लेसन प्लान का संक्षिप्त विवरण:
- Class : 6th 7th and 8th
- Subject : हिंदी (पद ) - वसंत भाग - 3 NCERT CBSE
- Topic : सूरदास के पद (कविता )
Note: निचे दी गयी हिंदी पाठ योजना केवल एक उदाहरण मात्र है| जिससे आपको Lesson Plan बनाने का Idea मिलता है| आप खुद की कल्पना शक्ति और प्रतिभा से इसे और बेहतर बना सकते है| और साथ ही साथ कक्षा, नाम, कोर्स, दिनांक, अवधि इत्यादि में बदलाव करके इसे आप अपनी सुविधा के अनुसार इस्तेमाल कर सकते है
Surdas Ke Pad Lesson Plan in Hindi for Class 6th,7th and 8th For B.Ed 1st Year, 2nd Year and DELED - सूरदास के पद पाठ योजना
Date: | Duration Of The Period: |
Students Teacher Name: | Pupil-Teacher Roll Number: |
Class: | Average Age Of the Students: |
Subject: | Topic: |
विषय वस्तु विश्लेषण:
"सूरदास के पद" कविता के व्याख्या|
"सूरदास के पद" कविता का भावार्थ|
सामान्य उद्देश्य:
- छात्रों का कविता के प्रति रूचि उत्पन्न करवाना|
- छात्रों में लय ताल व् भावानुसार काव्य पाठ के क्षमता उत्पन्न करवाना|
- छात्रों के कविता के सन्देश के सराहना करने के योग्यता बनाना|
अनुदेशनात्मक उद्देश्य:
- छात्र कवी के भाषा शैली को विशेषता सहित बता सकेंगे|
- छात्र विषय वास्तु का समरण, प्रत्यासाम्रं कर सकेंगे|
- छात्र आरोह अवरोह के साथ कविता का पाठ कर सकेंगे|
- छात्र कविता सुनकर अर्थ ग्रहण करेंगे|
- छात्र कविता का सस्वर पाठ कर सकेंगे छत्र उचित गति से कविता पाठ करने में निपुण हो जायेंगे|
सामान्य शिक्षण सहायक सामग्री:चौक, स्वच्छक, संकेतक, श्यामपट्ट|
अनुदेशनात्मक शिक्षण सामग्री:सूरदास के प्रथम पद से सम्बंधित चार्ट
पूर्व ज्ञान परिकल्पना : कक्षा में प्रवेश करने से पहले छात्र-अध्यापिका यह मानती है, कि विद्यार्थी श्री कृष्ण के बारे में जानते होंगे|
पूर्व ज्ञान परीक्षण:विद्यार्थी के पूर्वज्ञान को जांचने के लिए छात्र-अध्यापिका निम्न प्रश्न पूछेंगी:
छात्र-अध्यापिका क्रियाएं | छात्र-क्रियाएं |
आप किस देश में रहते हैं? | भारत |
भारत में कौन-कौन से महान संत हैं? | कबीरदास,तुलसीदास और सूरदास |
सूरदास के बारे में आप क्या जानते हैं? | समस्यात्मक प्रश्न |
उपविषय की घोषणा:छात्र-अध्यापिका विद्यार्थियों से संतोषजनक उत्तर ना पाकर अपने उप-विषय की घोषणा करेंगी, कि आज हम सूरदास के पद पढेंगे|
प्रस्तुतीकरण:व्याख्यान विधि व चार्ट के माध्यम से छात्र-अध्यापिका कक्षा में अपना पाठ प्रस्तुत करेंगी|
शिक्षण बिंदु: | छात्रध्यापिका क्रियाएं: | छात्र-क्रियाएं: | श्यामपट्ट कार्य: |
कवि परिचय
जन्म म्रत्यु रचनाएं |
छात्रध्यापिका सूरदास का संक्षिप्त परिचय देगी|
छात्रध्यापिका कथन : हिंदी साहित्य के भक्ति काल शाखा के प्रमुख कवि सूरदास जी माने गए हैं| सूरदास जी का जन्म 1540 और मृत्यु संवत् 1620 के आसपास मानी जाती है| सूरदास जी की 25 रचनाएं हैं, किंतु उनकी तीन रचनाएं ही प्रभावी मानी गई हैं, सूरसागरावली और साहित्य लहरी छात्राध्यपिका आवश्यक बिन्दुओं को श्यामपट्ट पर लिखेगी| |
सभी छात्र ध्यानपूर्वक सुनेगे| | जन्म : 1540
म्रत्यु : 1620 रचनाएं 1. सूरसागरावली 2. साहित्य लहरी 3. सूर सागर |
कविता का सार | इस पद में महाकवि सूरदास ने श्री कृष्ण की बाल लीला का सुंदर व सजीव उल्लेख किया है, बालक कृष्ण माता यशोदा से पूछते हैं, कि मेरी चोटी कब लंबी होगी, मैं कितने दिनों से दूध पी रहा हूं, किंतु यह छोटी ही है, तुम ही कहती रहती हो बलराम की चोटी की भांति लंबी हो जाएगी तथा कंघी करने और धोने से नागिन की भांति लम्बी हो जाएगी | सूरदास जी ने बताया है, कि माता यशोदा से बालक श्री कृष्ण कहते हैं, कि आप तो रोज रोज दूध पीने को देती हो मक्खन रोटी नहीं देती, सूरदास जी ने बताया कि माता यशोदा बालक श्रीकृष्ण को गले लगाते हुए कहती है, कि श्री कृष्ण और बलराम की यह जोड़ी हमेशा जीवित रहे, अर्थात लंबी देर तक जीने की कामना करती हैं|
छात्र-अध्यापिका छात्रों को किताब खोलने को कहती हैं| |
सभी ध्यानपूर्वक सुनोगे व अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखेंगे| | |
आदर्श वाचन | छात्र-अध्यापिका उचित हावभाव एवं आरोह विरोह के साथ संपूर्ण कविता का सस्वर पठन करेंगे| | सभी विद्यार्थियों ने अपनी पाठ्य पुस्तिका खोली| | |
अनुकरण वाचन | छात्र-अध्यापिका कक्षा की दो तीन छात्राओं से अलग-अलग पदों का वाचन करने के लिए निर्देश देगी, और उनके वाचन को ध्यान पूर्वक सुनेगी, तथा उनके पठन दोषों को दूर करेंगी| | छात्र ध्यान पूर्वक सुनेगे| | |
शब्दार्थ कथन | छात्र-अध्यापिका कविता में आए कठिन शब्दों का अर्थ बताएगी तथा उन्हें श्यामपट्ट पर लिखेगी|
किती बार – कितनी बार पियत – पीता हूं अजहूं – अब भी बेनी – चोटी है – हो जाएगी काढ़त – कंघी करना गुहत – गूंथना न्हवावत – नहलाना जोटी – जोड़ी |
शब्द अर्थ
किती बार पियत अजहूं बेनी है काढ़त गुहत न्हवावत जोटी |
|
भाव विश्लेषण एवं सौद्र्यनुभुति | छात्र-अध्यापिका प्रश्नों का कथन की सहायता से कविता के भाव को स्पष्ट कर सौंदर्य अनुभूति करवाएंगी|
छात्र-अध्यापिका कविता का पठन करेंगी व प्रश्न पूछेंगी: |
विद्यार्थी प्रश्न का उत्तर देंगे| | |
प्रश्न कथन |
प्रश्न :
बालक श्री कृष्ण माता यशोदा को मक्खन रोटी ना देने के कारण शिकायत करता है, किंतु माता यशोदा उसे चोटी बढ़ने के बहाने दूध पिलाना चाहती हैं| |
चोटी लम्बी करने के लिए
माखन रोटी |
सामान्यीकरण:छात्र-अध्यापिका यह मानकर चलती हैं कि विद्यार्थियों को सूरदास के पद समझ में आ गए होंगे|
पुनरावृति:
- सूरदास जी का जन्म कब हुआ?
- सूरदास जी की रचनाओं के नाम बताओ?
- इस पद में कवि क्या कहना चाहता है?
गृहकार्य:
छात्र-अध्यापिका विद्यार्थियों को निम्न गृह कार्य देंगी?
- बालक श्रीकृष्ण अपनी माता से क्या पूछते हैं?
- माता यशोदा पद के अंत में क्या कामना करती हैं?
- इस कविता का भावार्थ अपने शब्दों में लिखकर लाएं?
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