाएंगे|
- शब्दों की गंभीरता के आधार पर संश्लेषण कर पाएंगे|
- विद्यार्थी शब्दों का मूल्यांकन कर सकेंगे|
सहायक सामग्री:
- सामान्य: चौक, बोर्ड, झाड़न, संकेतिका, पुस्तक
- विशिष्ट: चार्ट, मॉडल, रेडियो-स्लाइड
- समास के प्रकारों का चार्ट
पूर्वज्ञान परीक्षण:
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
क्या शब्दों का आपस में संबंध होता है? | हाँ |
क्या अपनी बात को संक्षिप्त रूप में लिखा जा सकता है? | हाँ |
परस्पर संबंध रखने वाले शब्दों को क्या कहते हैं? | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्देश्य कथन: आओ बच्चों आज हम समास व उसके प्रकार के बारे में पढेंगे|
प्रस्तुतीकरण:
क्रम संख्या: | शिक्षण बिंदु: | शिक्षण विधि: | छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
1. | समास का अर्थ | आगमन विधि | “परस्पर संबंध रखने वाले दो या दो से अधिक शब्दों के मेल को समास कहते हैं|” समास एक प्रकार की शब्द रचना विधि है| | प्रश्न उत्तर |
2. | समास के भेद | प्रदर्शन विधि | समास के छः भेद होते हैं:
| प्रश्न उत्तर |
3. | तत्पुरुष समास | व्याख्या विधि | जिस समास में कारण चिन्ह्नों का लोप हो, तथा बाद का पद प्रधान हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं| | |
4. | सबंधित प्रश्न | उदाहरण प्रश्न उत्तर विधि | जैसे:गगन चुंबी बच्चों को उदाहरण दीजिए| | लोकप्रिय लोक में प्रिय धनहीन:धन से हीन |
5. | कर्मधारय समास | व्याख्या विधि | जिस समस्त पद में पूर्व पद तथा उत्तर पद में विशेषण विशेष्य अथवा उपमेय:उपमान का संबंध हो वह कर्मधारय समास होता है| | |
6. | द्विगु समास | प्रदर्शन विधि | इस समास का पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है| यह भी तत्पुरुष का ही एक भेद माना जाता है| | सप्ताह: 7 दिनों का समूह |
7. | बहुब्रीहि समास | व्याख्या विधि | जिस समास में न तो पूर्व पद प्रधान हो और न ही उत्तर पद प्रधान हो अपितु दोनों ही पद गौण हो तथा वे दोनों पद किसी अन्य पद के संबंध में कहते हैं| |
|
8. | द्वंद समास | व्याख्या विधि | जिस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं, तथा कोई भी पद गौण नहीं होता, उसे द्वंद समास कहते हैं| |
|
9. | अव्ययीभाव समास | निगमन विधि | जिस समास में पहला पद प्रधान हो, और वह अव्यय होता है, वह अव्ययीभाव समास कहलाता है| | आमरण:मरण तक |
सामान्यीकरण:
छात्र-अध्यापिका यह बात मानकर चलती है, कि विद्यार्थियों को समास की समझ हो गयी होगी|
Hindi Lesson Plan for Class 6th to 12th teachers on Kabir Ki Sankhiyan
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा : 6th to 10th
- विषय : हिंदी
- टॉपिक : कबीर की साखियाँ
- पाठ योजना प्रकार : मेगाटीचिंग
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Hindi Lesson Plan Class 6th to 12th on Kabir Ki Sankhiya [Kabeer Ji Ki Saakhiyan] For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - कबीर की साखियाँ पाठ योजना
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
पाठोपरांत:
- विद्यार्थी कविता के स्वर प्रवाह तथा भाव के अनुसार साखियों के ज्ञान को प्राप्त कर पाएंगे|
- कविता की सामान्य जानकारी प्राप्त कर सकेंगे|
- विद्यार्थी कविता की उपयोगिता समझ पाएंगे|
- विद्यार्थी कविता के प्रति अपनी भावनाओं को सक्रिय कर पाएंगे|
- विद्यार्थी सच्चाई व ईमानदारी के महत्व को समझ कर उनका प्रयोग कर सकेंगे|
- साखियों का मूल्यांकन कर पाएंगे| कविता का संश्लेषण कर पाएंगे|
सहायक सामग्री:
- सामान्य:चौक, बोर्ड, झाड़न, संकेतिका, पुस्तक
- विशिष्ट:चार्ट, मॉडल, रेडियो-स्लाइड
- कविता चार्ट
पूर्वज्ञान परीक्षण:
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
बच्चों क्या आपने संत कबीर का नाम सुना है? | हाँ |
निर्गुणकारी ईश्वर में विश्वास रखने वाले कवि कौन थे? | कबीरदास जी| |
प्राचीन काल के कवि कौन से हैं? | तुलसी दास, रहीम दास, कबीर, बिहारी लाल आदि| |
संत कबीर की रचनाओं को क्या कहते हैं? | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्देश्य कथन:आओ बच्चों आज हम कबीर जी के विषय में जानेंगे व उनकी रचनाओं को पढ़ेंगे|
प्रस्तुतीकरण:
क्रम संख्या: | शिक्षण बिंदु: | शिक्षण विधि: | छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
1. | कबीर संगत साधु की, हरे और की व्याधि ! संगत बुरी साधु की, आठों पहर उपाधि | आदर्श वाचन व वार्तालाप विधि | कबीरदास कहते हैं, कि एक सज्जन व्यक्ति अर्थात गुणवान व्यक्ति के साथ रहने से दुर्जन व्यक्ति भी सत्कर्म करने लगता है| जो व्यक्ति बुरे कार्य करते हैं, वह भी सच्चे ईमानदार व्यक्तियों के संपर्क में आकर बुरे कर्मों से बचने की कोशिश करते हैं| बुरे कर्मों में लिप्त व्यक्तियों के संपर्क में रहने पर अच्छा व्यक्ति भी बुरे कार्य करने लगता है, अर्थात बुराई से बुरा होता है| | प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर |
2. | संगति का उदाहरण | प्रदर्शन विधि | अंगुलिमाल डाकू के नाम से प्रसिद्ध वाल्मीकि उल्टा नाम के महत्व को समझें और रामायण की रचना की| | |
3. | संबंधित प्रश्न | प्रश्न विधि | अंगुलिमाल डाकू का क्या नाम पड़ा? | वाल्मीकि |
4. | कबीरा यह घर प्रेम का खाला का घर नाहि सीस उतारे हाथ करि तब घर पैठे माहिं| | आदर्श वाचन व व्याख्या विधि व्याख्या विधि | कबीरदास में आत्मा और परमात्मा के बीच की खाई को संबंधित साखी के माध्यम से बताया है, कि परमात्मा को प्राप्त करना अर्थात ईश्वर की प्राप्ति साधारण व्यक्ति को नहीं हो सकती क्योंकि यह तो सच्ची साधना का कार्य है| इस प्रेम रूपी घर में आशय पाना सब का कार्य नहीं है, कोई भी व्यक्ति इस में सरलता से प्रवेश नहीं पा सकता, इसमें वही व्यक्ति प्रवेश पा सकता है, जो अपना सर कटवा सकता है, अर्थात अपने जीवन की परवाह ना करें वही परमात्मा को पा सकता है| | प्रश्न उत्तर |
5. | संबंधित प्रश्न | प्रश्न विधि | कबीर ने गुरु की महिमा से ईश्वर प्राप्ति का रास्ता बताया गया है| ईश्वर प्राप्ति के लिए कबीर जी ने क्या राह बताई है| |
मूल्यांकन:
- अच्छे व्यक्तियों की संगति क्यों करनी चाहिए|
- अच्छे व्यक्तियों को समाज में सम्मान क्यों मिलता है?
- आत्मा और परमात्मा का मिलन कैसे संभव है?
गृहकार्य:
- कबीर की साखी का क्या अर्थ है?
- असाधु शब्द का क्या अर्थ है?
- अच्छी संगत के परिणाम क्या होते हैं?
This is the Lesson Plan for Class 6 to 8 School teachers in Hindi on Jansankhya Vridhi
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा: 4th,5th,6th,7th,8th,9th,10th
- विषय: हिंदी (प्रस्ताव)
- टॉपिक : जनसंख्या वृद्धि "लेख"
- पाठ योजना प्रकार : मेगा टीचिंग
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Jansankhya Vridhi [Jansankhya Visfot] LESSON PLAN IN HINDI For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - जनसंख्या वृद्धि पर पाठ योजना
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher's Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
पाठोपरांत छात्र:
- भारत में व्याप्त विभिन्न समस्याओं का ज्ञान प्राप्त कर पाएंगे|
- जनसंख्या के बारे में सामान्य जानकारी प्राप्त कर पाएंगे|
- विद्यार्थी जनसंख्या की वृद्धि से होने वाली समस्याओं को जान पाएंगे|
- इस विकट समस्या के बारे में विस्तार से समझ पाएंगे|
- इस समस्या के हल के विषय में प्रयोग कर पाएंगे|
- जनसंख्या वृद्धि से होने वाले विभिन्न समस्याओं को हल कर पाएंगे|
- विद्यार्थी जनसंख्या वृद्धि की समस्याओं का विश्लेषण कर पाएंगे|
- जनसंख्या वृद्धि की समस्याओं का मूल्यांकन कर पाएंगे|
सहायक सामग्री:
- सामान्य:चौक, बोर्ड, झाड़न, संकेतिका, पुस्तक|
- विशिष्ट:चार्ट, मॉडल, रेडियो-स्लाइड
- जनसंख्या चार्ट
पूर्वज्ञान परीक्षण:
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
जनसंख्या किसे कहते हैं ? | जनसंख्या लोगों की संख्या को कहते हैं| |
जनसंख्या वृद्धि क्या है? | आवश्यकता से अधिक जनसंख्या का होना| |
क्या जनसंख्या वृद्धि एक समस्या है? | हाँ |
जनसंख्या वृद्धि समस्या क्यों है? | जनसंख्या वृद्धि से बेरोजगारी, भुखमरी जैसी समस्या बढ़ती हैं| |
बच्चों ! जनसंख्या वृद्धि के घटक / कारण क्या है? | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्देश्य कथन: आओ बच्चों आज हम जनसंख्या वृद्धि के कारणों की चर्चा करेंगे|
प्रस्तुतीकरण:
क्रम संख्या: | शिक्षण बिंदु: | शिक्षण विधि: | छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
1. | जनसंख्या वृद्धि की भूमिका | व्याख्या व वार्तालाप | भारत की लगातार बढ़ती हुई जनसंख्या एक समस्या के रूप में सामने आने लगी है| जनसंख्या का इस प्रकार दिनों दिन बढ़ना एक भयंकर समस्या है| | |
2. | प्राचीन स्थिति | व्याख्या व वार्तालाप | वेदों में दस पुत्रों की कामना की गई है| सावित्री ने अपने लिए सौ भाइयों तथा सौ पुत्रों का वर मांगा था| कौरव भी सौ भाई थे इस प्रकार अतीत और आज में काफी अंतर हो गया है| | |
3. | वर्तमान स्थिति | व्याख्या व वार्तालाप व्याख्या व वार्तालाप | वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार भारत वर्ष की जनसंख्या 1 अरब से अधिक है, लेकिन आज 2020-2021 में भारत की जनसंख्या में आवश्यकता से अधिक वृद्धि हो चुकी है, 2011 की जनगणना के अनुसार आज भारत की जनसंख्या 130 करोड़ का आंकड़ा पार कर चुकी है| | प्रश्न उत्तर |
4. | जनसंख्या वृद्धि से समस्या | वार्तालाप विधि | जनसंख्या वृद्धि सब स्थितियों में ठीक नहीं है, यदि पर्याप्त संसाधन नहीं होते हैं, तो जनसंख्या वृद्धि की मुख्य समस्याएं हैं-
| प्रश्न उत्तर |
5. | समस्या का समाधान | वार्तालाप विधि | जनसंख्या नियंत्रण के निम्न समाधान हो सकते हैं:
|
मूल्यांकन:
- जनसंख्या वृद्धि क्या है?
- जनसंख्या वृद्धि को कैसे रोका जा सकता है?
- शिक्षा क्यों आवश्यक है?
गृहकार्य:
जनसंख्या वृद्धि के बारे में विस्तार पूर्वक लिखो|
This is the Micro teaching Hindi Lesson Plan on Skill of Explanation ( Sukshma Shikshan Path Yojna on Vyakhyan Kaushal) for Class 6th to 8th on Rahim Ji Ke Dohe
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- Class: 6th to 10th
- Subject: Hindi
- Topic: Rahim Ke Dohe ( रहीम के दोहे )
- Lesson Plan Type : Microteaching ( सुक्षम पाठ योजना )
- Skill : Explanation Skill ( व्याख्या कौशल )
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Microteaching Skill of Explanation Rahim Ke Dohe Lesson Plan In Hindi For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - रहीम के दोहे पाठ योजनाा
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher's Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
छात्राध्यपिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
"कही रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत| बिपति कसौटी जे कसे, तेई सांचे मीत !!" प्रश्न: कसौटी का क्या अर्थ है? बहुत अच्छे ! | बच्चे उत्तर देंगे| कसौटी का अर्थ परीक्षा होता है |
संदर्भ: प्रस्तुत पक्तियां रहीम दास द्वारा रचित "साखी" शीर्षक से ली गई है| प्रसंग: प्रस्तुत पंक्तियों में सच्चे मित्र के महत्व को बताया है| सच्चे मित्र व दुर्जन व्यक्तियों पर चर्चा की गई है, तथा समाज पर इसके प्रभाव को दर्शाया गया है| व्याख्या: रहीम ने सच्चे मित्र के संबंध में बताया गया है, कि संपत्ति रहने पर तो सब लोग अपने बन जाते हैं, परंतु सच्चा मित्र वही होता है, जो संकट के समय हमारा साथ दें| संकट के समय में ही अपने और पराए की पहचान होती है| | |
प्रश्न: रहीम ने किस के बारे में बताया है? इसके विपरीत जो लोग सिर्फ सुख संपत्ति होने पर हमारा अपना बनने का दिखावा करते हैं, संकट के समय उनका अपनत्व तो ढूंढे नहीं मिलता| | रहीम ने सच्चे मित्र के बारे में बताया है| |
प्रश्न: संकट किस की पहचान करवाता है अतएव व्यक्ति को सदा उन लोगों से मित्रता करनी चाहिए, जो संकट के समय हमारे साथ खड़े हो| | सच्चे मित्रों की |
प्रश्न: रहीम के इस दोहे को कहां से लिया गया है| | रहीम के इस दोहे को "साखी" से लिया गया है| |
प्रश्न: रहीम ने किन को सच्चा मित्र बताया है| | जो संकट के समय साथ दें| |
प्रश्न: पैसा रहने पर कौन संबंधी बन जाता है? | स्वार्थी लोग पैसा रहने पर संबंधी बन जाते हैं| |
निरीक्षण अनुसूची एवं रेटिंग स्केल:
क्रम संख्या: | घटक: | रेटिंग स्केल: |
1. | संक्षिप्तता | 0 1 2 3 4 5 |
2. | सार्थकता | 0 1 2 3 4 5 |
3. | स्पष्टता | 0 1 2 3 4 5 |
4. | विशिष्टता | 0 1 2 3 4 5 |
5. | व्याकरणिक शुद्धता | 0 1 2 3 4 5 |
6. | आवाज का उतार चढ़ाव | 0 1 2 3 4 5 |
7. | भाव केन्द्रीकरण | 0 1 2 3 4 5 |
This is the microteaching Lesson Plan of Hindi on Reinforcement Skill ( Punarbalan Kaushal ) for Class 6th to 10th on Kabir Jee Ke Dohe.
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- Class: 6th to 10th
- Subject: Hindi
- Topic: Kabir Ke Dohe (कबीर के दोहे )
- Lesson Plan Type : Microteaching Lessons ( सूक्षम शिक्षण )
- Skill : Reinforcement Skill ( पुनर्बलन कौशल )
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Reinforcement Skill Lesson Plan in Hindi on Kabir Ke DOHE[ Kabeer Je Ke Dohe] Class 6th to 10th For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - कबीर के दोहे पाठ योजना
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher's Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
छात्रा अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
"कबीरा संगत साधु की, हरे और की व्याधि| असंगत बुरी असाधु की, आठों पहर उपाधि||’’ प्रश्न: संगत का क्या अर्थ है? | उत्तर: संगत से अभिप्राय है, साथ या संग रहना| |
प्रश्न: यह दोहा कहां से लिया गया है? | उत्तर: यह दोहा कबीर की साखी से लिया गया है| |
प्रश्न: कबीर ने किस राह पर चलने की बात कही है? | उत्तर: कबीर ने संत्संगत में रहने वालों की राह पर चलने को कहा है| |
प्रश्न: साधु शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है? | उत्तर: साधु शब्द का प्रयोग सज्जन व्यक्ति के लिए किया गया है| |
प्रश्न: कबीर ने किसके बारे में बताया है? बिल्कुल सही | उत्तर: कवि ने सच्चे मित्र के बारे में बताया है |
प्रश्न: समाज किन लोगों से दूर रहता है? बहुत अच्छे शाबाश.! | उत्तर: समाज बुरे लोगों से दूर रहता है| |
प्रश्न: असाधु से क्या अभिप्राय है? | उत्तर: असाधु से अभिप्राय है, "दुर्गुणी व्यक्ति" |
प्रश्न: प्रस्तुत दोहा किसका है? | उत्तर: यह दोहा कबीर जी का है |
प्रश्न: व्याधि का क्या अर्थ है? बहुत अच्छे! | उत्तर: व्याधि से अभिप्राय है "परेशानी" |
प्रश्न: आठों पहर से कवि क्या कहना चाहता है? शाबाश बहुत अच्छा ..! | उत्तर: आठों पहर से अभिप्राय है हर समय |
निरीक्षण अनुसूची एवं रेटिंग स्केल:
क्रम संख्या: | घटक: | रेटिंग स्केल: |
वांछनीय व्यवहार | ||
1. | प्रस्तावना कथन का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
2. | निष्कर्षात्मक कथन का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
3. | प्रशंसात्मक शब्दों का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
4. | सकरात्मक कथनों का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
5. | विद्यार्थी के सुझावों का समर्थन | 0 1 2 3 4 5 |
6. | छात्र का उत्साह बढ़ाना | 0 1 2 3 4 5 |
7. | हाव भाव | 0 1 2 3 4 5 |
8. | सही उत्तर को चाकबोर्ड पर लिखना | 0 1 2 3 4 5 |
9. | पुनर्बलन का छात्रों के लिए प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
10. | पुनर्बलन में प्रयुक्त कथनों में नवीनता | 0 1 2 3 4 5 |
आवांछनीय व्यवहार | ||
11. | नकारात्मक प्रवलको का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
12. | प्रवलको का सही प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
This is the Hindi Grammar Subject Lesson Plan on Vachan Aur uske bhed Topic on Microteaching Illustration Skill with Examples ( Udaharan Sahit drishtant Kaushal ) for Class 4th to 8th teachers and B.Ed/ DE.L.ED
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- Class: 4th to 8th
- Subject: हिंदी व्याकरण
- Topic: Vachan (वचन व उसके प्रकार )
- Lesson Plan Type : माइक्रो टीचिंग ( सूक्षम पाठ योजना )
- Skill : Illustration Skill ( उदाहरण कौशल)
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Vachan Lesson Plan in Hindi For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - वचन व उसके प्रकार हिंदी व्याकरण पाठ योजना
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher's Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
छात्र आध्यापिका क्रियायें: | छात्र क्रियाये: |
वचन: शब्द के जिस रुप से संख्या का पता चलता है, उसे वचन कहते हैं| जैसे: एक , दो , तीन, चार, पांच आदि| अच्छा बच्चों ! वचन का कोई उदाहरण बताओ उदाहरण: पंजाब में पांच नदियां बहती है| बाजार में कपड़ों की दुकानें हैं| इन वाक्यों में नदियां और दुकानें क्या है? और क्यों? | छात्र वचन को समझते हुए वचन के उदाहरण देंगे| रात:रातें, नदी- नदियां आदि| इन वाक्यों में नदियां और दुकाने वचन है, क्योंकि इससे संख्या तथा वस्तु की एक से अधिकता का आभास हो रहा है| |
वचन दो प्रकार के होते हैं| एक वचन, बहुवचन उदाहरण: इन वाक्यों में एकवचन और बहुवचन कौन से है:- रवि ने एक पुस्तक खरीदी आज मैंने आठ केले खरीदे |
|
एकवचन: शब्द के जिस रुप से एक वस्तु या प्राणी का बोध होता है, उसे एक वचन कहते हैं| जैसे- तितली, गिलहरी, पुस्तक आदि| उदाहरण: आज रात जल्दी हो गई है| इस वाक्य में रात क्या है? अच्छा बच्चों ! एक वचन के उदाहरण बताओ| | इस वाक्य में 'रात' एकवचन है| एक वचन के उदाहरण:- नदी, दुकान, माता, पुस्तक आदि| |
बहुवचन: शब्द के जिस रुप से एक से अधिक वस्तुओं या प्राणियों का बोध होता है, उसे बहुवचन कहते हैं| जैसे: तितलियां, गिलहरियां, पुस्तकें आदि उदाहरण: हमारे शहर की सभी दुकानें खुली है| कुल 5 लड़कियां स्कूल नहीं आई| इन वाक्यों में बहुवचन पहचानो| | इन वाक्यों में दुकानें और लड़कियां बहुवचन है| बच्चे बहुवचन के उदाहरण देंगे:नदियां, दुकाने, माताएं, पुस्तकें आदि| |
वचन की उपयोगिता: वचन के प्रयोग से किसी भी वस्तु या प्राणी की संख्या ज्ञात की जा सकती है, कि वह एकवचन है या बहुवचन है| बहुत अच्छे ! | छात्र उदाहरण के माध्यम से वचन के महत्व को समझने का प्रयास करेंगे| |
प्रश्न: व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? और एक उदाहरण दीजिए| | जिस संख्या से किसी व्यक्ति विशेष का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं| जैसे- भगत सिंह |
प्रश्न: जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए| | जिस संज्ञा शब्द से किसी वस्तु प्राणी की जाति का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं| जैसे: हिंदू, नदी, आदि |
प्रश्न: जातिवाचक संज्ञा के भेद बताइए? | जातिवाचक संज्ञा के दो भेद होते हैं:
|
प्रश्न: समूहवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? उदाहरण दीजिए| शाबाश..! | जिस संज्ञा शब्द से समूह का बोध होता है, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं| जैसे: कक्षा, टीम, परिवार और समुदाय आदि| |
प्रश्न: द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते हैं? | जिस संज्ञा शब्द से किसी द्रव्य का बोध हो उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं| |
प्रश्न: भाववाचक संज्ञा के उदाहरण दीजिए? | भाववाचक संज्ञा के उदाहरण निम्नलिखित है- मिठास, बुढ़ापा, गर्मी, सर्दी, बचपन, कड़वापन, क्रोध, प्रसन्नता आदि |
निरीक्षण अनुसूची एवं रेटिंग स्केल:
क्रम संख्या: | घटक: | रेटिंग स्केल: |
1. | प्रस्तावना कथन का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
2. | प्रश्न व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध | 0 1 2 3 4 5 |
3. | उचित विराम एवं गति | 0 1 2 3 4 5 |
4. | प्रश्नों का विवरण:
| 0 1 2 3 4 5 |
5. | आवाज | 0 1 2 3 4 5 |
6. | निम्न क्रम के प्रश्न | 0 1 2 3 4 5 |
7. | मध्यम क्रम के प्रश्न | 0 1 2 3 4 5 |
8. | उच्च क्रम के प्रश्न | 0 1 2 3 4 5 |
9. | निष्कर्षात्मक कथन का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
This is the microteaching Skill of Stimulus Variation Skill ( Uddipan Parivartan Koshal) Hindi Vyakran Lesson Plan for Class 7 on Viram Chinn Aur uske Bhed. Jisme Viram Chinh ka arth, Paribhasha, Bhed - Purn Viram, Ardh Viram, Alp Viram, Prashan Vachak Chinh, Vismyadhi Suchak Chinn aur Avtaran Chinh ko Cover Kiya Gya Hai.
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- Class: 6th to 10th
- Subject: Hindi Grammar (हिंदी व्याकरण)
- Topic: Viram Chinh ( विराम चिन्ह )
- Lesson Plan Type : Microteaching ( सूक्षम शिक्षण पाठ योजना )
- Skill : Stimulus Variation Skill ( उद्दीपन परिवर्तन कौशल )
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Hindi Grammar Viram Chinh Lesson Plan in Hindi For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED on Microteaching Skill | विराम चिन्ह पाठ योजना हिंदी
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
छात्राध्यापिका क्रियाएं: | छात्र क्रियाएं: |
पूर्ण विराम:“सामान्य कथन वाले सभी प्रकार के वाक्य अर्थात सरल संयुक्त और मिश्र वाक्य के अंत में पूर्ण विराम लगाया जाता है।“ पूर्ण विराम चिन्ह का संकेत:पूर्ण विराम चिन्ह के लिए "|" का प्रयोग किया जाता है। | |
प्रश्न:पूर्ण विराम किसे कहते हैं? बिल्कुल सही…...! | उत्तर: सामान्य कथन वाले वाक्यों के अंत में प्रयोग होने वाले विराम चिन्ह को पूर्ण विराम कहते हैं। |
प्रश्न:पूर्ण विराम चिन्ह का क्या संकेत है? | पूर्ण विराम चिन्ह का संकेत (|) है| |
अर्धविराम:“पूर्ण विराम से कम देर तक रुकने के लिए अर्धविराम का प्रयोग होता है|” | बच्चे अल्प विराम का उदाहरण देते हुए: |
प्रश्न:अच्छा बच्चों ! अल्पविराम का उदाहरण दीजिए| | “परिश्रम ही जीवन है, आलस्य मृत्यु है|” |
अल्पविराम:“अल्पविराम का प्रयोग वाक्यों को अलग करने के लिए किया जाता है|” जैसे:राम श्याम और कमल एक कक्षा में पढ़ते हैं| | |
प्रश्न:राम, श्याम और कमल मित्र हैं, के बीच विराम चिन्ह बताएं? | राम, श्याम और कमल मित्र हैं| इस वाक्य में अल्पविराम राम और श्याम के बीच में है| राम, श्याम = , (अल्प विराम ) |
प्रश्नवाचक:इन वाक्यों के अंत में प्रश्न सूचक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है| | |
प्रश्न:तुम्हारा नाम क्या है| इस वाक्य में लगा चिह्न सही है…! | नहीं इस वाक्य में प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग होना था| |
विस्मयादि सूचक चिन्ह:हर्ष, शोक, दुख, घृणा आदि भावों को प्रकट करने के लिए विस्मयादि सूचक चिन्ह का प्रयोग करते हैं| | उत्तर: विस्मय सूचक (!) यह है| |
प्रश्न:विस्मय सूचक चिन्ह का क्या संकेत है? | हाय ! राम….| ओह ! ठंड…..| |
प्रश्न:अच्छा बच्चों ! विस्मय सूचक चिन्ह का उदाहरण दीजिए| | अवतरण चिन्ह का संकेत [ ‘ ‘ ] होता है| |
अवतरण चिन्ह:किसी कविता के शीर्षक कवि के नाम या किसी के द्वारा कही गई बात को ज्यों का त्यों लिखने के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्द अवतरण चिन्ह कहते हैं| जैसे:‘अनेकता में एकता’ | |
प्रश्न:सूर्यकांत त्रिपाठी निराला में ‘निराला’ शब्द कैसे लिखा जाएगा? | सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ लिखा जाएगा| |
निरीक्षण अनुसूची एवं रेटिंग स्केल:
क्रम संख्या: | घटक: | रेटिंग: |
1. | शरीर संचालन | 0 1 2 3 4 5 |
2. | हाव - भाव | 0 1 2 3 4 5 |
3. | आवाज का उतार चढ़ाव | 0 1 2 3 4 5 |
4. | भाव केन्द्रीकरण | 0 1 2 3 4 5 |
5. | विराम प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
6. | छात्र शिक्षक अतः क्रिया | 0 1 2 3 4 5 |
7. | दृश्य श्रव्य क्रम परिवर्तन | 0 1 2 3 4 5 |
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- Class : 6th 7th and 8th
- Subject : हिंदी (पद ) - वसंत भाग - 3 NCERT CBSE
- Topic : सूरदास के पद (कविता )
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Surdas Ke Pad Lesson Plan in Hindi for Class 6th,7th and 8th For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - सूरदास के पद पाठ योजना
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil-Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
विषय वस्तु विश्लेषण:
"सूरदास के पद" कविता के व्याख्या|
"सूरदास के पद" कविता का भावार्थ|
सामान्य उद्देश्य:
- छात्रों का कविता के प्रति रूचि उत्पन्न करवाना|
- छात्रों में लय ताल व् भावानुसार काव्य पाठ के क्षमता उत्पन्न करवाना|
- छात्रों के कविता के सन्देश के सराहना करने के योग्यता बनाना|
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
- छात्र कवी के भाषा शैली को विशेषता सहित बता सकेंगे|
- छात्र विषय वास्तु का समरण, प्रत्यासाम्रं कर सकेंगे|
- छात्र आरोह अवरोह के साथ कविता का पाठ कर सकेंगे|
- छात्र कविता सुनकर अर्थ ग्रहण करेंगे|
- छात्र कविता का सस्वर पाठ कर सकेंगे छत्र उचित गति से कविता पाठ करने में निपुण हो जायेंगे|
सामान्य शिक्षण सहायक सामग्री:चौक, स्वच्छक, संकेतक, श्यामपट्ट|
अनुदेशनात्मक शिक्षण सामग्री:सूरदास के प्रथम पद से सम्बंधित चार्ट
पूर्व ज्ञान परिकल्पना : कक्षा में प्रवेश करने से पहले छात्र-अध्यापिका यह मानती है, कि विद्यार्थी श्री कृष्ण के बारे में जानते होंगे|
पूर्व ज्ञान परीक्षण:विद्यार्थी के पूर्वज्ञान को जांचने के लिए छात्र-अध्यापिका निम्न प्रश्न पूछेंगी:
छात्र-अध्यापिका क्रियाएं | छात्र-क्रियाएं |
आप किस देश में रहते हैं? | भारत |
भारत में कौन-कौन से महान संत हैं? | कबीरदास,तुलसीदास और सूरदास |
सूरदास के बारे में आप क्या जानते हैं? | समस्यात्मक प्रश्न |
उपविषय की घोषणा:छात्र-अध्यापिका विद्यार्थियों से संतोषजनक उत्तर ना पाकर अपने उप-विषय की घोषणा करेंगी, कि आज हम सूरदास के पद पढेंगे|
प्रस्तुतीकरण:व्याख्यान विधि व चार्ट के माध्यम से छात्र-अध्यापिका कक्षा में अपना पाठ प्रस्तुत करेंगी|
शिक्षण बिंदु: | छात्रध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: | श्यामपट्ट कार्य: |
कवि परिचय जन्म म्रत्यु रचनाएं | छात्रध्यापिका सूरदास का संक्षिप्त परिचय देगी| छात्रध्यापिका कथन : हिंदी साहित्य के भक्ति काल शाखा के प्रमुख कवि सूरदास जी माने गए हैं| सूरदास जी का जन्म 1540 और मृत्यु संवत् 1620 के आसपास मानी जाती है| सूरदास जी की 25 रचनाएं हैं, किंतु उनकी तीन रचनाएं ही प्रभावी मानी गई हैं, सूरसागरावली और साहित्य लहरी छात्राध्यपिका आवश्यक बिन्दुओं को श्यामपट्ट पर लिखेगी| | सभी छात्र ध्यानपूर्वक सुनेगे| | जन्म : 1540 म्रत्यु : 1620 रचनाएं 1. सूरसागरावली 2. साहित्य लहरी 3. सूर सागर |
कविता का सार | इस पद में महाकवि सूरदास ने श्री कृष्ण की बाल लीला का सुंदर व सजीव उल्लेख किया है, बालक कृष्ण माता यशोदा से पूछते हैं, कि मेरी चोटी कब लंबी होगी, मैं कितने दिनों से दूध पी रहा हूं, किंतु यह छोटी ही है, तुम ही कहती रहती हो बलराम की चोटी की भांति लंबी हो जाएगी तथा कंघी करने और धोने से नागिन की भांति लम्बी हो जाएगी | सूरदास जी ने बताया है, कि माता यशोदा से बालक श्री कृष्ण कहते हैं, कि आप तो रोज रोज दूध पीने को देती हो मक्खन रोटी नहीं देती, सूरदास जी ने बताया कि माता यशोदा बालक श्रीकृष्ण को गले लगाते हुए कहती है, कि श्री कृष्ण और बलराम की यह जोड़ी हमेशा जीवित रहे, अर्थात लंबी देर तक जीने की कामना करती हैं| छात्र-अध्यापिका छात्रों को किताब खोलने को कहती हैं| | सभी ध्यानपूर्वक सुनोगे व अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखेंगे| | |
आदर्श वाचन | छात्र-अध्यापिका उचित हावभाव एवं आरोह विरोह के साथ संपूर्ण कविता का सस्वर पठन करेंगे| | सभी विद्यार्थियों ने अपनी पाठ्य पुस्तिका खोली| | |
अनुकरण वाचन | छात्र-अध्यापिका कक्षा की दो तीन छात्राओं से अलग-अलग पदों का वाचन करने के लिए निर्देश देगी, और उनके वाचन को ध्यान पूर्वक सुनेगी, तथा उनके पठन दोषों को दूर करेंगी| | छात्र ध्यान पूर्वक सुनेगे| | |
शब्दार्थ कथन | छात्र-अध्यापिका कविता में आए कठिन शब्दों का अर्थ बताएगी तथा उन्हें श्यामपट्ट पर लिखेगी| किती बार – कितनी बार पियत – पीता हूं अजहूं – अब भी बेनी – चोटी है – हो जाएगी काढ़त – कंघी करना गुहत – गूंथना न्हवावत – नहलाना जोटी – जोड़ी | शब्द अर्थ किती बार पियत अजहूं बेनी है काढ़त गुहत न्हवावत जोटी | |
भाव विश्लेषण एवं सौद्र्यनुभुति | छात्र-अध्यापिका प्रश्नों का कथन की सहायता से कविता के भाव को स्पष्ट कर सौंदर्य अनुभूति करवाएंगी| छात्र-अध्यापिका कविता का पठन करेंगी व प्रश्न पूछेंगी: | विद्यार्थी प्रश्न का उत्तर देंगे| | |
प्रश्न कथन | प्रश्न :
बालक श्री कृष्ण माता यशोदा को मक्खन रोटी ना देने के कारण शिकायत करता है, किंतु माता यशोदा उसे चोटी बढ़ने के बहाने दूध पिलाना चाहती हैं| | चोटी लम्बी करने के लिए माखन रोटी |
सामान्यीकरण:छात्र-अध्यापिका यह मानकर चलती हैं कि विद्यार्थियों को सूरदास के पद समझ में आ गए होंगे|
पुनरावृति:
- सूरदास जी का जन्म कब हुआ?
- सूरदास जी की रचनाओं के नाम बताओ?
- इस पद में कवि क्या कहना चाहता है?
गृहकार्य:
छात्र-अध्यापिका विद्यार्थियों को निम्न गृह कार्य देंगी?
- बालक श्रीकृष्ण अपनी माता से क्या पूछते हैं?
- माता यशोदा पद के अंत में क्या कामना करती हैं?
- इस कविता का भावार्थ अपने शब्दों में लिखकर लाएं?
Lesson Plan in Hindi Class 6 on Saans Saans Me Baans
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- Class : 6th - Vasant Bhag - 1 - NCERT CBSE
- Subject :हिंदी गद्य
- Topic : सांस सांस में बॉस (Sas Sas Me Bas)
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Saans Saans Mein Baans Lesson Plan in Hindi For CBSE NCERT Class 6 For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - सांस सांस में बांस पाठ योजना हिंदी
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil-Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
विषय वस्तु विश्लेषण:
- बांस के विभिन्न प्रयोग
- बांस से मनुष्य का क्या रिश्ता है|
- कठिन शब्दों के अर्थ को बताना|
सामान्य उद्देश्य:
- छात्रों की गद्य साहित्य के प्रति रुचि उत्पन्न कराना|
- छात्रों के शब्द भंडार में वृद्धि कराना|
- छात्रों को साहित्य सर्जन करने की प्रेरणा देना|
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
- छात्र शुद्ध उच्चारण कर सकेंगे|
- छात्र वर्तनी विश्लेषण कर सकेंगे|
- छात्र पाठ को पढ़कर अर्थ ग्रहण कर सकेंगे|
- छात्र पाठ को स्वरों के उतार-चढ़ाव सहित भावानुकूल वाणी में पढ़ सकेंगे|
- छात्र प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में दे सकेंगे|
- छात्र शुद्ध वाचन में निपुण हो जाएंगे|
सामान्य शिक्षण सहायक सामग्री:चौक, स्वच्छक, संकेतक, श्यामपट्ट|
अनुदेशनात्मक शिक्षण सामग्री:बॉस से सम्बंधित चार्ट
पूर्व ज्ञान परिकल्पना:
कक्षा में प्रवेश करने से पहले छात्र-अध्यापिका यह मानती है कि बच्चों को बांस के बारे में पता होगा|
पूर्व ज्ञान परीक्षण:
विद्यार्थी के पूर्वज्ञान को जांचने के लिए छात्र-अध्यापिका निम्न प्रश्न पूछेंगी:
छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
बच्चों आपके घर में लकड़ी से बनी वस्तुएं कौन-कौन सी हैं? | सोफा, मेज ,खिड़की, दरवाजे, व सीढ़ी आदि| |
सीढ़ी किसकी बनी होती है? | सीढ़ी बांस की बनी होती है| |
बांस से और कौन-कौन सी वस्तुएं बनाई जाती हैं? | समस्यात्मक प्रश्न |
उपविषय की घोषणा:
छात्र-अध्यापिका विद्यार्थियों से संतोषजनक उत्तर ना पाकर अपने उप-विषय की घोषणा करेंगी, कि आज हम एलेक्स एम जोर्ज द्वारा रचित सांस सांस में बांस के बारे में पढेंगे|
प्रस्तुतीकरण:
व्याख्यान विधि व चार्ट के माध्यम से छात्र-अध्यापिका कक्षा में अपना पाठ प्रस्तुत करेंगी|
शिक्षण बिंदु: | छात्रध्यापिका क्रियाएं: | छात्र क्रिया: | श्यामपट्ट कार्य: |
छात्र-अध्यापिका संक्षेप में पाठ के लेखक के बारे में बतायेगी, और श्यामपट्ट पर आवश्यक बिन्दुओं को लिखेंगी| | |||
लेखक का परिचय | छात्र-अध्यापिका कथन: इस पाठ के लेखक एलेक्स एम जॉर्ज हैं, जो कि अंग्रेजी साहित्यकार हैं, उनके इस पाठ का अनुवाद हिंदी में शशि सबलोक ने किया है, उन्होंने बांस की विशेषताओं का वर्णन किया है| | छात्र अपनी उत्तर पुस्तिका में नोट करेंगे| | जन्म – 1889 मृत्यु – 1964 पुस्तक विश्व इतिहास की झलकियां आत्मकथा भारत की खोज भारत की भिन्नताओं में सांस्कृतिक एकता है| |
पाठ का सार | छात्र-अध्यापिका बच्चों को पाठ का सार बताएंगी तथा उनका ध्यान विषय वस्तु की ओर संकेत करेंगी| छात्र-अध्यापिका कथन: इस पाठ में एक बहुत उपयोगी पेड़ बांस का वर्णन है, बांस को दैनिक जीवन में अनेक कार्यों में प्रयोग में लाया जाता है, यह भारत के अनेक भागों में में पाया जाता है| विशेषतः देश के पूर्वोत्तर शहरों में खूब उगता है| वहां यह लोगों की रोजी-रोटी का साधन है, बास की अनेक वस्तुएं बनाने में नागालैंड के लोग कुशल हैं| | छात्र ध्यान पूर्वक सुनेंगे| | शशि सबलोक पूर्वोत्तर राज्य |
बांस का दैनिक जीवन में क्या प्रयोग है? | बांस का दैनिक जीवन में क्या प्रयोग है? छात्र-अध्यापिका कथन – बांस का उपयोग मानव आदिकाल से ही करता आ रहा है| बांस से ही टोकरिया, चटाइयां, टोपियां, बर्तन, बैल गाड़ियां, फर्नीचर, सजावटी सामान, जाल, मकान, पुल आदि बनाए जाते हैं| असम के लोग ऐसे ही जाल, ‘जकाई’ से मछली पकड़ते हैं| वहां के बागानों की टोकरियां भी बांस से ही बनी होती हैं| | समस्यात्मक प्रश्न छात्र अपनी पाठ्यपुस्तक खोलेंगे| | टोकरियाँ चटाइयां टोपियाँ बर्तन बैलगाड़ी फर्नीचर जाल मकान पुल |
आदर्श वाचन | छात्र-अध्यापिका बच्चों से अपनी पाठ्य पुस्तिका खोलने के लिए कहेंगी: छात्र-अध्यापिका शुद्ध उच्चारण एवं विराम चिन्ह को ध्यान में रखते हुए उचित स्वर एवं भावानुसार गद्यांश का वाचन करेंगी| | छात्र अपनी पाठ्यपुस्तक खोलेंगे| | |
अनुकरण वाचन | छात्र-अध्यापिका कक्षा के छात्रों को एक-एक करके गद्यांश का सस्वर पठन करने के लिए निर्देश देंगी| छात्र-अध्यापिका छात्रों के वचन के ध्यान पूर्वक सुने और उनके उच्चारण संबंधी दोषों को नोट करेंगी| | छात्र आदेशानुसार गद्यांश का सस्वर वाचन करेंगे| | |
शब्द व्याख्या | छात्र-अध्यापिका छात्रों की सहायता से गद्यांश में आए हुए शब्दों के अर्थ का भाव स्पष्ट करेंगे और उन्हें श्यामपट्ट पर लिखेंगी- तर्जनी – अंगूठे के बगल की अंगुली इस्तेमाल – प्रयोग हुनर – गुण मसलन – जैसे कि गठाने – गांठे सठत – कड़ा घमासान – भयंकर | छात्र पूछी गई बातों का विचार करके उत्तर देंगे| छात्र शब्द-अर्थ लिखेंगे| | शब्द-अर्थ तर्जनी इस्तेमाल हुनर मसलन गठाने सठत घमासान |
मौन वाचन | छात्र-अध्यापिका छात्रों को स्वयं पाठ पढ़ने का आदेश देंगी| | छात्र मौन वाचन करेंगे | |
बोध परीक्षा एवं विचार विश्लेषण | अध्यापिका छात्रों से निम्न प्रश्न पूछेंगी, और अपने कथन द्वारा विचारों का विशलेषण करेगी : भारत के कौन कौन से क्षेत्र में बांस उगता है? छात्र-अध्यापिका कथन – बरसात के दिनों के खाली समय में बांस की वस्तुएं बनाने का अच्छा समय होता है, बांस को काटकर उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेते हैं, उसकी पतली पतली खपच्चियाँ बनाकर रंग में रंगते हैं, फिर उन खपच्चियों से मनचाही टोकरिया, वस्तुएं तैयार कर लेते हैं| यह हुनर सीखने में काफी समय लगता है| | उत्तर पूर्वी राज्यों में छात्र ध्यान पूर्वक सुनेगे| | उत्तर पूर्वी राज्यों में खपच्चियाँ |
सामान्यीकरण:
छात्र-अध्यापिका यह बात मानकर चलती है, कि विद्यार्थियों को बांस की उपयोगिता समझ में आ गयी होगा|
पुनरावृति:
- बांस से टोकरियों के अलावा और क्या क्या बनाया जा सकता है?
- टोकरी बनाने के लिए खपचियों को कैसे बनाना पड़ता है?
- बांस बनाने के लिए किस देश के लोग कुशल है?
Hindi Lesson Plan on Pandit Jawaharlal Nehru Book Bharat Ki Khoj For Class 8th Teachers.
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- Class : 8th
- Subject : हिंदी गद्य
- Topic : (उपसंहार) पंडित जवाहरलाल नेहरू [भारत की खोज]
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Hindi Lesson Plan on Pandit Jawahar Lal Nehru [Bharat Ki Khoj] For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - Pandit Jawahar Lal Nehru Lesson Plan in Hindi | भारत की खोज पाठ योजना
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil-Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
विषय-वस्तु विश्लेषण:
- लेखक पंडित जवाहरलाल नेहरू का संक्षिप्त परिचय|
- ‘उपसंहार’ नामक पाठ की व्याख्या|
- कठिन शब्दों के अर्थों को बताना|
सामान्य उद्देश्य:
- छात्रों की गद्य साहित्य के प्रति रुचि उत्पन्न करवाना|
- छात्रों के शब्द भंडार में वृद्धि कराना|
- छात्रों को साहित्य सर्जन करने की प्रेरणा देना|
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
- छात्र शुद्ध उच्चारण कर सकेंगे|
- छात्र वर्तनी विश्लेषण कर सकेंगे|
- छात्र पाठ को पढ़कर अर्थ ग्रहण कर सकेंगे|
- छात्र पाठ को स्वरों के उतार-चढ़ाव रहित भावानुकूल वाणी में पढ़ सकेंगे|
- छात्र प्रश्नों के उत्तर सरल भाषा में दे सकेंगे|
- छात्र शुद्ध वाचन में निपुण हो जाएंगे|
सामान्य शिक्षण सहायक सामग्री:चौक, स्वच्छक, संकेतक, श्यामपट्ट|
अनुदेशनात्मक शिक्षण सहायक सामग्री:पंडित जवाहरलाल नेहरू को दर्शाता चार्ट
पूर्व ज्ञान परिकल्पना:
कक्षा में जाने से पहले छात्राध्यापिका यह मानती है, कि विद्यार्थी नेहरु जी के बारे में सामान्य ज्ञान रखते होंगे|
पूर्व ज्ञान परीक्षण:
विद्यार्थी के पूर्व ज्ञान को जानने के लिए छात्राध्यापिका निम्न प्रश्न पूछेंगी|
छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
आप किस देश में रहते हो? | भारत |
भारत की संस्कृति कैसी है? | विभिन्नताओं में एकता |
लेखक ने अपनी रचना भारत की खोज में क्या लिखा है? | समस्यात्मक प्रश्न |
उपविषय की घोषणा:छात्र-अध्यापिका विद्यार्थियों से संतोषजनक उत्तर ना पाकर अपने उप-विषय की घोषणा करेंगी, कि आज हम पंडित जवाहरलाल नेहरु के बारे में पढेंगे|
प्रस्तुतीकरण:व्याख्यान विधि व चार्ट के माध्यम से छात्र-अध्यापिका कक्षा में अपना पाठ प्रस्तुत करेंगी|
शिक्षण बिंदु: | छात्रध्यापिका क्रियाएं | छात्र क्रिया | श्यामपट्ट कार्य |
छात्र-अध्यापिका संक्षेप में पाठ के लेखक के बारे में बतायेगी, और श्यामपट्ट पर आवश्यक बिन्दुओं को लिखेंगी| | |||
लेखक का परिचय | उपसंहार नामक पाठ के लेखक जवाहरलाल नेहरू है, भारत की खोज नामक पुस्तक का एक अध्याय उपसंहार है, जो नेहरू द्वारा रचित है, जवाहर लाल नेहरू का जन्म 1889 में तथा मृत्यु 1964 में हुई| एक महान राजनेता के साथ एक प्रसिद्ध लेखक के रूप में सर्व विदित है| | छात्र अपनी उत्तर पुस्तिका में नोट करेंगे| | जन्म – 1889 मृत्यु – 1964 पुस्तक विश्व इतिहास की झलकियां आत्मकथा भारत की खोज भारत की भिन्नताओं में सांस्कृतिक एकता है| |
पाठ का सार | छात्र-अध्यापिका बच्चों को पाठ का सार बताएंगी तथा उनका ध्यान विषय वस्तु की ओर संकेत करेंगी| छात्र-अध्यापिका कथन- लेखक ने अपनी रचना भारत की खोज के उपसंहार में स्वीकार किया है, कि भारत की खोज में उसने क्या खोजा और क्या पाया? वस्तुतः भारत की अपनी एक भौगोलिक और आर्थिक सत्ता है उसकी भिन्नताओं में सांस्कृतिक एकता है, उसके विरोधों में सूत्रात्मक एकता है| विदेशियों द्वारा भारत पर बार बार आक्रमण करने पर भी भारत की आत्मा को नहीं जीत सके| यहां समय-समय पर महान स्त्री पुरुषों का जन्म होता रहा है, जो पुरानी परंपराओं को युगानुरूप ढालते रहे हैं| ऐसे लोगों में रविंद्र नाथ टैगोर का नाम आदर्श से लिया जाता है, वे आधुनिक विचारों वाले थे, परंतु उनकी नींव भारत के अतीत में थी| लेखक का मत है कि पुरानी बातें समाप्त हो रही हैं और नयापन उभर रहा है| | छात्र ध्यान पूर्वक सुनेंगे| | |
आदर्श वाचन | छात्र-अध्यापिका बच्चों से अपनी पाठ्य पुस्तिका खोलने के लिए कहेंगी: छात्र-अध्यापिका शुद्ध उच्चारण एवं विराम चिन्ह को ध्यान में रखते हुए उचित स्वर एवं भावानुसार गद्यांश का वाचन करेंगी| | छात्र अपनी पाठ्यपुस्तक खोलेंगे| | |
अनुकरण वाचन | छात्र-अध्यापिका कक्षा के छात्रों को एक-एक करके गद्यांश का सस्वर पठन करने के लिए निर्देश देंगी|छात्र-अध्यापिका छात्रों के वचन के ध्यान पूर्वक सुने और उनके उच्चारण संबंधी दोषों को नोट करेंगी| | छात्र आदेशानुसार गद्यांश का सस्वर वाचन करेंगे| | |
शब्द व्याख्या | छात्र-अध्यापिका छात्रों की सहायता से गद्यांश में आए हुए शब्दों के अर्थ का भाव स्पष्ट करेंगे और उन्हें श्यामपट्ट पर लिखेंगी- अनाधिकार – अधिकार का न होना| चेष्टा – प्रयत्न पुंज – समूह अद्रश्य- जो दिखाई न दे अपराजय -जिसे जीता न जाए सम्मोहन -आकर्षण | छात्र पूछी गई बातों का विचार करके उत्तर देंगे| छात्र शब्द-अर्थ लिखेंगे| | शब्द-अर्थ अनाधिकार चेष्टा पुंज अद्रश्य अपराजय सम्मोहन |
मौन वाचन | छात्र-अध्यापिका छात्रों को स्वयं पाठ पढ़ने का आदेश देंगी| | छात्र मौन वाचन करेंगे | |
बोध परीक्षा एवं विचार विश्लेषण | अध्यापिका छात्रों से निम्न प्रश्न पूछेंगी: 1. विदेशियों द्वारा भारत पर बार बार आक्रमण करने पर भी वह क्या नहीं जीत सके? 2. भारत की संस्कृति कैसी है? | भारत की आत्मा| भिन्नता में एकता | भारत की एकता भिन्नताओं में एकता |
सामान्यीकरण:छात्र-अध्यापिका यह बात मानकर चलती है, कि विद्यार्थियों को नेहरू द्वारा रचित उपसंहार का पाठ समझ में आ गया होगा|
पुनरावृति:
1. नेहरू का जन्म और मृत्यु कब हुई?
2. भारत किसका पुंज है?
3. किस महापुरुष ने अपनी संस्कृति को युगानुरूप ढाला?
गृहकार्य:
1. लेखक ने अपने लेखन में किन-किन बातों का वर्णन करके भारतीयों को अभिप्रेरित किया है?
2. भारत में किस प्रकार के महान पुरुषों ने जन्म लिया है?
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- Class : 5th, 6th, 7th,8th,9th,10th
- Subject : Hindi
- Topic :
- Lesson Plan Type :
- Skill :दहेज़ प्रथा (Dahej Ki Samasya - Dahej Pratha Lesson Plan)
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Dahej Pratha Lesson Plan in Hindi | दहेज़ प्रथा पाठ योजना For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - Dowry System Lesson Plan In Hindi
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
विषय वस्तु विश्लेषण:
- दहेज शब्द का अर्थ
- नारी का सम्मान
- प्रदर्शन की भावना
- एक सामाजिक बुराई
- दहेज प्रथा उन्मूलक विधेयक
- युवा वर्ग में जागृति
- उपसंहार
सामान्य उद्देश्य:
- छात्रों को निबंध रचना में रुचि उत्पन्न करना|
- छात्रों के शब्द भंडार में वृद्धि करना|
- छात्रों को उनके विचारों को क्रमबद्ध रूप में लिखने का अभ्यास कराना|
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
- छात्र विषय वस्तु का प्रत्यभिज्ञान कर सकेंगे|
- छात्र निबंध का प्रत्यास्मरण कर सकेंगे|
- छात्र सामाजिक जीवन में इसका महत्व बता सकेंगे|
- छात्र सरल भाषा में इसके प्रश्नों के उत्तर दे सकेंगे|
- छात्र लिखित अभिव्यक्ति में क्रमबद्धता ला सकेंगे|
- छात्र छोटे-छोटे निबंध लिखने में निपुण हो जाएंगे|
- छात्र विषय वस्तु को सुसम्मत रूप में लिख पाएंगे|
सामान्य शिक्षण सहायक सामग्री:चौक, बोर्ड, स्वछक व संकेतक
अनुदेशनात्मक शिक्षण सामग्री:दहेज से संबंधित चार्ट
पूर्व ज्ञान परिकल्पना:कक्षा में प्रवेश करने से पहले छात्र-अध्यापिका यह मानकर चलती है, कि विद्यार्थियों को देश में फैली कुरीतियों का सामान्य ज्ञान होगा|
पूर्व ज्ञान परीक्षण:विद्यार्थी के पूर्वज्ञान को जांचने के लिए छात्र-अध्यापिका निम्न प्रश्न पूछेंगी:
छात्र-अध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
आप किस देश में रहते हो? | भारत |
भारत में कौन–कौनसी कुरीतियां फैली हुई है? | जाति प्रथा, बाल विवाह , सती प्रथ ाऔर दहेज प्रथा |
दहेज प्रथा के बारे में आप क्या जानते है? | समस्यात्मक प्रश्न |
उपविषय की घोषणा:छात्र-अध्यापिका विद्यार्थियों से संतोषजनक उत्तर ना पाकर उप-विषय की घोषणा करेंगी, कि आज हम दहेज प्रथा के बारे में पढेंगे|
प्रस्तुतीकरण:व्याख्यान विधि व चार्ट के माध्यम से छात्र-अध्यापिका कक्षा में अपना पाठ प्रस्तुत करेंगी|
शिक्षण बिंदु: | छात्रध्यापिका क्रियाएं: | छात्र क्रिया: | श्यामपट्ट कार्य: |
भूमिका | छात्र-अध्यापिका कक्षा में घूमते हुए छात्रों को दहेज प्रथा के बारे में बताएंगी कि : छात्र-अध्यापिका कथन:दहेज प्रथा भारतीय समाज की एक प्रमुख कुरीति है, प्राचीन काल में दहेज माता-पिता के प्रेम का प्रतीक था, जिसे वे कन्या के विवाह के अवसर पर उपहार के रूप में देते थे, परंतु अब यह प्रथा एक सामाजिक अभिशाप का रूप धारण कर चुकी है| छात्र-अध्यापिका चार्ट की ओर संकेत करती हुई दहेज का अर्थ बताएंगी| | सभी छात्र ध्यान पूर्वक सुनेंगे व अपने उत्तर पुस्तिका में लिखेंगे | दहेज प्रथा भारतीय समाज की एक प्रमुख कुरीति है |
दहेज़ का अर्थ | छात्र-अध्यापिका कथन : दहेज शब्द अरबी के शब्द जहेज से रूपांतरित होकर बना है, जिसका अर्थ है - सौगात | यह प्रथा भारतीय समाज में कब शुरू हुई यह कहना तो कठिन है| वेदों में भी इस प्रथा का परिचय मिलता है, दहेज प्रथा हमारे देश में प्राचीन काल से चली आ रही है| | दहेज शब्द अरबी भाषा के शब्द जहेज से रूपांतरित होकर बना है| | |
नारी का सम्मान | प्राचीन काल में भारतीय समय में नारी का स्थान बहुत ऊंचा था ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता’ | ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमंते तत्र देवता’ | |
प्रश्न | आज दहेज किस की भावना बनकर रह गई है: छात्र-अध्यापिका कथन: आज समाज में प्रदर्शन की भावना बढ़ती जा रही है, अमीर लोग बेटी के विवाह में बढ़-चढ़कर दहेज देते हैं, परंतु गरीब लोग ज्यादा दहेज ना दे सकने के कारण अपनी बेटी के लिए अच्छा वर नहीं खरीद पाते| वर पक्ष भी बढ़-चढ़कर दहेज मांग करता है| | प्रदर्शन | आज समाज में प्रदर्शन की भावना बढ़ती जा रही है| |
प्रश्न एक सामाजिक बुराई | दहेज एक कौन सी बुराई है? छात्र-अध्यापिका कथन : दहेज प्रथा भारतीय समाज के लिए कलंक है, यह एक ऐसी बुराई है, जो भारतीय समाज को खोखला करती जा रही है, प्रायः माता पिता विवाह के समय दूसरों से ऋण लेकर अपनी शक्ति से अधिक दहेज देते हैं, फिर भी ना जाने कितनी युवतियां दहेज बलिवेदी पर चढ़ जाती हैं| | सामाजिक | |
दहेज़ प्रथा उन्मूलक विधेयक | छात्र-अध्यापिका चार्ट की ओर संकेत करती हुई बताएंगी कि – दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए 1961 में कानून बनाया गया इसके अनुसार वर पक्ष के लोग दो हजार रुपये से अधिक का दहेज नहीं ले सकते|1975 में इस कानून को और अधिक कठोर बनाया गया , 1976 में एक और कानून बनाया गया जिसके अनुसार किसी भी सरकारी कर्मचारी के दहेज लेने पर उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी| | ध्यान पूर्वक सुनेंगे व देखेंगे| | दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए 1961 में कानून बनाया गया |
युवा वर्ग में जागृति | छात्र-अध्यापिका कक्षा में आगे से पीछे की ओर जाती हुई बताएंगी कि : दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए देश में युवा वर्ग की जागृति आवश्यक है| शिक्षित युवक युवतियों को यह दृढ़ प्रतिज्ञा करनी चाहिए, कि हम दहेज नहीं लेंगे ना देंगे| | दहेज प्रथा के उन्मूलन के लिए देश में युवा वर्ग की जागृति आवश्यक है| | |
उपसंहार | छात्र-अध्यापिका चार्ट की ओर संकेत करते हुए विद्यार्थियों को बताएंगी कि: शिक्षित युवक - युवतियां रूढ़िवादी मनोवृति वाले माता – पिता की अवहेलना करके सरकार का सहयोग दें तो भारतीय संस्कृति पर लगा हुआ कलंक निश्चय ही धुल जाएगा| |
सामान्यीकरण:छात्र-अध्यापिका यह मानकर चलती है, कि विद्यार्थियों को दहेज प्रथा समझ में आ गया होगा|
पुनरावृत्ति:
- प्राचीन काल में दहेज किसका प्रतीक था?
- दहेज शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?
- दहेज प्रथा को समाप्त करने के लिए कौन से कानून बनाए गए हैं?
गृहकार्य:
- ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता’ का क्या अर्थ है?
- आज दहेज प्रथा कैसी भावना बनकर रह गई है?
- दहेज प्रथा की समाप्ति के लिए युवा वर्ग की भूमिका का वर्णन करो या बताओ?
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- Class : 5th,6th,7th,8th,9th
- Subject : हिंदी व्याकरण
- Topic : भाषा (Bhasha Lesson Plan)
- Lesson Plan Type : सूक्ष्म शिक्षण कौशल
- Skill : खोजपूर्ण प्रश्न कौशल (प्रोबिंग क्वेश्चन स्किल )
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
KhojPurn Prashan kaushal MiroTeaching Suksham Lesson Plan in Hindi on Bhasha [Bhasha Lesson Plan in Hindi Vyakaran] For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - भाषा पाठ योजना
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
छात्राध्यपिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
भाषा किसे कहते हैं? अनुबोधन | भाषा वह साधन है, जिसके द्वारा मनुष्य अपने भावों या विचारों को दूसरों के सामने बोल कर व लिखकर प्रकट करता है, तथा दूसरों के विचारों या भावों को समझता है| |
भाषा के मुख्य कितने रूप हैं? अधिक सूचना प्राप्ति | दो |
भाषा के दोनों रूपों का नाम बताओ? अधिक सूचना प्राप्ति | मौखिक रूप और लिखित रूप |
भाषा का मौखिक रूप कौन सा है? पुनः केंद्रीकरण | भाषा का ऐसा रूप जिसमें बोलकर मन के भाव प्रकट किए जाते हैं, तथा सुनकर मन के भाव समझ जाते हैं| |
भाषा का लिखित रूप कौन सा है? अधिक सूचना प्राप्ति पुनः निर्देशन | भाषा का ऐसा रूप जिसमें लिखकर मन के भाव प्रकट किए जाते हैं, तथा पढ़कर मन के भाव समझे जाते हैं| |
भाषा का लिखित रूप महत्वपूर्ण क्यों है? आलोचनात्मक सजगता अधिक सूचना प्राप्ति | लिखित रूप भाषा को स्थाई रूप देता है| ज्ञान विज्ञान को अगली पीढ़ी के लिए सुरक्षित रखता है| |
निरीक्षण अनुसूची एवं रेटिंग स्केल
क्रम संख्या: | घटक: | रेटिंग स्केल: |
1.) | अनुबोधन | 1 2 3 4 5 |
2.) | अधिक सूचना प्राप्ति | 1 2 3 4 5 |
3.) | पुनः केन्द्रीयकरण | 1 2 3 4 5 |
4.) | पुनः निर्देशन | 1 2 3 4 5 |
5.) | आलोचनात्मक सजगता | 1 2 3 4 5 |
Sant Kabir Das Lesson Plan in Hindi (Kabir Ke Dohe Aur Unki Kavyagat Vishestaye Lesson Plan) for Class 5th to 10th
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- Class : 5th to 10th
- Subject : Hindi
- Topic :कबीरदास की काव्यगत विशेषताएं [kabeer Das Lesson Plan]
- Lesson Plan Type : सूक्ष्म शिक्षण
- Skill : Drishtant Kaushal
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Drishtant kaushal Micro Lesson Plan Lesson Plan in Hindi on kabir Das Aur Unki KavyaGat Rachnaye Class 6th to 10th For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - कबीरदास की काव्यगत रचनाएँ पाठ योजना
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher's Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
छात्राध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
“बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय| जो मन खोजा आपना, मुझसे बुरा ना कोई||” यह दोहा किसके द्वारा लिखा गया है? | कबीरदास जी द्वारा |
छात्राध्यापिका कथन: कबीर दास जी भक्ति कालीन युग के महान संत थे| उन्होंने ईश्वर के निर्गुण रूप पर बल दिया| उन्होंने कहा ईश्वर कण कण में बसा है| उन्होंने अपने काव्य में मानव धर्म का प्रचार किया| वह अनपढ़ थे, इसलिए उन्हें भाषा का ज्ञान नहीं था| उनकी प्रमुख रचना ‘बीजक’ मानी जाती है| | |
कबीर दास ने ईश्वर के किस रूप पर बल दिया है? सरल उदाहरण | निर्गुण रूप |
छात्राध्यापिका कथन: कबीर दास ने निर्गुण रूप में मूर्ति पूजा का खंडन किया था| | |
कबीर दास जी ने अपने काव्यों में किस धर्म पर बल दिया? सरल व रोचक उदाहरण उदाहरण की संबद्धता | मानव धर्म पर |
छात्राध्यापिका कथन कबीरदास ने मानव धर्म पर सबसे ज्यादा बल दिया है, सभी मानव धर्म का प्रचार भी किया| | |
कबीर दास ने अपनी काव्य में ईश्वर के बारे में क्या कहा है? उदाहरण की संबद्धता| माध्यमों की उपयुर्क्ता| | ईश्वर कण कण में बसे हुए हैं| |
निरीक्षण अनुसूची एवं रेटिंग स्केल:
क्रम संख्या: | घटक: | रेटिंग स्केल: |
1. | सरल उदाहरण | 0 1 2 3 4 5 |
2. | रोचक उदाहरण | 0 1 2 3 4 5 |
3. | उदाहरणों की सम्बद्धता | 0 1 2 3 4 5 |
4. | माध्यमों की उपयुर्क्ता | 0 1 2 3 4 5 |
5. | उपागम की उपयुर्क्ता | 0 1 2 3 4 5 |
Bhoot, Bhavishya Aur Vartman Kaal Lesson Plan in Hindi for Class 6th to 10th on Punarbalan Kaushal
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- Class : 6th, 7th, 8th
- Subject : Hindi Vyakran
- Topic : Kaal Lesson Plan
- Lesson Plan Type : Micro
- Skill : Punarbalan Kaushal
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
kaal Lesson Plan in Hindi on Punarbalan Kaushal For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - काल पाठ योजना हिंदी व्याकरण
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
छात्राध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: |
श्यामपट्ट पर लिखे हुए शब्दों को दिखाते हुए :
पहले, दूसरे और तीसरे वाक्य में रेखांकित शब्द क्या है? “शाबाश” प्रशंसात्मक शब्दों का प्रयोग | यह सब क्रिया है| |
इन तीनों वाक्यों में क्या अंतर है? “आपने ठीक उत्तर दिया” विद्यार्थी की भावना को स्वीकृत करने वाले कथन | तीनों वाक्य में क्रिया अलग-अलग है| |
प्रश्न : काल से किसका पता चलता है? धनात्मक अशाब्दिक पुनर्बलन का प्रयोग | समय का |
प्रश्न : काल किसे कहते हैं? | जो समय का बोध कराएँ| |
छात्राध्यापिका कथन: जिन शब्दों से हमें वर्तमान, भूतकाल तथा भविष्य के समय का बोध हो, उसे काल कहते हैं| विद्यार्थी की अनुक्रिया को दोहराना व नए शब्दों में व्यक्त करना| | |
प्रश्न : काल की कोई दो उदाहरण दो| बहुत अच्छा प्रशंसात्मक शब्दों का प्रयोग | राम पुस्तक पढ़ता है| राम खाना खायेगा| |
निरीक्षण अनुसूची एवं रेटिंग स्केल:
वांछित व्यवहार:
क्रम संख्या: | घटक: | रेटिंग स्केल: |
1. | प्रशंसात्मक शब्दों का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
2. | विद्यार्थी की भावनाओं को स्वीकृत करने वाले कथन | 0 1 2 3 4 5 |
3. | विद्यार्थी के उत्तर को दोहराना | 0 1 2 3 4 5 |
4. | विद्यार्थी की अनुक्रिया को श्यामपट्ट पर लिखना | 0 1 2 3 4 5 |
5. | धनात्मक अशब्दिक पुनर्बलों का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
आवांछित व्यवहार
क्रम संख्या: | घटक: | रेटिंग स्केल: |
1. | हतोत्साहित करने वाले कथन का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
2. | नकारात्मक पुनर्बलनों का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
3. | हतोत्साहित संकेत व शब्द नकारात्मक अशब्दिक पुनर्बलनों का प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
4. | पुनर्बलन का गलत प्रयोग | 0 1 2 3 4 5 |
Micro teaching Lesson Plan in Hindi [Meera Ke Pad Aur kavya Lesson Plan]
यह हिंदी माइक्रो लेसन प्लान (पाठ योजना ) मीराबाई की काव्यगत विशेषताएं एवं उनकी रचनाओं के विषय पर है| जोकि सूक्षम पाठ योजना के उद्दीपन परिवर्तन कौशल पर बनाया गया है |
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- Class : 6th, 7th, 8th
- Subject : Hindi
- Topic : Meera Ke Pad Lesson Plan
- Lesson Plan Type : MicroTeaching
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Meera Bai Ke Pad Lesson Plan In Hindi [मीरा बाई के पद पाठ योजना] on MicroTeaching Skill Uddipan Parivartan kaushal for Class 6 to 8 For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
छात्राध्यपिका क्रियाएं | छात्र-क्रियाएं: |
बच्चों ! पिछली कक्षा में आपने मीरा के पदों का अध्ययन किया था| उन्हीं के आधार पर आज हम मीरा की काव्यगत विशेषताओं का अध्ययन करेंगे| छात्राध्यपिका श्यामपट्ट के पास जाकर उप-विषय लिखती हैं: मौखिक दृश्य बदलाव | छात्र ध्यान से सुनेंगे |
श्यामपट्ट पर लिखी पंक्तियां दिखाते हुई और पंक्ति पढ़कर “मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई” | छात्र देखेंगे और सुनेंगे| |
[सारी कक्षा से] बच्चों यह पद किसके द्वारा लिखा गया है| मौन | |
रमा – तुम बताओ| सीता से – मीरा द्वारा रचित अन्य कोई पद बताओ| अध्यापिका गीता द्वारा बताई गई पंक्ति को श्यामपट्ट पर लिखती है| | मीराबाई श्री गिरिधर के आगे नाचूंगी| |
छात्राध्यपिका अंतक्रिया [ सारी कक्षा से ] मीरा ने अपनी रचनाओं में मुख्य रूप से किसका वर्णन किया है, सीमा अब तुम बताओ, मीरा ने अपने काव्य से किस भावना का सुंदर चित्रण किया है? | भक्ति और प्रेम भावना श्री कृष्ण जी का |
छात्राध्यपिका कथन बच्चों, मीरा जी ने अपने पदों में श्री कृष्ण जी का इतना सुंदर वर्णन किया है, जिसे पढ़ते हुए हमारे सम्मुख वह चित्र सजीव होता है| हाथों को घुमाते हुए [ हावभाव ] ऐसा लगता है मानो श्री कृष्ण और मीरा हमारे सामने हो| यह बताओ मीरा ने अपनी रचना में किस भाषा का प्रयोग किया है| विराम छात्राध्यपिका कथन मीरा ने ब्रज तथा राजस्थानी भाषा में काव्य की रचना की है| | छात्र ध्यान से सुनते हैं| |
निरीक्षण अनुसूची एवं रेटिंग स्केल:
क्रम संख्या: | व्यवहार घटक: | रेटिंग स्केल: |
1. | संचलन | 0 1 2 3 4 5 |
2. | हाव भाव | 0 1 2 3 4 5 |
3. | स्वर में उतार चढ़ाव | 0 1 2 3 4 5 |
4. | केन्द्रण | 0 1 2 3 4 5 |
5. | अन्तः क्रिया शैलियों में बदलाव | 0 1 2 3 4 5 |
6. | श्रव्य-दृश्य बदलाव | 0 1 2 3 4 5 |
7. | विराम | 0 1 2 3 4 5 |
8. | विद्यार्थियों की शारीरिक सहभागिता | 0 1 2 3 4 5 |
Hindi Lesson in Hindi Plan ( हिंदी लेसन प्लान )
यह पाठ योजना (Lesson Plan in Hindi) न केवल कक्षा (Class) 5 , कक्षा 6 , कक्षा 7, कक्षा 8 के शिक्षकों (teachers ) के लिए सहायक है | बल्कि सभी classes (कक्षा )1st, 2nd , 3rd, 4th, 9th, 10th, 11th, 12th के अध्यापको एवं अध्यापिकाओं को इस Hindi Lesson Plan से बहुत मदद मिलेगी | और साथ ही साथ बी.एड, De.l.ed, btc, bstc, M.Ed और अन्य किसी टीचर ट्रेनिंग कोर्स में पढ़ रहे छात्र इसे देखकर अपनी हिंदी लेसन प्लान की पूरी डायरी तैयार कर सकते है|यह हमारी पाठ योजना हिंदी झांसी की रानी कविता पर बनाई गयी है| अगर आप किसी विषय पर हिंदी का लेसन प्लान ढंग रहे है तो निचे जो बटन दिया गया है उसे दबाये| यह आपको हिंदी के हर विषय पर बहुत सारे लेसन प्लान मिल जायेंगे|
- निचे दी गयी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिसमे कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके आप अपनी सुविधा के अनुसार काम में ला सकते है|
- हरे रंग में जो Explanations दी गयी है| वो आपको अपनी लेसन प्लान डायरी में नहीं लिखनी| यह केवल आपको समझने के लिए दी गयी है |
हिंदी पाठ योजना बनाने के चरण ( Steps and Format of making Lesson Plan In Hindi)
- कक्षा (Class) - 5 , 6, 7 , 8 , 9,10
- विषय (subject) - हिंदी (पद )
- प्रकरण (Topic) - झांसी की रानी ( कविता )
- झांसी की रानी कविता की व्याख्या
- झांसी की रानी कविता का भावार्थ
- शब्द व्याख्या
सामान्य उद्देश्य:
- छात्रों को झांसी की रानी कविता के प्रति रुचि उत्पन्न कराना।
- छात्रों में लय , ताल एवं भावयानुसार काव्य पाठ की क्षमता उत्पन्न कराना|
- छात्रों को कविता के संदेश की सराहना करने के योग्य बनाना।
- विद्यार्थी कवि की भाषा शैली को विशेषता सहित बता सकेंगे।
- विद्यार्थी विषय वस्तु का प्रत्यास्मरण कर सकेंगे।
- आरोह - अवरोह के साथ कविता पढ़ सकेंगे।
- विद्यार्थी कविता सुनकर अर्थ ग्रहण कर सकेंगे।
- छात्र कविता के अर्थ अपने शब्दों में बता सकेंगे।
- छात्र कविता का सस्वर पाठ कर सकेंगे।
- अध्यापक / अध्यापिका क्रियाएं - अध्यापक/ अध्यापिका क्रिया मैं अध्यापक जो भी कक्षा में क्रिया करता है उसे लिखा जाता है।
- छात्र क्रियाएं : छात्र क्रियाएं वह क्रियाएं हैं जो क्रियाएं छात्र अध्यापक द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में करते हैं।
विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान को जांचने के लिए अध्यापक/अध्यापिका निम्न प्रश्न पूछ सकते हैं।
अध्यापक/अध्यापिका क्रिया | छात्र / छात्रा क्रिया |
1857 की क्रांति में सबसे वीर महिला कौन थी ? (शिक्षक यह प्रश्न अपने विद्यार्थियों से पूछेगा।) | 1857 की क्रांति में सबसे वीर महिला थी रानी लक्ष्मी बाई| (अध्यापक द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर छात्र इस प्रकार देंगे। ) |
अगला प्रश्न हिंदी का अध्यापक पूछ सकता है कि लक्ष्मी बाई कहां की रानी थी? | छात्र उत्तर देंगे की लक्ष्मी बाई झांसी की रानी थी। |
झांसी की रानी का पूरा नाम क्या है? | झांसी की रानी का पूरा नाम रानी लक्ष्मीबाई है। |
रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की कहानियां हमने किससे सुनी है? | समस्यात्मक प्रश्न (समस्यात्मक प्रश्न वह प्रश्न है जब छात्र पूछे गए प्रश्न का उत्तर नहीं दे पाते) |
शिक्षण बिंदु | अध्यापक / अध्यापिका क्रियाएं | छात्र क्रियाएं | चौक बोर्ड कार्य |
कवियत्री परिचय | अध्यापक विद्यार्थियों को इस कविता की कवियत्री, सुभद्रा कुमारी चौहान का परिचय देंगे तथा आवश्यक बिंदुओं को श्यामपट्ट (ब्लैक बोर्ड) पर लिखेंगे। अध्यापक/अध्यापिका विद्यार्थियों को बताएंगे की यह कविता सुप्रसिद्ध कवियत्री सुभद्रा कुमारी चौहान के द्वारा लिखी गई है।इस कविता में कवियित्री ने रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य की प्रशंसा की है तथा उन्होंने 1857 के स्वाधीनता संग्राम में लक्ष्मीबाई के योगदान का वर्णन किया है। | सभी विद्यार्थी ध्यानपूर्वक देखेंगे तथा लिखेंगे। | इस कविता में कवियित्री ने रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य की प्रशंसा की है। (यह लाइनें अध्यापक/ अध्यापिका पाठ पढ़ाने के दौरान श्यामपट्ट पर लिखेंगे।) |
कविता का परिचय | शिक्षक विद्यार्थियों को बताएंगे कि इस कविता में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौर की बात कही गई है इस संग्राम में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी | कविता में उस समय के माहौल के बारे में बताया गया है जब अंग्रेज हर तरह की जोर जबरदस्ती करके भारतीय राजाओं के राज्यों को छीनना चाहते थे| उन पर हर तरह का अत्याचार करके वह उनके राज्य को छीनना चाहते थे। | सभी विद्यार्थी ध्यानपूर्वक सुनेंगे| | संग्राम में रानी लक्ष्मीबाई ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी| अंग्रेज हर तरह की जोर जबरदस्ती करके राज्य प्राप्त करना चाहते थे। |
आदर्श वाचन | अब शिक्षक / शिक्षिका विद्यार्थियों को किताबे खोलने के लिए कहेंगे। अध्यापक / अध्यापिका उचित हाव-भाव के साथ संपूर्ण कविता का सस्वर पठन करेंगे। | सभी विद्यार्थी अपनी पाठ्य पुस्तक खोलेंगे। | |
अनुकरण वाचन | अब शिक्षक/ शिक्षिका कक्षा के दो-तीन विद्यार्थियों से अलग अलग पद्यांशों का वाचन करने के लिए निर्देश देंगे और उनके वाचन को ध्यानपूर्वक सुनेंगे तथा उनके पाठ के पठन दोषों को दूर करेंगे। | सभी विद्यार्थी शिक्षक के आदेश अनुसार उचित स्वर एवं लय के साथ वाचन करेंगे। | |
शब्द व्याख्या | शिक्षक कविता में आए कठिन शब्दों का अर्थ बताएंगे तथा उन्हें श्यामपट्ट पर लिखेंगे। | विद्यार्थी शब्दार्थो को सुनेंगे तथा अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखेंगे। | शब्द - अर्थ मर्दानी - ना मिटने वाली फिरंगी-अंग्रेज कृपाण- तलवार छबीली- चंचल वैभव - धन-संपत्ति वार-हमला |
भाव विश्लेषण एवं सुंदरानुभूति | शिक्षक प्रश्नों और कथन की सहायता से कविता के भाव को स्पष्ट करेंगे | शिक्षक कविता का पठन करेंगे तथा प्रश्न पूछेंगे की लक्ष्मीबाई की वीरता की कहानी हमने किससे सुनी है? | विद्यार्थी प्रश्नों का उत्तर देंगे और कहेंगे की लक्ष्मीबाई की वीरता की कहानी हमने हरबोलों से सुनी हैं। | |
लक्ष्मी बाई कानपुर के नाना साहिब की मुंह बोली बहन थी। जिसका बचपन का नाम छबीली था| लक्ष्मी बाई अपने पिता की अकेली संतान थी वह बचपन से ही नाना के साथ पढ़ती थी और उन्हीं के साथ खेलती थी उसे हथियार प्रिय थे| इसलिए ढाल कृपाण कटार को वह अपनी सहेली मानती थी| उसे बचपन से ही शिवाजी की वीरता की कहानियां याद थी| हमने बुंदेले हरबोलों के मुंह से सुना है कि रानी लक्ष्मीबाई वीर पुरुषों की भांति बहादुरी से लड़ी थी| | विद्यार्थी ध्यानपूर्वक सुनेंगे| | रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की कहानी हमने हर बोलो से सुनी थी। |
सामान्यीकरण
- झांसी की रानी कविता किस के द्वारा लिखित है?
- सुभद्रा कुमारी चौहान लक्ष्मीबाई को मरदानी क्यों कहती है?
- गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
- झांसी की रानी के जीवन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
- झांसी की रानी के जीवन की कहानी अपने शब्दों में लिखिए और यह भी बताइए कि उसका बचपन आपके बचपन से कैसे अलग था।
B.Ed/ DELED/BTC Lesson Plan Format in Hindi
शिक्षण बिंदु | छात्र अध्यापक/अध्यापिका क्रिया | छात्र क्रिया | चौक बोर्ड कार्य |
This Lesson Plan in Hindi for class 5th, 6th, 7th, 8th, and 9th is not only for new teachers of CBSE, NCERT, Nios, and state board schools but also for BEd (B.Ed), DED(DELED), BTC and NIOS student teachers of year and semester 1st, 2nd, 3rd, 4th, 5th, and 6th. Pupil teachers can make micro, mega and real teaching Hindi Lesson Plans for their exams, internships, and practical demo teaching. This is the sample and model Hindi Lesson Plan for all teachers of Hindi. This Hindi path Yojana is on Jhansi Ki Rani Kavita by Subhadra Kumari Chauhan with the help of which all teachers of Hindi subject can make Hindi Vyakran व्याकरण, kavya, padh, kavitaye, Sahitya, lesson plans easily.
Is detailed Hindi Lesson Plan me Hindi ka Lesson Plan Banane ka Pura format our steps diye Gaye hai. Jiski shayata se aap Hindi ke kisi bhi vishye par Lesson Plan bana sakte hai. Naye Shikshak akshar is duvidha me rehte hai ki apni class ka liye Hindi Lesson Plan kaise taiyar kare. They often think about how to make Lesson Plan in Hindi? But the solution is right here. A perfect and detailed lesson plan in Hindi is given below which can fulfill all the requirements of Hindi Teachers.
न केवल नए शिक्षक बल्कि experienced टीचर्स भी अपनी टीचिंग स्किल्स बेहतर करने के लिए इस पाठ योजना हिंदी की सहायता ले सकते है|
Micro Teaching Skills In Hindi / सूक्ष्म शिक्षण हिंदी पाठ योजना
- कक्षा (Class) – 5, 6, 7, 8, 9 , 10
- विषय(Subject) - हिंदी व्याकरण (Hindi Vyakran/Grammar)
- प्रकरण (Topic) – समास (हिंदी व्याकरण)
- माइक्रो टीचिंग स्किल- प्रस्तावना कौशल
- समय - 6 मिनट
अध्यापक /अध्यापिका क्रियाएं- | छात्र क्रियाएं- |
अध्यापक / अध्यापिका श्यामपट्ट पर लिखे हुए शब्दों की ओर संकेत करते हुए कहेंगे | माता + पिता = माता-पिता विश्राम + ग्रह = विश्राम गृह घोड़ा + सवार= घुड़सवार यह सभी शब्द कैसे बने हैं? (पूर्व ज्ञान सूक्ष्म कौशल (माइक्रो टीचिंग स्किल ) का प्रयोग) | यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बने हैं। |
माता पिता में पूर्व पद कौन सा है? (पूर्व ज्ञान एवं तारतम्यता सूक्ष्म कौशल का प्रयोग) | माता पिता में पूर्व पद माता है। |
माता पिता में उत्तर पद कौन सा है? (शाब्दिक तथा शाब्दिक व्यवहार की सार्थकता एवं उचित साधनों का प्रयोग) | माता पिता शब्द में उत्तर पद पिता है। |
समास की परिभाषा बताएं? (तारतम्यता सूक्षम शिक्षण कौशल का प्रयोग) | समस्यात्मक प्रश्न |
अध्यापक अध्यापिका कथन- दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से बने सार्थक शब्द समास कहलाते हैं। |
निरीक्षण अनुसूची एवं रेटिंग स्केल (Observation Schedule)
व्यवहार घटक (components or elements used) | रेटिंग स्केल (Rating scale) |
पूर्व ज्ञान का प्रयोग | 0, 1 , 2 , 3 , 4, 5 , 6 |
तारतम्यता का प्रयोग | 0, 1 , 2 , 3 , 4, 5 , 6 |
शाब्दिक एवं अशाब्दिक व्यवहार की सार्थकता | 0, 1 , 2 , 3 , 4, 5 , 6 |
उचित साधनों का प्रयोग | 0, 1 , 2 , 3 , 4, 5 , 6 |
सूक्ष्म शिक्षण (माइक्रो टीचिंग) हिंदी में कैसे बनाते हैं ? तथा इसे बनाने के विभिन्न चरण कौन-कौन से होते हैं और इसका प्रयोग हम कहां कहां और कैसे कर सकते हैं?
अगर आप बीएड(B.Ed) , बीटीसी, (BTC), D.El.Ed के 1st, 2nd , 3rd , 4th ya kisi bhi semester or year ka विद्यार्थी हैं| या फिर किसी स्कूल में हिंदी के अध्यापक/ अध्यापिका है तो आपको माइक्रो टीचिंग स्किल्स की जरूरत पड़ती होगी। दोस्तों इस पोस्ट के माध्यम से आप हिंदी का माइक्रोटीचिंग लेसन प्लान (हिंदी की सूक्ष्म पाठ योजना) बड़ी आसानी से बना सकते हैं|
माइक्रो टीचिंग हिंदी लेसन प्लान में हमने समास विषय को लिया है जो की हिंदी व्याकरण के अंदर आता है और कक्षा 6, 7 ,8, 9, 10 के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी होगा। न केवल कक्षा पांचवी छठी सातवीं आठवीं के लिए, अपितु कक्षा 1, 2, 3, 4, और 11, 12 के हिंदी के अध्यापक, अध्यापिका भी सूक्ष्म माइक्रो हिंदी लेसन प्लान की मदद से सूक्ष्म पाठ योजना तैयार कर सकते है इस माइक्रो टीचिंग स्किल में हमने प्रस्तावना कौशल का प्रयोग किया है जिसमें एक तरफ अध्यापक अध्यापिका क्रियाएं दी गई हैं यह वह क्रियाएं हैं जो अध्यापक/ अध्यापिका कक्षा में पढ़ाते समय करेंगे वहीं दूसरी तरफ छात्र क्रियाएं दी गई हैं जिसमें अध्यापक द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर छात्र-छात्राएं देंगे।
यह सूक्ष्म माइक्रो टीचिंग स्किल्स ज्यादा समय के नहीं होते हैं 5 से 8 मिनट तक के होते हैं जिसमें अध्यापक सभी सक्षम टीचिंग स्किल्स को इस्तेमाल करके एक दमदार तरीके से पाठ की शुरुआत करते हैं
इस हिंदी की माइक्रो टीचिंग लेसन प्लान में जो स्किल इस्तेमाल किए गए हैं वह है पूर्व ज्ञान का प्रयोग जिसमें अध्यापक/ अध्यापिका कक्षा में विद्यार्थियों से कुछ सवाल पूछते हैं और उनके पूर्व ज्ञान का परीक्षण करते हैं साथ ही साथ तारतम्यता और शाब्दिक अशाब्दिक व्यवहार का भी प्रयोग करते हैं।
वाक्यांश के शब्दों में सम्बन्ध स्थापित करने वाले चिह्न को कारक चिह्न कहा जाता हैं।
जैसे-राम ने रोटी खायी।
इस वाक्य में राम और रोटी के बीच ‘ने’ सम्बन्ध स्थापित कर रहा है, अतः यहाँ ‘ने’ कारक चिह्न है। क्रिया से सम्बन्ध रखने वाले वे सभी शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम के रूप होते हैं उन्हें कारक कहते हैं।
अर्थात कारक संज्ञा या सर्वनाम शब्दो का वह रूप होता है जिसका सीधा सम्बन्ध क्रिया से होता है। कहने का मतलब ये है की, जब किसी वाक्य मे संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का अलग-अलग रूप मे प्रयोग होता है तब इन्ही अलग-अलग रूप को कारक कहते हैं।
Karak Lesson Plan
Date : | Duration Of The Period : |
Pupils Teacher Name : | Pupil Teacher’s Roll Number : |
Class : | Average Age Of the Pupils : |
Subject : | Topic : |
- कक्षा: सातवीं
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: कारक ( कर्ता और कर्म कारक )
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
- विद्यार्थी व्याकरण से संबंधित सामान्य जानकारी प्राप्त करने योग्य हो पाएंगे |
- कारकों की पहचान कर पाएंगे |
- कारकों के उदाहरण दे पाएंगे |
- कारक शब्दों के चिह्नों में भेद कर पाएंगे |
- विद्यार्थी कारकों का प्रयोग दैनिक बोलचाल में कर पाएंगे |
- भाषा को शुद्धता के साथ प्रयोग कर पाएंगे |
- विद्यार्थी कारकों के चिह्न सहित शुद्ध वर्तनी लिख पाएंगे |
अनुदेशनात्मक सामग्री
- सामान्य सामग्री – चौक, झाड़न, संकेतक, श्यामपट्ट
- विशिष्ट सामग्री – कारकों के चिह्नों का चार्ट
पूर्व ज्ञान परीक्षण
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
छात्र अध्यापिका बच्चों से पूछेंगी – रावण को किसने मारा था | राम ने |
रावण ने सीता को कहां रखा हुआ था ? | अशोक वाटिका में |
हनुमान जी किसके ऊपर बैठे थे ? | पेड़ पर |
बच्चों क्या आप जानते हैं, जो चिन्ह वाक्यों के मध्य आए जैसे ने, को, में, पर उन्हें क्या कहते हैं ? | समस्यात्मक प्रश्न |
प्रस्तुतीकरण
शिक्षण बिंदु | शिक्षण विधि | छात्र अध्यापिका क्रियाएं | छात्र क्रियाएं
| चौक बोर्ड कार्य |
कारक | व्याख्या विधि | किसी कार्य को करने वाला संज्ञा या सर्वनाम पदों का वाक्य में क्रिया अथवा अन्य पदों के साथ जो संबंध होता है उसे कारक कहते हैं | |
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संबंधित प्रश्न | प्रश्न-उत्तर विधि | कारक किसे कहते हैं| | उत्तर – |
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उपसर्ग | व्याख्या व प्रदर्शन विधि | परसर्ग – |
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कारक के भेद | व्याख्या विधि | कारक के प्रकार -
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संबंधित प्रश्न | प्रश्नोत्तर विधि | कारक के कितने भेद हैं ? |
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कर्ता कारक | व्याख्या विधि | क्रिया करने वाले का बोध हो | उदाहरण – |
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कर्म कारक |
| कर्ता के व्यापार का फल जैसे – मोहन पत्र लिखता है | |
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करण कारक | व्याख्या विधि | क्रिया के साधन का बोध होता है | जैसे – राम कलम से लिखता है | |
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संप्रदान | व्याख्या विधि | क्रिया किसके लिए है | इसका बोध होता है |
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अपादान |
| अलग होने का बोध कराता है | जैसे – पत्ते पेड़ से गिरते हैं| |
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संबंध | व्याख्या विधि | संबंध का बोध होता है | जैसे – राम का भाई है | |
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अधिकरण | प्रदर्शन विधि | रूपया हाथ में है | |
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संबोधन |
| हे ! प्रभु यह क्या है? |
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कारक चिन्ह |
| कारक : परसर्ग कर्ता : ने कर्म :को करण :से, के द्वारा संप्रदान :को, के लिए अपादान :से (अलग) संबंध :का, की, के अधिकरण : में, पर संबोधन :हे, अरे |
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मूल्यांकन
- कारक किसे कहते हैं ?
- कारक के कितने भेद होते हैं ?
- कर्ता और कर्म कारक में क्या भेद है ?
- संप्रदान कारक किसे कहते हैं ?
गृह कार्य
कारक की परिभाषा व भेद सहित चार्ट बनाओ?जिस शब्द से किसी कार्य का करना अथवा होना समझा जाय, उसे क्रिया कहते है। जैसे — वह पढ़ती है। अथवा
जिस शब्द से किसी काम के करने या होने का बोध हो, उसे क्रिया कहते हैं। जैसे — खाना , पीना , उठना , बैठना , हँसना , रोना आदि। क्रिया भी विकारी शब्द है। इसके रूप लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार बदलते रहते हैं। वाक्यों में इनका प्रयोग विभिन्न रूपों में होता है।क्रिया के दो प्रकार है –
- कर्म के आधार पर ,
- रचना के आधार पर
कर्म के आधार पर क्रिया
सकर्मक क्रिया– जिस क्रिया का फल कर्म पर पड़े उसे सकर्मक क्रिया कहते है।
अकर्मक क्रिया – अकर्मक क्रिया में क्रिया के साथ कर्म अनुपस्थित होता हैं और क्रिया का फल या प्रभाव कर्ता पर पड़ता हैं जबकि सकर्मक क्रिया में क्रिया का प्रभाव कर्म पर पड़ता हैं। वाक्य में जब क्रिया के साथ कर्म नही होता तो उस क्रिया को अकर्मक क्रिया कहते है।
Kriya Lesson Plan
Date : | Duration Of The Period : |
Pupils Teacher Name : | Pupil Teacher’s Roll Number : |
Class : | Average Age Of the Pupils : |
Subject : | Topic : |
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा: छठी
- विषय:हिंदी
- टॉपिक: क्रिया
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
अनुदेशनात्मक उद्देश्य
- विद्यार्थी क्रिया की परिभाषा लिख पाएंगे |
- विद्यार्थी क्रिया शब्द से परिचित होंगे |
- विद्यार्थी क्रिया शब्द की पहचान कर पाएंगे |
- विद्यार्थी क्रिया के सामान्य उदाहरण दे पाएंगे |
- क्रिया के भेदों में अंतर कर पाएंगे |
- दैनिक जीवन में क्रिया का उपयोग जान पाएंगे |
- क्रिया शब्द की शुद्धता को जानकर प्रयोग कर पाएंगे |
- क्रिया का मूल्यांकन कर पाएंगे |
पूर्व ज्ञान परीक्षण
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
बच्चों आपने सुबह उठकर क्या–क्या किया ? | ब्रश किया, मुंह हाथ धोए, नहाया, नाश्ता किया, तैयार होकर स्कूल आये | |
स्कूल में क्या–क्या किया ? | प्रार्थना की, दोस्तों से बात की, कक्षा कार्य किया | |
अध्यापिका जी ने क्या काम किया ? | पढ़ाया गया | |
क्या आप जानते है, इन सभी कामों को व्याकरण में क्या कहते हैं ? | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्देश्य कथन – आओ बच्चों ! क्रिया के विषय में जानेंगे |
प्रस्तुतीकरण
शिक्षण विधि | शिक्षण बिंदु | छात्र अध्यापिका क्रियाएं | छात्र क्रियाएं | चौक बोर्ड कार्य |
क्रिया | प्रदर्शन व व्याख्या विधि | शब्दों से किसी कार्य के करने या होने का पता चलता है, उसे क्रिया कहते हैं | |
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संबंधित प्रश्न | प्रश्न उत्तर | क्रिया किसे कहते हैं ? |
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क्रिया के भेद | व्याख्या विधि | क्रिया के दो भेद होते हैं-
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संबंधित प्रश्न |
| क्रिया कितने प्रकार की होती है ? |
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अकर्मक क्रिया | व्याख्या विधि | अकर्मक क्रियाओं का फल कर्म पर न पड़े उन्हें अकर्मक क्रिया कहते हैं| जैसे-
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संबंधित प्रश्न | व्याख्या विधि | सकर्मक क्रियाओं का फल कर्म पर पड़े, उन्हें सकर्मक क्रिया कहते हैं | |
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प्रश्न |
| अकर्मक क्रिया किसे कहते हैं ? |
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सकर्मक क्रिया | उदाहरण | जैसे- प्रेम खाना खा रहा है | राम कहानी पढ़ रहा है | इस वाक्य की क्रिया का फल कर्ता राम पर न पड़ कर कर्म कहानी पर पड़ रहा है, इसलिए इसे सकर्मक क्रिया कहा जाएगा | |
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संबंधित प्रश्न | प्रश्न उत्तर | बच्चों क्या सकर्मक क्रिया में कर्म होता है ? |
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सकर्मक क्रिया के भेद |
| सकर्मक क्रिया के दो भेद होते हैं –
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एककर्मक क्रिया | व्याख्या विधि | जैसे – रीता संस्कृत पढ़ती है| |
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द्विकर्मक क्रिया | व्याख्या विधि | जैसे – अजय ने कैलाश से किताब खरीदी | |
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मूल्यांकन
- क्रिया किसे कहते हैं ?
- क्रिया के कितने भेद होते हैं ?
- अकर्मक और सकर्मक क्रिया में क्या अंतर है ?
- सकर्मक क्रिया के कितने भेद होते हैं नाम बताइए|
गृहकार्य
- क्रिया की परिभाषा के भेदों के नाम लिखिए तथा परिभाषा लिखो ?
- अकर्मक सकर्मक क्रिया के दस दस भेद लिखो?
समानार्थी का मतलब होता है – समान अर्थ वाला। यानि कि ऐसे शब्द जिनके अर्थ समान हो। पर्याय का अर्थ होता है ‘ सामान ‘ तथा वाची का अर्थ होता है ‘ बोले जाने वाले ‘। यानी कि पर्यायवाची का अर्थ हुआ सामान बोले जाने वाले शब्द, जिन्हें समानार्थी शब्द भी कहा जाता है।
समानार्थी शब्द को अंग्रेजी भाषा में synonyms कहा जाता हैं। हिंदी भाषा में हम एक शब्द के लिए किसी अन्य शब्द का भी उपयोग कर सकते हैं, जैसे हिंदी के कवि या लेखक अपने लेखन को सुंदरता प्रदान करने के लिए एक ही शब्द के अर्थ वाले अनेकों शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें समानार्थी शब्द कहा जाता है।
Samanarthi Shabd Lesson Plan
पाठ योजना का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा: सातवीं
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: समानार्थी शब्द
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Date : | Duration Of The Period : |
Pupils Teacher Name : | Pupil Teacher’s Roll Number : |
Class : | Average Age Of the Pupils : |
Subject : | Topic : |
अनुदेशनात्मक उद्देश्य
- पाठोपरांत विद्यार्थी समानार्थी शब्द की परिभाषा बता पाएंगे |
- विद्यार्थी पर्यायवाची शब्दों की पहचान कर पाएंगे |
- विद्यार्थी पर्यायवाची शब्दों के उदाहरण दे पाएंगे |
- विद्यार्थी पर्यायवाची शब्दों को वर्गीकृत कर पाएंगे |
- पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग विद्यार्थी अपने दैनिक जीवन में कर पाएंगे |
- विद्यार्थी पर्यायवाची शब्दों का मूल्यांकन कर पाएंगे |
अनुदेशनात्मक सामग्री
- सामान्य सामग्री – चौक, झाड़न, संकेतक, श्यामपट्ट
- विशिष्ट सामग्री – पर्यायवाची शब्दों का चार्ट
पूर्व ज्ञान परीक्षण
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
छात्र अध्यापिका फ़्लैश कार्ड दिखाकर – वर्षा होने वाली है? | छात्र फ़्लैश कार्ड से पढेगे बारिश होने वाली है |
यहां दूसरे वाक्य में वर्षा के लिए क्या शब्द प्रयोग किया गया ? | बारिश |
क्या बारिश शब्द से वाक्य के अर्थ में कोई परिवर्तन आया ? | नहीं |
इसी प्रकार हम पानी के लिए दूसरा क्या शब्द प्रयोग कर सकते हैं ? | जल |
क्या आप बता सकते हैं एक ही अर्थ बताने वाले इन शब्दों को व्याकरण में क्या कहते हैं | | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्घोषणा – आओ बच्चों आज हम पर्यायवाची शब्दों के विषय में पढेंगे|
प्रस्तुतीकरण
शिक्षण बिंदु | शिक्षण विधि | छात्र अध्यापक क्रियाएं | छात्र क्रियाए |
पर्यायवाची शब्दों से पहचान | वार्तालाप विधि |
यहां सदा हमेशा बात सत्य और सच एक दूसरे के समानार्थी हैं | |
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पर्यायवाची शब्द | व्याख्या एवं वार्तालाप विधि | इन शब्दों को पर्यायवाची समानार्थी शब्द कहते हैं | समानार्थी शब्द यानी समान अर्थ बताने वाले शब्द |
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परिभाषा | वार्तालाप विधि | जो शब्द समान अर्थ बताने वाले हैं या एक ही अर्थ को बताने वाले शब्दों को समानार्थक या पर्यायवाची शब्द कहते हैं| जैसे – पुत्र – बेटा, सुत, नंदन अतः ये शब्द आपस में समानार्थक हैं | छात्र अध्यापिका परिभाषा को श्यामपट्ट पर लिखेंगी| |
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पर्यायवाची शब्दों का अभ्यास कराना | प्रदर्शन विधि छात्र अध्यापिका चार्ट दिखाकर बच्चों से इन शब्दों और उनके अर्थ को पढ़ने के लिए कहेंगे |
छात्र अध्यापिका कुछ शब्द पढ़ेगी और रेखांकित शब्दों के पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग करके छात्रों को वाक्य दोबारा लिखने को कहेंगी | |
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अभ्यास | छात्र सहभागिता छात्र विधि | जैसे –
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इन शब्दों से अर्थ से पहचान | खेल विधि | छात्र अध्यापिका कक्षा को 2 टीमों में बाटेंगी और एक-एक करके कुछ पर्यायवाची शब्दों के फ्लैश कार्ड श्यामपट्ट पर चिपका आएंगे तथा किसी भी एक टीम के छात्र से पर्यायवाची शब्द का अर्थ ढूंढ कर चिपकाने को कहेंगी | |
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मूल्यांकन
- पर्यायवाची शब्दों को परिभाषित करो |
- उचित समानार्थी शब्द चुनकर खाली स्थान में लिखो |
- सूर्य …… (दिवाकर, राजेश)
- बगीचा….. (वन, उपवन)
गृहकार्य
जोड़े बनाओ –
- बादल वारि
- चांद पवन
- समुद्र कुंजन
- वायु जलधर
- वन राकेश
- सूर्य जलधि
- जल भूमि
- पृथ्वी सूरज
यहाँ पर अलम का अर्थ होता है ‘ आभूषण।’ मानव समाज बहुत ही सौन्दर्योपासक है उसकी प्रवर्ती के कारण ही अलंकारों को जन्म दिया गया है। जिस तरह से एक नारी अपनी सुन्दरता को बढ़ाने के लिए आभूषणों को प्रयोग में लाती हैं उसी प्रकार भाषा को सुन्दर बनाने के लिए अलंकारों का प्रयोग किया जाता है। अथार्त जो शब्द काव्य की शोभा को बढ़ाते हैं उसे अलंकार कहते हैं।
साहित्यों में रस और शब्द की शक्तियों की प्रासंगिकता गद्य और पद्य दोनों में ही की जाती है परंतु कविता में इन दोनों के अलावा भी अलंकार, छंद और बिंब का प्रयोग किया जाता है जो कविता में विशिष्टता लाने का काम करता है हालाँकि पाठ्यक्रम में कविताओं को अपना आधार मानकर ही अलंकार, छंद, बिंब और रस की विवेचना की जाती है।
अलंकार के तीन भेद होते है –
- शब्दालंकार,
- अर्थालंकार ,
- उभयालंकार |
इसके छह भेद होते है – अनुप्रास अलंकार, यमक अलंकार ,पुनरुक्ति अलंकार, विप्सा अलंकार, वक्रोक्ति अलंकार, शलेष अलंकार
शब्दालंकार
शब्दालंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – शब्द + अलंकार। शब्द के दो रूप होते हैं – ध्वनी और अर्थ। ध्वनि के आधार पर शब्दालंकार की सृष्टी होती है। जब अलंकार किसी विशेष शब्द की स्थिति में ही रहे और उस शब्द की जगह पर कोई और पर्यायवाची शब्द के रख देने से उस शब्द का अस्तित्व न रहे उसे शब्दालंकार कहते हैं।
अर्थालंकार
जहाँ पर अर्थ के माध्यम से काव्य में चमत्कार होता हो वहाँ अर्थालंकार होता है।
लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- कक्षा: दसवीं (10th)
- विषय: हिंदी (Hindi)
- टॉपिक: अलंकार और उसके प्रकार
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Date : | Duration Of The Period : |
Pupils Teacher Name : | Pupil Teacher’s Roll Number : |
Class : | Average Age Of the Pupils : |
Subject : | Topic : |
अनुदेशनात्मक उद्देश्य
- विद्यार्थी अलंकार का अर्थ बता पाएंगे |
- विद्यार्थी अलंकार की पहचान कर पाएंगे |
- विद्यार्थी अलंकार के भेदों के नाम बता पाएंगे |
- विद्यार्थी अलंकार को भेदो के आधार पर वर्गीकृत कर पाएंगे |
- विद्यार्थी अलंकार के उदाहरण बता पाएंगे |
- विद्यार्थी दैनिक जीवन में अलंकारों का प्रयोग कर पाएंगे |
- विद्यार्थी अलंकृत भाषा लिखने का कौशल प्राप्त कर पाएंगे |
अनुदेशनात्मक सामग्री
- सामान्य सामग्री – चौक, झाड़न, संकेतक, श्यामपट्ट
- विशिष्ट सामग्री – अलंकारों का चार्ट
पूर्व ज्ञान परीक्षण
अध्यापक क्रियाये | छात्र क्रियाये |
व्यक्ति अपने आप को अच्छा देखना चाहेगा स्त्रियां अपनी सुंदरता बढ़ाने के लिए किन-किन चीजों का प्रयोग करते हैं ? | हां तरह तरह के कपड़े,चूड़ियां, मेहंदी, काजल इत्यादि |
क्या भाषा में सुंदरता लाई जा सकती हैं ? | हां |
भाषा में सौंदर्य कैसे उत्पन्न किया जाता है ? | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्घोषणा – आओ बच्चों आज हम भाषा में सुंदरता को बढ़ाने के तरीके जानेंगे |
प्रस्तुतीकरण
शिक्षण बिंदु | शिक्षण विधि | छात्र अध्यापक क्रियाएं | छात्र क्रियाए |
अलंकार | प्रदर्शन व व्याख्या विधि | अलंकार आलम + कार दो शब्द है
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प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि | अलंकार का क्या अर्थ है ? | उत्तर अलंकार का अर्थ है आभूषण या गहने |
अलंकार के प्रकार | प्रदर्शन विधि | अलंकार दो प्रकार के होते हैं –
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संबंधित प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि | अलंकार कितने प्रकार के होते हैं ? | अलंकार दो प्रकार के होते हैं –
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शब्दालंकार | व्याख्या विधि | जहां विशिष्ट शब्दों का प्रयोग करके भाषा में सुंदरता आ जाती है वहां शब्दालंकार होता है | | |
शब्दालंकार के प्रकार | प्रदर्शन विधि | शब्दालंकार के तीन प्रकार होते हैं |
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संबंधित प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि | शब्दालंकार कितने प्रकार के होते हैं ? | उत्तर – तीन प्रकार के होते हैं |
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अनुप्रास अलंकार | अनुप्रास अलंकार की बार-बार आवृत्ति होने अनुप्रास अलंकार होते हैं | उदाहरण – रघुपति राघव राजा राम र वर्ण की आवृत्ति | ||
यमक अलंकार | व्याख्या विधि | एक ही शब्द बार-बार आए परंतु उसका अर्थ अलग-अलग हो यमक अलंकार कहलाता है | उदाहरण – कनक कनक ते सौ गुनी
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श्लेष अलंकार | व्याख्या विधि | शब्द का प्रयोग एक बार हो पर अर्थ अलग-अलग हो | उदाहरण – “सुवरन को खोजत फिरत कवि व्यभिचारी चोर” |
मूल्यांकन:
- अलंकार किसे कहते हैं ?
- अलंकार के कितने भेद होते हैं ?
- अनुप्रास अलंकार किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए |
- यमक अलंकार किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए |
- श्लेष अलंकार किसे कहते हैं ? उदाहरण दीजिए |
गृहकार्य:
- अलंकार की परिभाषा लिखिए ?
- शब्दालंकार क्या है ?
- भाषा की सुंदरता किससे बढ़ती है ?
- यमक अलंकार का उदाहरण लिखिए?
रहीम मध्यकालीन सामंतवादी संस्कृति के कवि थे। रहीम का व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न था। वे एक ही साथ सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, कवि एवं विद्वान थे।
रहीम सांप्रदायिक सदभाव तथा सभी संप्रदायों के प्रति समादर भाव के सत्यनिष्ठ साधक थे। वे भारतीय सामासिक संस्कृति के अनन्य आराधक थे। रहीम कलम और तलवार के धनी थे और मानव प्रेम के सूत्रधार थे। रहीम के दोहे आज के समय में भी बहुत प्रसिद्ध हैं।
- कक्षा: सातवीं
- विषय: हिंदी
- टॉपिक:रहीम के दोहे
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Date : | Duration Of The Period : |
Pupils Teacher Name : | Pupil Teacher’s Roll Number : |
Class : | Average Age Of the Pupils : |
Subject : | Topic : |
अनुदेशनात्मक उद्देश्य
- विद्यार्थी दोहे के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे |
- विद्यार्थी शब्द पर वाक्य का अर्थ समझने की योग्यता रख पाएंगे |
- विद्यार्थी दोहे में प्रयुक्त कठिन शब्दों का अर्थ समझने की योग्यता कर पाएंगे |
- विद्यार्थी दोहे द्वारा काव्य की भाषा में रचनात्मकता का अनुभव करने के योग्यता प्राप्त कर पाएंगे |
- विद्यार्थी हिंदी साहित्य की उपयोगिता के संबंध में दोहे द्वारा बताई गई जानकारी अपने जीवन में प्रयोग कर सकेंगे |
- विद्यार्थी भाषा के आधार पर भिन्न-भिन्न वाक्यों का मूल्यांकन कर सकेंगे |
अनुदेशनात्मक सामग्री
- सामान्य सामग्री – चौक, झाड़न, संकेतक, श्यामपट्ट
- विशिष्ट सामग्री – रहीम के दोहे लिखा चार्ट
पूर्व ज्ञान परीक्षण
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
बच्चों से दैनिक जीवन से संबंधित प्रश्न करते हुए – क्या आपने रहीम जी का नाम सुना है ? | हां |
रहीम जी क्या लिखते थे ? | दोहे |
क्या आपको रहीम जी का कोई दोहा याद है ? | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्देश्य कथन – रहीम के दोहे पाठ से दोहे पर चर्चा करेंगे |
प्रस्तुतीकरण
शिक्षण बिंदु | शिक्षण विधि | छात्र अध्यापिका क्रियाये | छात्र क्रियाये |
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कही रहीम संपति सगे बनत बहुत बहु रीत बिपति कसौटी जे कसे तेई सांचे मीत | आदर्श वाचन व व्याख्या विधि | छात्रों की पाठ्य पुस्तिका में से रहीम के दोहे पढ़कर सुनाएंगे एवं दोहे का सरल अर्थ भी बताएंगे | |
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संबंधित प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि | रहीम जी ने सच्चा मित्र किसे बताया है ? | उत्तर – |
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तऊ ना छाडति छोह | आदर्श वाचन व व्याख्या विधि | रहीम दास जी एक ऐसे मित्र का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं जो ऐसी साथी के वियोग में अपना प्राण त्याग दें और उसका साथी परवाह किए बिना उसका साथ छोड़ने के लिए तैयार हो जाता है, |
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| प्रश्नोत्तर विधि | रहीम दास जी ने किस प्रकार के मित्र का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं ? | उत्तर |
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विशेषता | व्याख्या विधि | प्रस्तुत दोहे में एक सच्चे मित्र की विस्तारपूर्वक व्याख्या की गई है | |
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संबंधित प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि | संपत्ति के समय कौन साथ देता है ? | उत्तर |
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मूल्यांकन
- संपत्ति और संग का क्या अर्थ है ?
- सच्चा मित्र कैसा होना चाहिए ?
- किस की कसौटी ली गई है ?
- सच्चे मित्र की किस विशेषता को दर्शाया गया है ?
गृह कार्य
- विद्यार्थी दोनों का अर्थ स्पष्ट करके तथा याद करके लाए |
- सच्चे मित्र की पहचान क्या है ?
- कक्षा: नौवीं
- विषय: हिंदी – पत्र
- टॉपिक: स्वस्थ्य अधिकारी को पत्र
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
Date : | Duration Of The Period : |
Pupils Teacher Name : | Pupil Teacher’s Roll Number : |
Class : | Average Age Of the Pupils : |
Subject : | Topic : |
अनुदेशनात्मक उद्देश्य
- विद्यार्थी अपनी बात को स्पष्ट और संक्षिप्त रूप से लिख पाएंगे |
- विद्यार्थी मौखिक और लिखित रूप से अपने भाव व्यक्त कर पाएंगे |
- विद्यार्थी अधिकारियों के लिखे जाने वाले पत्र के विभिन्न अंगों संबोधन प्रशस्ति मुख्य विषय संबंध सूचक शब्द पता आदि लिख पाएंगे |
- विद्यार्थी दैनिक जीवन में पत्र लिखने का प्रयोग कर पाएंगे |
- विद्यार्थी पत्र लेखन का मूल्यांकन कर पाएंगे |
अनुदेशनात्मक सामग्री
- सामान्य सामग्री – चौक, झाड़न, संकेतक, श्यामपट्ट
- विशिष्ट सामग्री – पत्र लिखा हुआ चार्ट
पूर्व ज्ञान परीक्षण
प्रस्तावित प्रश्न | संभावित उत्तर |
तुम किस क्षेत्र में रहते हो ? | संभावित उत्तर |
वहां सफाई की व्यवस्था कौन करता है ? | एमसीडी के कर्मचारी |
यदि वहां सफाई की व्यवस्था ठीक ना हो तो तुम इसकी शिकायत किससे करोगे ? | स्वास्थ्य अधिकारी को |
स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखने की क्या विधि है ? | समस्यात्मक प्रश्न |
उद्घोषणा – आओ बच्चों आज हम स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखना सीखएंगे |
प्रस्तुतीकरण
शिक्षण बिंदु | शिक्षण विधि | छात्र अध्यापक क्रियाएं | छात्र क्रियाए |
पत्र किसे भेजना है | छात्र अध्यापिका बच्चों से पूछेगी कि यह पत्र किसके पास भेजना है चार्ट दिखाते हुए उस अधिकारी का नाम प्रश्न- |
उत्तर औपचारिक पत्र है | |
अधिकारी का नाम
| प्रश्नोत्तर विधि | क्या आप उस अधिकारी को जानते हैं जिसे पत्र लिखा जा रहा है | | नहीं |
संबोधित प्रशस्ति | चार्ट दिखाते हुए सरकारी पत्रों में अधिकारियों को किस प्रकार संबोधित के बाद विस्मयादिबोधक चिन्ह लगाया जाता है | | ||
| प्रश्न उत्तर विधि | आप कहां रहते हैं ? जगह का नाम बताइए | बच्चे अपनी बस्ती का नाम बताएंगे | |
पत्र का मुख्य विषय
निवास स्थान का नाम | छात्र सहभागिता विधि | छात्र अध्यापिका बच्चों से आप क्या सूचना देना चाहते हैं | |
बच्चे अपनी बस्ती का नाम बताएंगे | |
निवेदन दुःख के साथ सूचना सफाई की स्थिति ख़राब है| | प्रश्न उत्तर विधि | प्रश्न – यह सूचना आपको खुशी दे रही है या दुख ?
प्रश्न – आपके इलाके में किस तरह की गंदगी है | हम दुख के साथ यह सूचित करना चाहते हैं कि हमारे इलाके में सफाई की स्थिति बहुत खराब है | जगह-जगह गंदगी के ढेर गड्ढों में बदबूदार पानी जो सड़ गया है नालियों व सीवर की हालत बड़ी खराब है मच्छर वह मक्खियों की भरमार है | |
गन्दगी की दशा | प्रश्न – आपके क्षेत्र में गंदगी क्यों है ? उत्तर – सफाई कर्मचारियों की लापरवाही के कारण बहुत दिनों से ठीक से सफाई नहीं हुई लापरवाही पूर्ण है |
कर्मचारियों का दृष्टिकोण कैसा है ?
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गन्दगी से खतरा | प्रश्न – आपकी जिंदगी पर क्या असर पड़ रहा है?
प्रश्न – आप क्या निवेदन करना चाहते हैं ? उत्तर – सबसे पहले इलाके का दौरा कर लिया जाए व स्थिति को स्वयं देखें सफाई कर्मचारियों से सफाई अभियान चलाया जाए | | उत्तर – गंदगी के कारण सांस लेना मुश्किल है | डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियां फैल रही है | | |
समापन
| व्याख्यान विधि | पत्र के समापन में आप भवदीय का प्रयोग करेंगे क्योंकि अधिकारी आपका परिचित नहीं है | अंत में दाएं और अपना नाम व पता लिखेंगे | |
मूल्यांकन
- आपने किस प्रकार का पत्र लिखा है ?
- यह पत्र क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारी को क्यों लिखा गया ?
- आप की बस्ती में गंदगी की स्थिति कैसी है ?
गृहकार्य
- स्वास्थ्य अधिकारी को नालियों की दशा के बारे में पत्र लिखो |
रामायण और रामचरित मानस हमारे पवित्र ग्रंथ हैं। तुलसीदास जी ने श्री राम को ईश्वर मान कर रामचरितमानस की रचना की है किन्तु आदिकवि वाल्मीकि ने अपने रामायण में श्री राम को मनुष्य ही माना है। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस को राम के राज्यभिषेक के बाद समाप्त कर दिया है वहीं आदिकवि श्री वाल्मीकि ने अपने रामायण में कथा को आगे श्री राम के महाप्रयाण तक वर्णित किया है।
सर्वप्रथम श्रीराम की कथा भगवान श्री शंकर ने माता पार्वतीजी को सुनाई थी। उस कथा को एक कौवे ने भी सुन लिया। उसी कौवे का पुनर्जन्म कागभुशुण्डि के रूप में हुआ। काकभुशुण्डि को पूर्व जन्म में भगवान शंकर के मुख से सुनी वह रामकथा पूरी की पूरी याद थी। उन्होंने यह कथा अपने शिष्यों को सुनाई। इस प्रकार रामकथा का प्रचार-प्रसार हुआ। भगवान शंकर के मुख से निकली श्रीराम की यह पवित्र कथा अध्यात्म रामायण के नाम से विख्यात है।
Date : | Duration Of The Period : |
Pupils Teacher Name : | Pupil Teacher’s Roll Number : |
Class : | Average Age Of the Pupils : |
Subject : | Topic : |
- कक्षा: 6
- विषय: हिंदी
- टॉपिक: अवधपुरी के राम ( राम कथा )
- पाठ योजना प्रकार: स्कूल टीचिंग
अनुदेशनात्मक उद्देश्य
- विद्यार्थी कहानियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे |
- विद्यार्थी कहानियों द्वारा मनुष्य के जीवन में होने वाली ज्ञानात्मक परिवर्तन की सामान्य जानकारी प्राप्त कर सकेंगे |
- विद्यार्थी महापुरुष की कहानी तथा समाज में उनके योगदान के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे |
- विद्यार्थी किसी महापुरुष के द्वारा दी गई अच्छाइयां अपने जीवन में प्रयोग कर सकेंगे |
- विद्यार्थी महापुरुषों के जीवन की विभिन्न घटनाओं का मूल्यांकन कर पाएंगे |
अनुदेशनात्मक सामग्री
- सामान्य सामग्री – चौक, झाड़न, संकेतक, श्यामपट्ट
- विशिष्ट सामग्री – तुलसीदास की रचना का चार्ट
पूर्व ज्ञान परीक्षण
अध्यापक क्रियाये | छात्र क्रियाये |
1. क्या आपने भगवान राम का नाम सुना है ? | हां |
2. भगवान राम कहां रहते थे ? | अयोध्या में |
3. भगवान राम के कितने भाई थे ? | चार |
4. भगवान राम की पत्नी का क्या नाम था ? | सीता |
5. वनवास भगवान राम कितने वर्ष के लिए गए ? | 14 वर्ष के लिए |
6. रघुकुल के उत्तराधिकारी कौन थे ? | संभावित उत्तर |
उद्देश्य कथन – आओ बच्चों ! आज हम इससे सम्बंधित कविता सुनेंगे| अवधपुरी में राम नामक कविता पढेंगे |
शिक्षण बिंदु | शिक्षण विधि | छात्र अध्यापिका क्रियाये | छात्र क्रियाये |
अवधपुरी में राम | व्याख्या विधि | यह कथा अवध की है अवध में स्वयं नदी के किनारे पर एक अति सुंदर नगर था जिसका नाम अयोध्या था | सही अर्थों में एक दर्शनीय भव्यता जैसे विशाल सुंदरता का प्रतीक आलीशान इमारतें ही सुंदर बाग बगीचे थे | |
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राजा दशरथ | व्याख्या विधि | राजा दशरथ यशस्वी राजा थे उन्हें किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं थी लेकिन उनका एक छोटा सा दुख था कि उनकी कोई संतान न थी उनकी आयु लगातार बढ़ती जा रही थी | |
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प्रश्न | प्रश्न उत्तर विधि
प्रश्न
प्रश्न | उन्होंने राजा दशरथ को यज्ञ करने की सलाह दी? राजा दशरथ की कितनी रानियां थी ?
राजा दशरथ की रानियों की चिंता का विषय क्या था ? |
चार रानियां थी
क्योंकि उनकी कोई संतान नहीं थी | |
यज्ञ करने की सलाह | व्याख्या विधि | उन्होंने राजा दशरथ को यज्ञ करने की सलाह दी गुरु वशिष्ट ने महाराजा से कहा कि पुत्र यज्ञ करें आपकी इच्छा अवश्य पूर्ण होगी | |
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यज्ञ की तैयारी | व्याख्या विधि | यह यज्ञ महान श्रृंगि ऋषि तपस्वी की देखरेख में हुआ | पूरा नगर उसकी तैयारी में लगा था | |
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राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न का जन्म
प्रश्न | व्याख्या विधि | कौशल्या ने राम, सुमित्रा ने दो पुत्र लक्ष्मण और शत्रुघ्न और रानी कैकयी के पुत्र का नाम भरत रखा गया | राजा दशरथ के चार पुत्रों के नाम क्या थे |
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मूल्यांकन
- अयोध्या नगरी के बारे में बताइए ?
- राजा दशरथ कौन थे ?
- महायज्ञ किसके लिए किया गया ?
- बच्चों को शिक्षा किसने दी ?
गृहकार्य
- सभी बच्चे राम कथा लिखकर लाएंगे |
- लक्ष्मण की माता कौन थी |
- विश्वमित्र कौन थे|
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Hii muje b.ed k Hindi or Sanskrit k 24 LESSON banvane h ,m pay kr dugi 15-16 July tk chahiye
ReplyDeleteMujhe hindi 2nd year ki chahiur
ReplyDeleteहिंदी साहित्य के लेसन प्लान की पीडीएफ मिल जाएगी
ReplyDeleteUanmesh book 2 class lesson plan koun path
ReplyDeletelesson plan kese bnate hai shikhna hai
ReplyDeleteClass7
ReplyDeleteB.ed lasan
ReplyDeleteमुझे कालांश के हिसाब से सीबीएसई कक्षा छठी से आठवीं तक की इकाई योजना चाहिए।
ReplyDeleteNicy
ReplyDeleteMujhe Sanskrit ki pdf chahiye 3sem ki micro teaching
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